लखनऊ : राजधानी में करीब एक साल पहले तत्कालीन पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने शहरभर के मेट्रो रूट के अलावा 11 मार्गों पर ई रिक्शा के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर इन मार्गों पर ई रिक्शा चले तो संबंधित थानेदारों पर कार्रवाई की जाएगी. ईटीवी भारत को टीम राजधानी के उन्हीं रूट्स पर निकली तो पाया कि बीते एक साल में ये निर्देश महज कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रहा. हर मेट्रो रूट पर ई रिक्शे चलते हुए देखने को मिला. वहीं हजरतगंज चौराहों पर ई रिक्शों की भरमार है.
Lucknow News : प्रतिबंध के बावजूद राजधानी के मेट्रो रूट्स पर धडल्ले से दौड़ रहे ई रिक्शा. सुबह 10 बजे : अक्सर लोग इसी समय अपने कार्यालय जाने के लिए घर से बाहर निकलते हैं. कुछ निजी वाहनों से तो कुछ पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेते हैं. इन्हीं में से एक मेट्रो भी है जो अमौसी से मुंशीपुलिया के बीच चलती है. आम लोग मेट्रो का अधिकतम इस्तेमाल करें इसके लिए मई 2022 को लखनऊ पुलिस ने मेट्रो रूट पर ई रिक्शा चलाने पर रोक लगा दी थी, ताकि लोग मेट्रो से चलें. ईटीवी भारत की टीम सोमवार सुबह 10 बजे सचिवालय मेट्रो स्टेशन के पास पहुंची तो इस जगह सबसे अधिक ई रिक्शा ही मिले. इसमें भी अधिकतम वही सवारियां थीं जो मेट्रो स्टेशन के अंदर जाने वाली थीं. यहां कई ट्रैफिक पुलिसकर्मी खड़े रहे, लेकिन किसी ने ई रिक्शा को रोकने टोकने की जहमत नहीं उठाई.
Lucknow News : प्रतिबंध के बावजूद राजधानी के मेट्रो रूट्स पर धडल्ले से दौड़ रहे ई रिक्शा. सचिवालय मेट्रो स्टेशन से आगे बढ़ते हुए हजरतगंज चौराहे पर टीम पहुंची तो यहां भी ई इक्शा बिना किसी रोक टोक के धड्डले से सवारी भरते दिखे. यहां से मेट्रो रूट पकड़ते हुए आगे केडी सिंह बाबू स्टेडियम, लखनऊ विश्वविद्यालय और फिर आईटी मेट्रो स्टेशन तक जायजा लिया गया. इस पूरे रूट पर ई रिक्शा सवारियां भरते मिले. इस रूट पर कई जगह यातायात चेक पोस्ट और पुलिसकर्मी थे, लेकिन किसी ने उन्हें रोकने और टोकने कार्रवाई नहीं की.
Lucknow News : प्रतिबंध के बावजूद राजधानी के मेट्रो रूट्स पर धडल्ले से दौड़ रहे ई रिक्शा. दरअसल करीब 27 किलोमीटर के नार्थ साउथ काॅरिडोर पर भले ही मेट्रो चल रही थी, लेकिन सार्वजनिक वाहनों के बंद न होने से लाेग मेट्रो में चलने से बचते थे. इसके पीछे का कारण है मेट्रो यात्रियों को स्टेशन पर उतारती है और ई रिक्शा घर के सामने. ऐसे में मई 2022 को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने आदेश जारी करते हुए मेट्रो रूट के साथ कुल 11 रूटों पर ई-रिक्शा संचालन पर पाबंदी लगा दी. इसके साथ इस मामले में संबंधित थाना क्षेत्र के पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी भी तय की गई कि यदि पाबंदी के बावजूद इन रूट पर ई-रिक्शा दौड़ते मिले तो संबंधित चालकों के साथ थानों के जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई होगी.
Lucknow News : प्रतिबंध के बावजूद राजधानी के मेट्रो रूट्स पर धडल्ले से दौड़ रहे ई रिक्शा. 11 रूट पर लगाई थी पाबंदी
-मेट्रो रूट पर अमौसी मोड़ से मुंशीपुलिया चौराहा तक
-हजरतगंज चौराहा से बर्लिंग्टन चौराहा वाया रॉयल होटल
-हजरतगंज चौराहा से बंदरियाबाग चौराहा
-हजरतगंज चौराहा से सिकंदरबाग चौराहा
-हजरतगंज से परिवर्तन चौक
-बंदरियाबाग चौराहा से पॉलिटेक्निक चौराहा
-अमौसी से बाराबिरवा
-अहिमामऊ से अर्जुनगंज बाजार, रजमन चौकी, कटाईपुल से लालबत्ती चौराहा तक
-पिकप पुल ढाल से इंदिरागांधी प्रतिष्ठान से विजयीपुर अंडरपास, इंदिरागांधी प्रतिष्ठान चौराहे से हाई कोर्ट गेट-3 और इंदिरागांधी प्रतिष्ठान चौराहे से गोमतीनगर रेलवे स्टेशन रोड तिराहे तक
-शहीद पथ, बादशाहनगर चौराहे से लेखराज, भूतनाथ होकर पॉलिटेक्निक चौराहे
प्रतिबंधित मार्ग पर ई रिक्शा चलाना टैलेंट : उपरोक्त 11 रूट्स पर भले ही ई रिक्शा के संचालन पर रोक है, लेकिन रिक्शा चालक पुलिसकर्मियों की ढिलाई का फायदा जम कर उठा रहे हैं. ई रिक्शा चलाने वाले अयाज कहता है कि यह तो ड्राइवर का टैलेंट है जो रोक के बावजूद ई रिक्शा इन मार्गों पर चला लेते हैं. हजरतगंज समेत सभी मेट्रो रूट पर ई रिक्शा चलते हैं. उन्हें कोई टोकता ही नहीं है और अगर रोकेगा तो अपना टैलेंट आजमाते हुए बच निकलेंगे. ई रिक्शा चालक समीर की मानें तो उन्हें मालूम है कि हजरतगंज के साथ ही सभी मेट्रो रूट पर ई रिक्शा चलाना मना है. इसलिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करते हैं. एडीसीपी ट्रैफिक अजय पटेल का कहना है कि शहर को जाम से मुक्त करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाते हैं. इनमें प्रतिबंधित मार्गों पर ई रिक्शा को न चलने देना भी शामिल है. अभियान चलाते हुए ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ ऐसे ई रिक्शों पर कार्रवाई भी करते है.
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