लखनऊ: खनन घोटाले के आरोपी सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. अब ईडी उनके परिवार के सदस्यों के अलावा उनके राजदारों पर भी शिकंजा कसने वाली है. ईडी जल्द ही गायत्री के बेहद करीबी रहे लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है. इनके नाम पर बड़े-बड़े शहरों में संपत्तियां खरीदी गई थीं.
ईडी की इस कार्रवाई से गायत्री प्रजापति के करीबियों में हडकंप मच गया है. ईडी ने अपनी जांच बेनामी संपत्तियों पर ही केंद्रित की हुई है. गायत्री ने ये संपत्तियां अपने करीबियों के नाम पर खरीदी हैं. इनमें अल्प वेतनभोगी कर्मचारी से लेकर उनके घरेलू सहायक तक शामिल हैं. इस मामले की जांच की गई तो इन संपत्तियों को खरीदने वाले अपनी आय का स्रोत तक नहीं बता पाए. प्रजापति की यह संपत्तियां लखनऊ और मुंबई के अलावा कई अन्य शहरों में हैं. ईडी जल्द ही इन संपत्तियों को भी जब्त कर सकती है.
आयकर रिटर्न से हुआ था अवैध संपत्ति का खुलासा
ईडी कोर्ट में पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुका है. इसमें मंत्री पद मिलने के बाद गायत्री और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्तियों में बेतहाशा वृद्धि के सबूत मिले हैं. ईडी की जांच में वर्ष 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में गायत्री की तरफ से दिए गए शपथ पत्र और विधायक चुने जाने के पहले और उसके बाद के आयकर रिटर्न की अहम भूमिका रही.
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शपथ पत्र में संपत्ति का गलत ब्योरा देने का आरोप
गायत्री पर चुनाव में दिए गए शपथ पत्र में संपत्तियों का ब्योरा छिपाने का आरोप है. इसके साथ ही उसके परिवार के सदस्यों पर भी फर्जी आय दर्शाते हुए आयकर रिटर्न दाखिल करने के आरोप साबित हुए हैं. ईडी ने अपनी जांच में पाया कि वर्ष 2013 से 2017 के बीच गायत्री की कुल आय 72.38 लाख रुपये थी. इसमें से 25.40 लाख रुपये वेतन के थे. ईडी की जांच में उसके पास से 36.94 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति के सबूत मिले थे.