लखनऊ: उत्तर प्रदेश का आबकारी विभाग नया आयाम लिखने जा रहा है. जल्द ही प्रदेश में दशहरी आम की वाइन का उत्पादन होगा. आबकारी विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।
विभाग के अनुसार सन् 1974 के बाद पहली बार वाइन पॉलिसी में संसोधन किया जा रहा है. उसके मुताबिक यूपी में वाइन बनाने की यूनिट लगाई जा सकेंगी.
इसके तहत शराब बनाने के लिए लगाई जाने वाली डिस्टलरी का खर्च करोड़ों में नहीं आएगा. महज 70 लाख के निवेश से वाइन यूनिट लगाई जा सकेगी. यही नही अभी तक इम्पोर्ट करने वाला उत्तर प्रदेश वाइन का एक्सपोर्ट करने वाला प्रदेश भी बन जाएगा.
विभाग के मुताबिक वाइन बनाने के लिए अंगूर का प्रयोग किया जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश में अंगूर पैदा नही होता है, इसके लिए विभाग ने तय किया है कि राज्य में पैदा होने वाले फलों से वाइन का उत्पादन किया जाएगा. यूपी में सबसे ज्यादा आम की पैदावार होती है. खासकर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मशहूर दशहरी आम सूबे के मलिहाबाद में ही पैदा होता है. इस वजह से यूपी में वाइन बनाने के लिए दशहरी आम का प्रयोग किया जाएगा.
विभाग की वाइन पॉलिसी में संसोधन करने से प्रदेश के किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी. विभाग के अनुसार उन्होंने ये तय किया है कि वाइन बनाने के लिए प्रदेश के ही किसानों से फलों की खरीद की जाएगी. यहां के किसानों को अन्य राज्यों में अपने फलों को बेचने के लिए मजबूर नही होना पड़ेगा. साथ ही पूरे देश और विदेश में यूपी के किसानों के उगाए दशहरी आमों की वाइन बेची जा सकेगी.
विभाग के मुताबिक अभी तक उत्तर प्रदेश में शराब बनाने वाली 74 डिस्टलरी हैं, जिसमें 23 पोर्टेबल डिस्टलरी हैं. यहीं नही 5 ब्रेवरीज बियर का उत्पादन कर रहीं हैं. पांच अन्य ब्रेवरीज को लाइसेंस दिया गया है.
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