लखनऊ : प्रदेश के सभी अस्पतालों में जल्द ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली को लागू किया जाएगा. योजना के तहत प्रदेश के 36 राजकीय मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में इसका क्रियान्वयन किया जाना है. इस प्रणाली के जरिए मरीज की सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी.
मरीजों की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन होने के बाद संंबंधित डॉक्टर अपने कंप्यूटर पर इसे देख सकेंगे. प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों, राजकीय संस्थानों, स्वायत्तशासी संस्थानों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में पेपरलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं.
यूपी के 9 मेडिकल कॉलेज में ये प्रणाली लागू की जा चुकी है. जिनमें गोरखपुर, कानपुर, इलाहाबाद, झांसी, मेरठ और आगरा के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. कानपुर में इस प्रणाली की शुरूआत हो चुकी है. अब यूपी के 36 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ई-हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की तैयारी है. इस प्रणाली के लागू होने से जहां एक ओर अस्पतालों के प्रबंधन, नेतृत्व, नेटवर्क, कार्य प्रणाली और प्रशासन में सुधार होगा. वहीं मरीजों को एक यूनिक आईडी नंबर मिलने से उनसे जुड़ी सभी जानकारी अस्पताल में उपलब्ध होगी. रोगियों के दुबारा अस्पताल आने पर केस हिस्ट्री और जानकारी अस्पताल में पहले से दर्ज होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी.
22 मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रस्ताव पर लगी मुहर
यूपी के 36 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में से 9 मेडिकल कॉलेजों में ई-हास्पिटल (एनआईसी) संचालित है. जिसमें मरीजों का पंजीकरण, बिलिंग, फॉर्मेसी का कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है. विभाग की ओर से यूपी के 22 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली (एचएमआइएस) के लिए सी-डैक की ओर से तैयार प्रस्ताव पर शासन की मुहर लगने के बाद एमओयू हस्ताक्षरित किए जाने की कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही अन्य 5 मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में भी हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली (एचएमआइएस) के क्रियान्वयन के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है.
सभी मेडिकल कॉलेजों में इस प्रणाली को किया जाएगा लागू
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली (एचएमआइएस) से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही जल्द ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर भी लागू करने की तैयारी है. जिससे मेडिकल कॉलेजों में दवाओं की मौजूदगी और डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों की हाजिरी की ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराएगा. मरीज के मोबाइल फोन पर भी यह सिस्टम रिपोर्ट भेज देगा. किसी खास मामले में सिस्टम के जरिए डॉक्टर भी किसी दूसरे मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह ले सकेंगे.