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लूटा चुनाव के नतीजों ने खड़े किए सवाल, लविवि में सब कुछ ठीक नहीं

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Published : Mar 10, 2021, 5:17 PM IST

लखनऊ विश्विद्यालय शिक्षक संघ की नई कार्यकारिणी के चुनाव नतीजे आ गए हैं. इसमें गणित विभाग के डॉ. विनीत वर्मा ने जीत हासिल की है.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) की नई कार्यकारिणी के चुनाव के नतीजे जारी हो चुके हैं. गणित विभाग के डॉ. विनीत वर्मा ने अप्रत्याशित जीत हासिल की है. उन्हें अध्यक्ष पद के लिए चुना गया. उनके सामने भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ. आरबी सिंह खड़े थे, उनको सिर्फ 100 वोट प्राप्त हुए.

डॉ. विनीत वर्मा की इस अप्रत्याशित जीत ने कई सवाल भी खड़े किए हैं. इस चुनाव के नतीजों ने शिक्षकों में प्रशासन को लेकर पनप रहे रोष को खुलकर सामने ला दिया है. इस चुनाव ने बाहर से दिखाई जा रही विश्वविद्यालय की 'सब कुछ ठीक है' वाली इमेज पर भी सवाल खड़े किए हैं.

बता दें कि वर्ष 2019 में लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह का शिक्षक संघ ने खुलकर विरोध किया था. इस विरोध के स्वर की ही देन थी कि डॉ. नीरज जैन को अध्यक्ष और महामंत्री के रूप में डॉ. विनीत वर्मा को चुना गया. प्रो. एसपी सिंह के जाने के बाद प्रो. आलोक कुमार राय ने कुलपति पद की जिम्मेदारी संभाली. करीब 1 साल 3 महीने का समय गुजर गया. इस दौरान उन्होंने प्रशासन की एक अलग छवि प्रस्तुत करने के दावे किए. उन्होंने प्रशासन में ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित करने की बात कही. लेकिन, चुनाव के नतीजों ने यह दिखा दिया कि उनके सारे प्रयास नाकाफी हैं.

प्रशासन के विरोध में हुआ मतदान
लूटा के निवर्तमान महामंत्री और नए अध्यक्ष डॉ. विनीत वर्मा की छवि प्रशासन विरोधी के रूप में रही है. उन्हें अलग-अलग मंचों पर प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए देखा गया. इस बार के चुनाव में इसको लेकर काफी चर्चाएं भी हुई. जानकारों की मानें तो, यह मतदान प्रशासन के विरोध में हुआ.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) की नई कार्यकारिणी के चुनाव के नतीजे जारी हो चुके हैं. गणित विभाग के डॉ. विनीत वर्मा ने अप्रत्याशित जीत हासिल की है. उन्हें अध्यक्ष पद के लिए चुना गया. उनके सामने भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ. आरबी सिंह खड़े थे, उनको सिर्फ 100 वोट प्राप्त हुए.

डॉ. विनीत वर्मा की इस अप्रत्याशित जीत ने कई सवाल भी खड़े किए हैं. इस चुनाव के नतीजों ने शिक्षकों में प्रशासन को लेकर पनप रहे रोष को खुलकर सामने ला दिया है. इस चुनाव ने बाहर से दिखाई जा रही विश्वविद्यालय की 'सब कुछ ठीक है' वाली इमेज पर भी सवाल खड़े किए हैं.

बता दें कि वर्ष 2019 में लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह का शिक्षक संघ ने खुलकर विरोध किया था. इस विरोध के स्वर की ही देन थी कि डॉ. नीरज जैन को अध्यक्ष और महामंत्री के रूप में डॉ. विनीत वर्मा को चुना गया. प्रो. एसपी सिंह के जाने के बाद प्रो. आलोक कुमार राय ने कुलपति पद की जिम्मेदारी संभाली. करीब 1 साल 3 महीने का समय गुजर गया. इस दौरान उन्होंने प्रशासन की एक अलग छवि प्रस्तुत करने के दावे किए. उन्होंने प्रशासन में ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित करने की बात कही. लेकिन, चुनाव के नतीजों ने यह दिखा दिया कि उनके सारे प्रयास नाकाफी हैं.

प्रशासन के विरोध में हुआ मतदान
लूटा के निवर्तमान महामंत्री और नए अध्यक्ष डॉ. विनीत वर्मा की छवि प्रशासन विरोधी के रूप में रही है. उन्हें अलग-अलग मंचों पर प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए देखा गया. इस बार के चुनाव में इसको लेकर काफी चर्चाएं भी हुई. जानकारों की मानें तो, यह मतदान प्रशासन के विरोध में हुआ.

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