लखनऊ : चिलचिलाती धूप और चिपचिपाती गर्मी में यात्रियों को लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की एसी इलेक्ट्रिक बसें यात्रा के लिए खूब रास आ रही हैं. यात्रियों को सफर के दौरान साधारण बसों के बराबर किराया चुकाना पड़ता है और एसी बसों से बिना पसीना बहाए हुए आराम से यात्रा करने को मिलती है. यही वजह है कि रोडवेज की साधारण बसों से मुंह मोड़कर यात्रियों ने इलेक्ट्रिक एसी बसों की तरफ रुख कर लिया है. इससे जहां लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की आय में इजाफा हो रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को नुकसान हो रहा है. ऐसे में अब लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक शहर की सीमा से बाहर संचालित न होने के नियम का हवाला देकर नगरीय सीमा से बाहर जाने वालीं सिटी बसों का संचालन बंद कराने का प्लान बना रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो गर्मी में यात्रियों को इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा से महरूम होना पड़ सकता है. उन्हें फिर से ज्यादा किराया चुकाकर पसीना बहाते हुए सफर करने को मजबूर होना पड़ेगा.
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की एसी इलेक्ट्रिक बसें रोडवेज बसों को चपत लगा रही हैं. यात्री रोडवेज बसों से सफर करने के बजाय इलेक्ट्रिक एसी बसों से सफर करना पसंद कर रहे हैं. यात्री कम किराए में संडीला, नैमिष, गंगागंज और बाराबंकी तक संचालित हो रहीं एसी सिटी बसों को तरजीह दे रहे हैं. इन्हीं रूटों पर संचालित होने वाली साधारण रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या कम हो गई है जिससे नुकसान रोडवेज को हो रहा है. ऐसे में अब लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर ने शहर की सीमा से बाहर संचालित होने वाली सिटी बसों पर रोक लगाने के लिए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक से अनुरोध करने की तैयारी की है. उनका कहना है कि अब रोडवेज बसों की फ्लीट में नई बसें जुड़ रही हैं. लिहाजा, बसों की संख्या बढ़ने पर इन्हीं रूटों पर संचालन कराया जाएगा. ऐसे में जब हमारे पास काफी संख्या में बसें होंगी तो सिटी बसों का संचालन उन रूटों पर क्यों किया जाए. क्षेत्रीय प्रबंधक का तर्क है कि सिटी बसें शहर की सीमा के अंदर संचालित होने के लिए होती हैं. उनका परमिट सिटी के अंदर चलने के लिए होता है. शहर की सीमा से बाहर जाती हैं तो यह नियमों का उल्लंघन है. सिटी बसों से रोडवेज को नुकसान हो रहा है. इन पर रोक लगाई जाए.
मांग पर संचालित हुई हैं सिटी बसें : लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड ने इलेक्ट्रिक एसी बसें अपने मन से शहर की सीमा से बाहर संचालित नहीं कराई हैं, बल्कि यात्रियों को सुविधा देने के लिए यह सरकार की मंशा है. कहीं विधायक की मांग पर इन बसों का संचालन किया गया तो कहीं सांसद की मांग पर. संडीला के लिए संचालित होने वाली इलेक्ट्रिक एसी बसों की मांग संडीला के विधायक ने की थी. सरकार ने इसकी अनुमति दी, इसके बाद संचालन शुरू हुआ. नैमिषारण्य के लिए एसी सिटी बसों का संचालन नगरीय विकास राज्य मंत्री की मांग पर किया गया. चंद्रिका देवी के लिए एसी सिटी बसों का संचालन स्थानीय विधायक योगेश शुक्ला की मांग पर किया गया है.
लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर का कहना है कि 'सिटी बसों का संचालन शहर की सीमा के बाहर नहीं हो सकता है. यह परमिट शर्तों के नियमों का उल्लंघन है. हमारे पास अब नई बसें आ रही हैं, हालांकि यह साधारण हैं, लेकिन यात्रियों को बस संचालन से सुविधा मिलेगी. लिहाजा, सिटी बसों को इन रूटों से हटाने के लिए परिवहन निगम के एमडी से अनुरोध किया जाएगा.'
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी का कहना है कि 'सरकार की मंशा के अनुरूप यात्रियों को सुविधा देने के लिए सिटी बसों का संचालन किया गया है. इलेक्ट्रिक एसी बसें साधारण बसों के किराए पर चलने से यात्रियों को काफी राहत मिल रही है. उन्हें गर्मी में पसीना बहाते हुए यात्रा नहीं करनी पड़ रही है. यात्रियों को ये बसें खूब पसंद आ रही हैं.'
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