लखनऊ : UP Assembly Election 2022 : तिलहर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे रोशन लाल के पार्टी छोड़ने के बाद, शाहजहांपुर जिले की इस विधानसभा सीट का समीकरण भी बदल गया है. रोशन लाल ने पिछली बार कांग्रेस में रहे जितिन प्रसाद को बहुत ही मामूली अंतर से हराकर यह सीट जीती थी. इस बार जितिन प्रसाद भारतीय जनता पार्टी में हैं, उनको एमएलसी बनाकर मंत्री पद दे दिया गया है. अब जितिन प्रसाद पर ही जिम्मेदारी है कि वह तिलहर सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा को देखते हुए जीत दिलवाएं.
पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी में तिलहर विधानसभा से सलोना कुशवाह को शामिल करवाया है. इसको लेकर जितिन प्रसाद का कहना है कि उनके आने से पार्टी तिलहर विधानसभा में मजबूत होगी. तिलहर विधानसभा में भाजपा से खड़े हुए रोशनलाल ने करीब 72 हजार वोट पाए थे, जबकि कांग्रेस, सपा गठबंधन से खड़े हुए जितिन प्रसाद को 66 हजार वोट मिले थे. बहुत मामूली अंतर से हारे जितिन प्रसाद एमएलसी बनकर भले ही मंत्री बने हों, मगर उन पर जिम्मेदारी होगी कि वे तिलहर और आसपास की सीटों पर भाजपा को जीत दिलवाएं, जिसको लेकर जितिन जुटे हुए हैं.
तिलहर विधानसभा क्षेत्र के अलावा धौराहरा लखीमपुर और आसपास की कई अन्य सीटों पर भी जितिन प्रसाद और उनके परिवार का अच्छा प्रभाव है. इसलिए उन पर जिम्मेदारी होगी ना केवल ब्राह्मण वोटों का, बल्कि अन्य वर्गों के वोटों के लिए वे प्रयास करें. जितिन प्रसाद इसको लेकर सक्रिय हैं और लगातार अपने क्षेत्र से बड़े नेताओं को भाजपा में ज्वाइन करा रहे हैं. इसमें सबसे अधिक प्रतिष्ठा की सीट तिलहर होगी. जहां सपा के रोशन लाल को वह इस बार पटखनी देकर ना केवल अपनी पिछली हार का बदला लेंगे, बल्कि भाजपा में अपने होने को सार्थक करेंगे.
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रोशन लाल इससे पहले 2012 में भी बहुजन समाज पार्टी से तिलहर सीट पर विधायक बने थे. 2017 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन की. तिलहर से विधायक बने, इसके बाद में उन्होंने 2022 के चुनाव के लिए एक बार फिर पार्टी छोड़कर सपा जॉइन कर ली है. ऐसे में उनको हैट्रिक मारने से रोकना जितिन प्रसाद की बड़ी जिम्मेदारी होगी.
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