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लखनऊ: पहिए को नहीं मिली रफ्तार, रिक्शा चालक घूम रहे लाचार - रिक्शा चालकों पर लॉकडाउन का असर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन के कारण रिक्शा चालकों की काफी दयनीय हो गयी है. लॉकडाउन में रिक्शा चालकों को सवारियों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं लोग भी कोरोना के डर से घरों से ज्यादा नहीं निकल रहे हैं.

लखनऊ में रिक्शा चालकों की स्तिथि
लखनऊ में रिक्शा चालकों की स्तिथि
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Published : Jun 3, 2020, 3:49 AM IST

लखनऊ: लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक-1.0 शुरू हो गया है, लेकिन आज भी रिक्शा चालकों को उनके पहियों की रफ्तार नहीं मिल पा रही है. उन्हें दूसरों के सहारे ही अपना जीवन जीना पड़ रहा है.

लॉकडाउन में रिक्शा चालक लाचार

आज भी राजधानी लखनऊ में अन्य जनपदों और राज्यों से कमाने आए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने उन रिक्शा चालकों से बात की, जिनका कहना है कि वह दूसरों से मांग कर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं.

रिक्शा चालकों का कहना है कि लॉकडाउन के समय से लेकर अब तक उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. रिक्शा चालकों ने बताया कि इस वक्त लोग अपने घर से खुद के साधनों से निकल रहे हैं, क्योंकि उनके मन में कोरोना वायरस का भय है. इसी वजह से उन्हें कोई भी सवारी नहीं मिल पा रही है.

रिक्शा चालकों ने बताया कि दिन में 20 रूपये की सवारी मिलती है, लेकिन उससे परिवार नहीं चल सकता. कोई रिक्शा चलाने राजधानी लखनऊ में अन्य जनपद से आया है तो कोई अन्य राज्य से, लेकिन इस महामारी के बाद अब रिक्शा ही नहीं बल्कि परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

लखनऊ: लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक-1.0 शुरू हो गया है, लेकिन आज भी रिक्शा चालकों को उनके पहियों की रफ्तार नहीं मिल पा रही है. उन्हें दूसरों के सहारे ही अपना जीवन जीना पड़ रहा है.

लॉकडाउन में रिक्शा चालक लाचार

आज भी राजधानी लखनऊ में अन्य जनपदों और राज्यों से कमाने आए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने उन रिक्शा चालकों से बात की, जिनका कहना है कि वह दूसरों से मांग कर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं.

रिक्शा चालकों का कहना है कि लॉकडाउन के समय से लेकर अब तक उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. रिक्शा चालकों ने बताया कि इस वक्त लोग अपने घर से खुद के साधनों से निकल रहे हैं, क्योंकि उनके मन में कोरोना वायरस का भय है. इसी वजह से उन्हें कोई भी सवारी नहीं मिल पा रही है.

रिक्शा चालकों ने बताया कि दिन में 20 रूपये की सवारी मिलती है, लेकिन उससे परिवार नहीं चल सकता. कोई रिक्शा चलाने राजधानी लखनऊ में अन्य जनपद से आया है तो कोई अन्य राज्य से, लेकिन इस महामारी के बाद अब रिक्शा ही नहीं बल्कि परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

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