लखनऊ: वाराणसी में EVM ले जाती गाड़ी के मिलने और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से धांधली की शिकायत के साथ ही पार्टी की ओर से ज्ञापन दिए जाने के बाद चुनाव आयोग ने अब जवाब दिया है. चुनाव आयोग ने मंगलवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि कुछ मीडिया चैनलों की ओर से यह संज्ञान में लाया गया कि वाराणसी में 8 मार्च, 2022 को कुछ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें गाड़ी में ले जाई जा रही थीं, जिन पर वहां मौजूद राजनीतिक प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई थी.
जिला निर्वाचन अधिकारी के प्रेषित आख्या के अनुसार जांच में यह पाया गया कि ये ईवीएम प्रशिक्षण के लिए चिन्हित थीं. जिले में मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए 9 मार्च, 2022 को प्रशिक्षण आयोजित किया गया है. जिसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज स्थित प्रशिक्षण स्थल ले लाई जा रही थीं, जहां 10 मार्च को काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की द्वितीय ट्रेनिंग होनी है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं.
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हालांकि, प्रशिक्षण के लिए ले जाई जा रही इन ईवीएम मशीनों को कुछ सियासी दलों के लोगों ने रोकने की कोशिश की. साथ ही उसे चुनाव में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें कह कर अफवाह फैलाई गई. मतदान में प्रयुक्त सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन स्ट्रॉंग रूम के अंदर सील बंद हैं और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में सुरक्षित हैं.
ये मशीन पूरी तरह से अलग हैं और सुरक्षित हैं. जिसे सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है. सभी सियासी दलों व प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों की ओर से सीसीटीवी कवरेज के माध्यम से इन पर लगातार (24&7) सीधी निगरानी की जा रही है. जिला निर्वाचन अधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी की ओर से सियासी दलों के प्रतिनिधियों को भी इसके संबंध में जानकारी दी गई और घटना से संबंधित तथ्यों से उपस्थित मीडियाकर्मियों को भी अवगत कराया गया.
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