ETV Bharat / state

वाराणसी EVM मामले में चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लगाया था बड़ा आरोप

वाराणसी में EVM ले जाती गाड़ी के मिलने और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से धांधली की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने जवाब दिया है. चुनाव आयोग ने मंगलवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि कुछ मीडिया चैनलों की ओर से यह संज्ञान में लाया गया कि वाराणसी में 8 मार्च, 2022 को कुछ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें गाड़ी में ले जाई जा रही थीं, जिन पर वहां मौजूद राजनीतिक प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई थी.

author img

By

Published : Mar 9, 2022, 6:55 AM IST

Lko  lucknow latest news  etv bharat up news  UP Assembly Election 2022  Uttar Pradesh Assembly Election 2022  UP Election Results 2022  यूपी विधानसभा चुनाव 2022  up assembly election 2022  UP Election 2022  यूपी का सियासी रण 2022  वाराणसी EVM मामला  चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव  अखिलेश यादव ने लगाया था बड़ा आरोप  Election Commission  Varanasi EVM case  Akhilesh Yadav had made a big allegation  वाराणसी में EVM  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन  जिला निर्वाचन अधिकारी  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन स्ट्रॉंग रूम  जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी
Lko lucknow latest news etv bharat up news UP Assembly Election 2022 Uttar Pradesh Assembly Election 2022 UP Election Results 2022 यूपी विधानसभा चुनाव 2022 up assembly election 2022 UP Election 2022 यूपी का सियासी रण 2022 वाराणसी EVM मामला चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अखिलेश यादव ने लगाया था बड़ा आरोप Election Commission Varanasi EVM case Akhilesh Yadav had made a big allegation वाराणसी में EVM सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन जिला निर्वाचन अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन स्ट्रॉंग रूम जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी

लखनऊ: वाराणसी में EVM ले जाती गाड़ी के मिलने और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से धांधली की शिकायत के साथ ही पार्टी की ओर से ज्ञापन दिए जाने के बाद चुनाव आयोग ने अब जवाब दिया है. चुनाव आयोग ने मंगलवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि कुछ मीडिया चैनलों की ओर से यह संज्ञान में लाया गया कि वाराणसी में 8 मार्च, 2022 को कुछ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें गाड़ी में ले जाई जा रही थीं, जिन पर वहां मौजूद राजनीतिक प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई थी.

जिला निर्वाचन अधिकारी के प्रेषित आख्या के अनुसार जांच में यह पाया गया कि ये ईवीएम प्रशिक्षण के लिए चिन्हित थीं. जिले में मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए 9 मार्च, 2022 को प्रशिक्षण आयोजित किया गया है. जिसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज स्थित प्रशिक्षण स्थल ले लाई जा रही थीं, जहां 10 मार्च को काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की द्वितीय ट्रेनिंग होनी है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं.

चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब
चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब

इसे भी पढ़ें - akhilesh evm fraud : रिपोर्टर ने पूछा अधिकारी का नाम, भड़क गए अखिलेश यादव

हालांकि, प्रशिक्षण के लिए ले जाई जा रही इन ईवीएम मशीनों को कुछ सियासी दलों के लोगों ने रोकने की कोशिश की. साथ ही उसे चुनाव में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें कह कर अफवाह फैलाई गई. मतदान में प्रयुक्त सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन स्ट्रॉंग रूम के अंदर सील बंद हैं और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में सुरक्षित हैं.

ये मशीन पूरी तरह से अलग हैं और सुरक्षित हैं. जिसे सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है. सभी सियासी दलों व प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों की ओर से सीसीटीवी कवरेज के माध्यम से इन पर लगातार (24&7) सीधी निगरानी की जा रही है. जिला निर्वाचन अधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी की ओर से सियासी दलों के प्रतिनिधियों को भी इसके संबंध में जानकारी दी गई और घटना से संबंधित तथ्यों से उपस्थित मीडियाकर्मियों को भी अवगत कराया गया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: वाराणसी में EVM ले जाती गाड़ी के मिलने और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से धांधली की शिकायत के साथ ही पार्टी की ओर से ज्ञापन दिए जाने के बाद चुनाव आयोग ने अब जवाब दिया है. चुनाव आयोग ने मंगलवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि कुछ मीडिया चैनलों की ओर से यह संज्ञान में लाया गया कि वाराणसी में 8 मार्च, 2022 को कुछ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें गाड़ी में ले जाई जा रही थीं, जिन पर वहां मौजूद राजनीतिक प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई थी.

जिला निर्वाचन अधिकारी के प्रेषित आख्या के अनुसार जांच में यह पाया गया कि ये ईवीएम प्रशिक्षण के लिए चिन्हित थीं. जिले में मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए 9 मार्च, 2022 को प्रशिक्षण आयोजित किया गया है. जिसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज स्थित प्रशिक्षण स्थल ले लाई जा रही थीं, जहां 10 मार्च को काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की द्वितीय ट्रेनिंग होनी है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं.

चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब
चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब

इसे भी पढ़ें - akhilesh evm fraud : रिपोर्टर ने पूछा अधिकारी का नाम, भड़क गए अखिलेश यादव

हालांकि, प्रशिक्षण के लिए ले जाई जा रही इन ईवीएम मशीनों को कुछ सियासी दलों के लोगों ने रोकने की कोशिश की. साथ ही उसे चुनाव में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें कह कर अफवाह फैलाई गई. मतदान में प्रयुक्त सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन स्ट्रॉंग रूम के अंदर सील बंद हैं और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में सुरक्षित हैं.

ये मशीन पूरी तरह से अलग हैं और सुरक्षित हैं. जिसे सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है. सभी सियासी दलों व प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों की ओर से सीसीटीवी कवरेज के माध्यम से इन पर लगातार (24&7) सीधी निगरानी की जा रही है. जिला निर्वाचन अधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी की ओर से सियासी दलों के प्रतिनिधियों को भी इसके संबंध में जानकारी दी गई और घटना से संबंधित तथ्यों से उपस्थित मीडियाकर्मियों को भी अवगत कराया गया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.