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लखनऊ में आधी रात के बाद महसूस किए गए भूकंप के हल्के झटके

राजधानी में देर रात भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गये. लखनऊ के अलावा कई जिलों में भी इसका असर देखने को मिला.

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Published : Apr 28, 2023, 10:49 AM IST

लखनऊ : राजधानी में गुरुवार की रात कल करीब सवा एक बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई है. भूकंप का केंद्र उत्तराखंड व नेपाल की सीमा के करीब 10 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है. इसके कारण उत्तर प्रदेश में लखनऊ के अलावा लखीमपुर, सीतापुर, पीलीभीत, बरेली, बहराइच व आस-पास के इलाकों में झटके महसूस किए गए हैं.


लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगोल विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अजय आर्य ने बताया कि 'भूकंप उत्तराखंड व नेपाल के बॉर्डर पर आये भूकंप सेंट्रल थ्रस्ट के ऊपर आया है. यह जमीन से 10 किलोमीटर नीचे स्थित है. इसे शैलो डेप्थ फोकस या उथली गहराई का भूकंप कहते हैं, जो काफी खतरनाक होता है. इस भूकंप से उत्पन्न तरंगों को शाॅक वेब भी कहते हैं जो सॉलिड से सॉलिड सतह पर ट्रैवल करती हैं. जिससे उनकी गति कई गुना बढ़ जाती है. धरती पर होरिजेंटल और वर्टिकल दोनों तरह के कंपन्न महसूस किए जाते हैं, जिससे मकान दोनों दिशाओं में ऊपर नीचे हिलते हैं.'



ज्ञात हो कि इससे पहले बीते 21 मार्च को रात करीब 10:30 बजे भूकंप के झटके यूपी के उत्तराखंड के लगे लगभग सभी जिलों में महसूस किए गए थे. उस समय भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला के करीब था. जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर सहित लखनऊ और आसपास के जिलों में 4.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे. डॉ. आर्या ने बताया कि 'अभी यह देखना होगा कि यह भूकंप किस तरह का है. वैज्ञानिकों को अभी देखना होगा कि धरती से पूरी तरह से एनर्जी रिलीज हुई है या नहीं. अगर नहीं हुई है तो अभी रिलीज होगी. ऐसे में अगले 48 से 72 घंटों के अंदर दोबारा से बड़े स्तर का भूकंप आ सकता है. डॉ. आर्या ने बताया कि बीते 1 साल के अंदर पूरे विश्व में 1000 से अधिक भूकंप के झटके आ चुके हैं, जबकि उत्तर भारत में बीते 6 महीनों में छोटे बड़े भूकंप की संख्या भी लगभग एक दर्जन के आसपास है.'

यह भी पढ़ें : UPSRTC : 16 कर्मचारियों की संविदा समाप्त करने पर एमडी ने जताई नाराजगी, जानिए क्या कहा

लखनऊ : राजधानी में गुरुवार की रात कल करीब सवा एक बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई है. भूकंप का केंद्र उत्तराखंड व नेपाल की सीमा के करीब 10 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है. इसके कारण उत्तर प्रदेश में लखनऊ के अलावा लखीमपुर, सीतापुर, पीलीभीत, बरेली, बहराइच व आस-पास के इलाकों में झटके महसूस किए गए हैं.


लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगोल विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अजय आर्य ने बताया कि 'भूकंप उत्तराखंड व नेपाल के बॉर्डर पर आये भूकंप सेंट्रल थ्रस्ट के ऊपर आया है. यह जमीन से 10 किलोमीटर नीचे स्थित है. इसे शैलो डेप्थ फोकस या उथली गहराई का भूकंप कहते हैं, जो काफी खतरनाक होता है. इस भूकंप से उत्पन्न तरंगों को शाॅक वेब भी कहते हैं जो सॉलिड से सॉलिड सतह पर ट्रैवल करती हैं. जिससे उनकी गति कई गुना बढ़ जाती है. धरती पर होरिजेंटल और वर्टिकल दोनों तरह के कंपन्न महसूस किए जाते हैं, जिससे मकान दोनों दिशाओं में ऊपर नीचे हिलते हैं.'



ज्ञात हो कि इससे पहले बीते 21 मार्च को रात करीब 10:30 बजे भूकंप के झटके यूपी के उत्तराखंड के लगे लगभग सभी जिलों में महसूस किए गए थे. उस समय भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला के करीब था. जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर सहित लखनऊ और आसपास के जिलों में 4.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे. डॉ. आर्या ने बताया कि 'अभी यह देखना होगा कि यह भूकंप किस तरह का है. वैज्ञानिकों को अभी देखना होगा कि धरती से पूरी तरह से एनर्जी रिलीज हुई है या नहीं. अगर नहीं हुई है तो अभी रिलीज होगी. ऐसे में अगले 48 से 72 घंटों के अंदर दोबारा से बड़े स्तर का भूकंप आ सकता है. डॉ. आर्या ने बताया कि बीते 1 साल के अंदर पूरे विश्व में 1000 से अधिक भूकंप के झटके आ चुके हैं, जबकि उत्तर भारत में बीते 6 महीनों में छोटे बड़े भूकंप की संख्या भी लगभग एक दर्जन के आसपास है.'

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