लखनऊ: बीकेटी में बड़ी संख्या में लोग नशे की चपेट में हैं. पुरुष ही नहीं महिलाएं भी नशा कर रही हैं. 25 से अधिक लोगों में कैंसर के शुरुआती लक्षण की आशंका जाहिर करते हुए जांच के नमूने लिए गए हैं. यह चिंताजनक तथ्य मंगलवार को केजीएमयू के ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी विभाग के दंत चिकित्सा शिविर में सामने आए हैं.
तम्बाकू, खैनी और बीड़ी के आदी लोगों में कैंसर के शुरुआती लक्षण मिले हैं. पांच लोगों में मुंह कम खुलने की शिकायत मिली है. सात वयस्कों में मुंह के भीतर गाल में सफेद चक्कते मिले हैं. चिकित्सा विज्ञान में इसे फाइब्रोसिस कहते हैं. 10 लोगों में लाल धब्बे मिले हैं. डॉ. शालिनी के मुताबिक कैंसर की आशंका में पांच लोगों के नमूने एकत्र किए गए हैं. बाकी लोगों की काउंसिलिंग की गई है, ताकि वह नशे से तौबा कर लें. दवाएं भी मुहैया कराई गई हैं, ताकि कैंसर के शुरुआती लक्षण से मरीजों को निजात दिलाई जा सके.
150 छात्र-छात्राओं के दांतों की जांच हुई है. डॉ. शालिनी के मुताबिक 80 प्रतिशत बच्चों में दांतों से जुड़ी बीमारी मिली हैं. सबसे ज्यादा दांतों में कीड़ा लगने की परेशानी देखने को मिली. ब्रश करने की आदत भी 25 से 30 प्रतिशत बच्चों में मिली. उन्होंने कहा कि शिविर में आए एक भी बच्चा रात में खाना खाने के बाद ब्रश नहीं करता है.
डॉ. शालिनी के मुताबिक आशा कार्यकर्ताओं, पीएचसी डॉक्टरों और फार्मासिस्ट को मुंह की बीमारी की पहचान के लिए प्रशिक्षित किया गया. लोगों को धूम्रपान व तम्बाकू के सेवन न करने की सलाह दी गई. फोन व वॉट्सएप के माध्यम से केजीएमयू के डॉक्टर की सलाह लेने को भी कहा गया है. इस मौके पर लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में भी जागरुक किया गया.
KGMU ने लगाया दंत चिकित्सा शिविर, लोगों में मिले कैंसर के शुरुआती लक्षण
राष्ट्रीय विज्ञान और तकनीकी संचार परिषद की तरफ से बीकेटी के अस्ती रोड स्थित प्रांत विजयपुरी प्राथमिक शिक्षा केंद्र में शिविर लगाया गया. ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ. शालिनी गुप्ता व एनॉटमी विभाग की डॉ. पुनीता मानिक के मुताबिक शिविर में 225 लोगों के दांतों की सेहत परखी गई. जिनमें 150 छात्र-छात्राएं और 75 वयस्क शामिल हुए. उन्होंने बताया कि 75 में 60 वयस्क धूम्रपान के आदी हैं. इसमें महिला व पुरुष दोनों शामिल हैं.
लखनऊ: बीकेटी में बड़ी संख्या में लोग नशे की चपेट में हैं. पुरुष ही नहीं महिलाएं भी नशा कर रही हैं. 25 से अधिक लोगों में कैंसर के शुरुआती लक्षण की आशंका जाहिर करते हुए जांच के नमूने लिए गए हैं. यह चिंताजनक तथ्य मंगलवार को केजीएमयू के ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी विभाग के दंत चिकित्सा शिविर में सामने आए हैं.
तम्बाकू, खैनी और बीड़ी के आदी लोगों में कैंसर के शुरुआती लक्षण मिले हैं. पांच लोगों में मुंह कम खुलने की शिकायत मिली है. सात वयस्कों में मुंह के भीतर गाल में सफेद चक्कते मिले हैं. चिकित्सा विज्ञान में इसे फाइब्रोसिस कहते हैं. 10 लोगों में लाल धब्बे मिले हैं. डॉ. शालिनी के मुताबिक कैंसर की आशंका में पांच लोगों के नमूने एकत्र किए गए हैं. बाकी लोगों की काउंसिलिंग की गई है, ताकि वह नशे से तौबा कर लें. दवाएं भी मुहैया कराई गई हैं, ताकि कैंसर के शुरुआती लक्षण से मरीजों को निजात दिलाई जा सके.
150 छात्र-छात्राओं के दांतों की जांच हुई है. डॉ. शालिनी के मुताबिक 80 प्रतिशत बच्चों में दांतों से जुड़ी बीमारी मिली हैं. सबसे ज्यादा दांतों में कीड़ा लगने की परेशानी देखने को मिली. ब्रश करने की आदत भी 25 से 30 प्रतिशत बच्चों में मिली. उन्होंने कहा कि शिविर में आए एक भी बच्चा रात में खाना खाने के बाद ब्रश नहीं करता है.
डॉ. शालिनी के मुताबिक आशा कार्यकर्ताओं, पीएचसी डॉक्टरों और फार्मासिस्ट को मुंह की बीमारी की पहचान के लिए प्रशिक्षित किया गया. लोगों को धूम्रपान व तम्बाकू के सेवन न करने की सलाह दी गई. फोन व वॉट्सएप के माध्यम से केजीएमयू के डॉक्टर की सलाह लेने को भी कहा गया है. इस मौके पर लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में भी जागरुक किया गया.