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लंबे समय से वेटिंग में चल रहे 8 आईएएस अफसरों को मिली पोस्टिंग

उत्तर प्रदेश में कई आईएएस अफसरों को प्रतीक्षारत किया गया था. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित करने के साथ ही प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन से बात भी की. इसके बाद योगी सरकार ने अब आठ आईएएस अधिकारियों को पोस्टिंग दे दी है.

आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग
आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग
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Published : Jun 14, 2020, 10:20 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 7:37 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को लेकर ईटीवी भारत की ओर से चलाई गई खबर का बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में कई तरह की जांच और बिना जांच के कुछ ऐसे अफसरों के लंबे समय से वेटिंग यानी प्रतीक्षारत किए जाने को लेकर सवाल उठाते हुए खबर दिखाई थी. इसके बाद वेटिंग लिस्ट वाले 8 आईएएस अफसरों को अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पोस्टिंग दी गई है.

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ईटीवी भारत की खबर का असर.

ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रकाशित किए जाने के बाद नियुक्ति विभाग की तरफ से प्रतीक्षारत आईएएस अफसरों को पोस्टिंग दिए जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया था. इसके बाद रविवार को इन परीक्षारत अफसरों को शासन में पोस्टिंग दी गई है. उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार लंबे समय से वेटिंग में चलने वाले आईएएस अधिकारी अजय सिंह को सचिव राष्ट्रीय एकीकरण, संतोष राय को विशेष सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, अभय कुमार को विशेष सचिव उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय, पवन को भाषा विभाग का विशेष सचिव, विवेक कुमार को विशेष सचिव नियोजन विभाग, प्रशांत शर्मा को वाह्य सहायतित परियोजना उत्तर प्रदेश का विशेष सचिव, देवी शरण उपाध्याय को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का विशेष सचिव और पिछले दिनों निलंबित किए जाने के बाद बहाल होने वाले आईएएस अधिकारी अमरनाथ उपाध्याय को विशेष सचिव राजनीतिक पेंशन विभाग भेजा गया है.

वहीं लंबे समय से वेटिंग में चलने वाले अफसरों को अब नई पोस्टिंग दी गई है. इनमें से प्रशांत शर्मा को छोड़कर सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और इन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद वेटिंग यानी प्रतीक्षारत कर दिया गया था. इसको लेकर ईटीवी भारत ने सवाल उठाया था कि कई अफसर ऐसे हैं, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन न तो जांच पूरी हो पा रही है और न ही इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. वहीं सिर्फ ऐसे अफसरों को जांच के आधार पर प्रतीक्षारत किया गया है.

इसको लेकर ईटीवी भारत ने खबर चलाई और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन से बात की थी. इस पर उन्होंने कहा था कि सिर्फ जांच के आधार पर किसी अफसर को वेटिंग में नहीं रखा जा सकता. ऐसे अफसरों को कोई न कोई काम देकर प्रशासनिक काम लिया जाता रहना चाहिए. प्रशासनिक दृष्टिकोण से अफसरों को लंबे समय तक प्रतीक्षारत किया जाना ठीक नहीं माना जाता. ईटीवी भारत की खबर के बाद उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग की तरफ से प्रतीक्षारत आईएएस अफसरों को पोस्टिंग दिए जाने को लेकर प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया था, जिसके बाद रविवार को इन अफसरों को पोस्टिंग दिए जाने पर मुहर लगी और इनको नई पोस्टिंग दे दी गई है.

ये अधिकारी थे प्रतीक्षारत

  • अजय कुमार सिंह अक्टूबर 2019 से
  • अभय सिंह जुलाई 2019 से
  • देवी शरण उपाध्याय जुलाई 2019 से
  • विवेक जुलाई 2019 से
  • पवन कुमार जुलाई 2019 से
  • संतोष कुमार राय जुलाई 2019 से
  • बी चंद्रकला (स्टडी लीव) जुलाई 2018 से
  • प्रशांत वर्मा नवंबर 2019 से
  • शीतल वर्मा फरवरी 2019 से

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को लेकर ईटीवी भारत की ओर से चलाई गई खबर का बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में कई तरह की जांच और बिना जांच के कुछ ऐसे अफसरों के लंबे समय से वेटिंग यानी प्रतीक्षारत किए जाने को लेकर सवाल उठाते हुए खबर दिखाई थी. इसके बाद वेटिंग लिस्ट वाले 8 आईएएस अफसरों को अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पोस्टिंग दी गई है.

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ईटीवी भारत की खबर का असर.

ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रकाशित किए जाने के बाद नियुक्ति विभाग की तरफ से प्रतीक्षारत आईएएस अफसरों को पोस्टिंग दिए जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया था. इसके बाद रविवार को इन परीक्षारत अफसरों को शासन में पोस्टिंग दी गई है. उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार लंबे समय से वेटिंग में चलने वाले आईएएस अधिकारी अजय सिंह को सचिव राष्ट्रीय एकीकरण, संतोष राय को विशेष सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, अभय कुमार को विशेष सचिव उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय, पवन को भाषा विभाग का विशेष सचिव, विवेक कुमार को विशेष सचिव नियोजन विभाग, प्रशांत शर्मा को वाह्य सहायतित परियोजना उत्तर प्रदेश का विशेष सचिव, देवी शरण उपाध्याय को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का विशेष सचिव और पिछले दिनों निलंबित किए जाने के बाद बहाल होने वाले आईएएस अधिकारी अमरनाथ उपाध्याय को विशेष सचिव राजनीतिक पेंशन विभाग भेजा गया है.

वहीं लंबे समय से वेटिंग में चलने वाले अफसरों को अब नई पोस्टिंग दी गई है. इनमें से प्रशांत शर्मा को छोड़कर सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और इन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद वेटिंग यानी प्रतीक्षारत कर दिया गया था. इसको लेकर ईटीवी भारत ने सवाल उठाया था कि कई अफसर ऐसे हैं, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन न तो जांच पूरी हो पा रही है और न ही इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. वहीं सिर्फ ऐसे अफसरों को जांच के आधार पर प्रतीक्षारत किया गया है.

इसको लेकर ईटीवी भारत ने खबर चलाई और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन से बात की थी. इस पर उन्होंने कहा था कि सिर्फ जांच के आधार पर किसी अफसर को वेटिंग में नहीं रखा जा सकता. ऐसे अफसरों को कोई न कोई काम देकर प्रशासनिक काम लिया जाता रहना चाहिए. प्रशासनिक दृष्टिकोण से अफसरों को लंबे समय तक प्रतीक्षारत किया जाना ठीक नहीं माना जाता. ईटीवी भारत की खबर के बाद उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग की तरफ से प्रतीक्षारत आईएएस अफसरों को पोस्टिंग दिए जाने को लेकर प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया था, जिसके बाद रविवार को इन अफसरों को पोस्टिंग दिए जाने पर मुहर लगी और इनको नई पोस्टिंग दे दी गई है.

ये अधिकारी थे प्रतीक्षारत

  • अजय कुमार सिंह अक्टूबर 2019 से
  • अभय सिंह जुलाई 2019 से
  • देवी शरण उपाध्याय जुलाई 2019 से
  • विवेक जुलाई 2019 से
  • पवन कुमार जुलाई 2019 से
  • संतोष कुमार राय जुलाई 2019 से
  • बी चंद्रकला (स्टडी लीव) जुलाई 2018 से
  • प्रशांत वर्मा नवंबर 2019 से
  • शीतल वर्मा फरवरी 2019 से
Last Updated : Jun 15, 2020, 7:37 AM IST
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