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UP Chunav 2022: चुनाव आयोग ने की ये तब्दीलियां, मतदान के दौरान होगा ये नया..

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Published : Feb 9, 2022, 2:04 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 3:32 PM IST

यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए कल मतदान होना है. लेकिन आयोग ने कोरोना को देखते हुए चुनाव की प्रक्रिया समेत मतदाताओं की सुरक्षा के मद्देनजर कई बदलाव भी किए हैं. बता दें कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए मतदान कराए जाएंगे तो वहीं, एक बूथ पर 1500 मतदाताओं की जगह 1250 लोग ही वोट कर पाएंगे. इसके चलते 11 हजार बूथ बढ़ाए गए हैं.

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लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए कल मतदान होना है. लेकिन आयोग ने कोरोना को देखते हुए चुनाव की प्रक्रिया समेत मतदाताओं की सुरक्षा के मद्देनजर कई बदलाव भी किए हैं. बता दें कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए मतदान कराए जाएंगे तो वहीं, एक बूथ पर 1500 मतदाताओं की जगह 1250 लोग ही वोट कर पाएंगे. इसके चलते 11 हजार बूथ बढ़ाए गए हैं.

एक नजर बदले नियमों पर

1. दागी प्रत्याशियों के लिए होंगे ये नियम

आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि दागी प्रत्याशियों को अपने आपराधिक पृष्टभूमि से आम मतदाताओं को अवगत कराना होगा. साथ ही समाचार पत्रों में विज्ञापन देने तक की बात कही गई थी. इतना ही नहीं कहा गया था कि विज्ञापन में यह भी बताना जरूर होगा कि उनपर किन-किन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. यही नहीं जिस पार्टी से वो प्रत्याशी घोषित हुए हैं उसे भी विज्ञापन के जरिए आम लोगों को यह बताना होगा कि आखिर उनकी पार्टी ने आपराधिक पृष्टभूमि वाले प्रत्याशी क्यों घोषित किया है? इसके इतर, दागी उम्मीदवारों को पर्चा वापस लेने की आखिरी तारीख से मतदान के दो दिन पहले तक के आपराधिक रिकॉर्ड समचार पत्रों और टीवी चैनलों के माध्यम से मतदाताओं को बताने होंगे. उन्हें सभी लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा बड़े अक्षरों में समाचार पत्रों में छपवाने होंगे.

इसे भी पढ़ें - आ गए चुनाव, पहले चरण में दांव पर इन वीआईपी की किस्मत....

2. घर बैठे मतदान कर सकेंगे बुजुर्ग, दिव्यांग और मरीज

आयोग ने अबकी बुजुर्गों, दिव्यांगों और मरीजों को घर से वोट देने की सुविधा मुहैया कराई है. इसके लिए वोटर्स को पहले से ही सूचना देनी होगी. ऐसे मतदाता बैलेट पेपर के जरिए अपना वोट कर सकेंगे. बता दें कि बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में पहली बार ये सुविधा दी जा रही है.

3. महिलाओं को प्रोत्साहित करने को आयोग ने की ये पहल

पहली बार कम से कम 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे बनाए गए हैं, जहां केवल महिला पोलिंग अधिकारी होंगी. ये महिलाओं को प्रोत्साहित करने के इरादे से किया जा रहा है.

4. पारदर्शिता के लिए बूथ से होगी वेबकास्टिंग

अबकी आयोग ने चुनाव में पारदर्शिता कायम करने के लिए कम से कम एक लाख बूथ पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था करने की बात कही है. हालांकि यह पहली बार होगा, जब इतनी बड़ी संख्या में पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग होगी. इसके जरिए लोग देख सकेंगे कि पूरी पारदर्शिता के साथ वोटिंग हो रही है कि नहीं.

5. मतदान का समय एक घंटे बढ़ाया

कोरोना को देखते हुए मतदान का समय एक घंटे बढ़ा दिया गया है. आयोग के मुताबिक नए मतदाताओं में 19.89 लाख युवा मतदाता हैं यानी इनकी उम्र 18-19 साल हैं. पहली बार महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से अधिक हुई है. चुनाव आयोग के मुताबिक साल 2017 में लिंगानुपात 839 था यानी एक हजार पुरुषों पर 839 महिला वोटर थीं. इस बार यह बढ़कर 868 हो गया है. पांच लाख महिला वोटर्स की संख्या में इजाफा हुआ है. उत्तर प्रदेश में इस वक्त 10 लाख 64 हजार 267 दिव्यांग मतदाता हैं.

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लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए कल मतदान होना है. लेकिन आयोग ने कोरोना को देखते हुए चुनाव की प्रक्रिया समेत मतदाताओं की सुरक्षा के मद्देनजर कई बदलाव भी किए हैं. बता दें कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए मतदान कराए जाएंगे तो वहीं, एक बूथ पर 1500 मतदाताओं की जगह 1250 लोग ही वोट कर पाएंगे. इसके चलते 11 हजार बूथ बढ़ाए गए हैं.

एक नजर बदले नियमों पर

1. दागी प्रत्याशियों के लिए होंगे ये नियम

आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि दागी प्रत्याशियों को अपने आपराधिक पृष्टभूमि से आम मतदाताओं को अवगत कराना होगा. साथ ही समाचार पत्रों में विज्ञापन देने तक की बात कही गई थी. इतना ही नहीं कहा गया था कि विज्ञापन में यह भी बताना जरूर होगा कि उनपर किन-किन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. यही नहीं जिस पार्टी से वो प्रत्याशी घोषित हुए हैं उसे भी विज्ञापन के जरिए आम लोगों को यह बताना होगा कि आखिर उनकी पार्टी ने आपराधिक पृष्टभूमि वाले प्रत्याशी क्यों घोषित किया है? इसके इतर, दागी उम्मीदवारों को पर्चा वापस लेने की आखिरी तारीख से मतदान के दो दिन पहले तक के आपराधिक रिकॉर्ड समचार पत्रों और टीवी चैनलों के माध्यम से मतदाताओं को बताने होंगे. उन्हें सभी लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा बड़े अक्षरों में समाचार पत्रों में छपवाने होंगे.

इसे भी पढ़ें - आ गए चुनाव, पहले चरण में दांव पर इन वीआईपी की किस्मत....

2. घर बैठे मतदान कर सकेंगे बुजुर्ग, दिव्यांग और मरीज

आयोग ने अबकी बुजुर्गों, दिव्यांगों और मरीजों को घर से वोट देने की सुविधा मुहैया कराई है. इसके लिए वोटर्स को पहले से ही सूचना देनी होगी. ऐसे मतदाता बैलेट पेपर के जरिए अपना वोट कर सकेंगे. बता दें कि बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में पहली बार ये सुविधा दी जा रही है.

3. महिलाओं को प्रोत्साहित करने को आयोग ने की ये पहल

पहली बार कम से कम 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे बनाए गए हैं, जहां केवल महिला पोलिंग अधिकारी होंगी. ये महिलाओं को प्रोत्साहित करने के इरादे से किया जा रहा है.

4. पारदर्शिता के लिए बूथ से होगी वेबकास्टिंग

अबकी आयोग ने चुनाव में पारदर्शिता कायम करने के लिए कम से कम एक लाख बूथ पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था करने की बात कही है. हालांकि यह पहली बार होगा, जब इतनी बड़ी संख्या में पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग होगी. इसके जरिए लोग देख सकेंगे कि पूरी पारदर्शिता के साथ वोटिंग हो रही है कि नहीं.

5. मतदान का समय एक घंटे बढ़ाया

कोरोना को देखते हुए मतदान का समय एक घंटे बढ़ा दिया गया है. आयोग के मुताबिक नए मतदाताओं में 19.89 लाख युवा मतदाता हैं यानी इनकी उम्र 18-19 साल हैं. पहली बार महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से अधिक हुई है. चुनाव आयोग के मुताबिक साल 2017 में लिंगानुपात 839 था यानी एक हजार पुरुषों पर 839 महिला वोटर थीं. इस बार यह बढ़कर 868 हो गया है. पांच लाख महिला वोटर्स की संख्या में इजाफा हुआ है. उत्तर प्रदेश में इस वक्त 10 लाख 64 हजार 267 दिव्यांग मतदाता हैं.

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Last Updated : Feb 9, 2022, 3:32 PM IST
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