लखनऊ: राजधानी में साल 2021 में पिसेसिया पावर ट्रांसमिशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक से 72 करोड़ की ठगी करने वाले आरोपियों ने एक बार फिर गुरुग्राम में 87 करोड़ की ठगी की है. धोखाधड़ी की शिकायत ईडी से हुई, जिसके बाद अब दोनो ही मामलो की जांच प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) करेगी. ईडी ने लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट से इस संबंध में 14 व 15 नवंबर 2021को दर्ज हुई पांचो सत्यापित एफआईआर कॉपी व चार्जशीट मांगी है.
दरअसल, साल 2021 को पिसेशिया पावर ट्रांसमिशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक प्रशांत सिंह ने 14 व 15 नवंबर 2021 को 5 एफआईआर दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील(Underworld don Chhota Shakeel) के शूटर कुलविंदर सिंह बेन्स ने अपने साथियों की मदद से जालसाज दंपती ने प्रशांत सिंह से 72 करोड़ की ठगी की थी. लखनऊ के गोमती नगर के विपुलखंड निवासी प्रशांत सिंह के मुताबिक, उनकी कंपनी से जॉपलिंग रोड स्थित शालीमार इमरर्ल्ड में रहने वाली वंदना यादव भी शुरुआत से निदेशक के तौर पर जुड़ी थीं. उनके पास 28 लाख रुपये के शेयर थे. वंदना के पति विवेक यादव और चार्टर्ड अकाउंटेंट तुषार नागर भी बाद में कम्पनी से जुड़ गए. प्रशांत का आरोप है कि बिना उनकी जानकारी के मनोज कुमार सिंह, विनोद सिंह और कुलविंदर सिंह बेंस निवासी मोती लालनगर, एमजी रोड गोरेगांव वेस्ट, नवी मुंबई को भी कंपनी से जोड़कर शेयरधारक बना लिया गया था.
गोमती नगर थाने में दर्ज मुकदमे के मुताबिक, प्रशांत फील्ड पर काम देखते थे. वंदना व उनके पति विवेक यादव प्रशासनिक काम संभालते थे. प्रशांत का आरोप है कि कंपनी को राजकीय निर्माण निगम से प्रयागराज में 132 केवी भूमिगत केबिल बिछाने का काम मिला था. वह इसका काम करा रहे थे, जबकि इसी दौरान वंदना ने पिसेशिया कंपनी से पांच करोड़ रुपये एसबीवाई इंफ्रा को ऋण के तौर पर जारी कर दिए. इस फर्म का संचालन वंदना और उनके पति करते हैं. आरोपी दंपती ने कंपनी के लिए मुंबई के जुहू में बंगला खरीदने को कुलविंदर सिंह बेन्स को छह करोड़ रुपये दिए थे.
वहीं, अक्तूबर 2020 में मुंबई क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी के मामले में कुलविंदर को गिरफ्तार कर लिया. कुलविंदर को मुंबई की क्राइम ब्रांच 15 साल से तलाश रही थी. इसी दौरान यह खुलासा हुआ कि वो अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील का शूटर है. प्रशांत के मुताबिक कम्पनी से फर्जी कागजात और फर्जी बिलों के आधार पर वंदना यादव व उनके पति विवेक यादव व सीए तुषार नागर समेत अन्य आरोपियों ने मिलकर उनके साथ करीब 72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है.
गुरुग्राम में हुई फिर से 87 करोड़ की ठगी: सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत सिंह से 72 करोड़ की ठगी करने वाले आरोपियो ने एक बार फिर गुरुग्राम में 87 करोड़ की ठगी की है. सभी आरोपियों ने रेलवे में किये गये कार्य का भुगतान फर्जी खातो में करवा लिया है. इसकी शिकायत ईडी को मिली, जिसके बाद सामने आया कि रेलवे व प्रशांत से ठगी करने वाले एक है. ईडी ने प्रशांत के केस की भी जांच करने का फैसला किया और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट से प्रशांत के केस से जुड़े सभी दस्तावेज व जानकारी मांगी है.
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