यूपी सरकार की केंद्र सरकार से विशेष अनुरोध पर केंद्र ने डीएस चौहान को उनके मूल कैडर में भेजते हुए यूपी भेजा था. दो साल पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे वरिष्ठ आईपीएस देवेंद्र सिंह चौहान को अभिसूचना (इंटेलिजेंस) जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी.
इम्पैनलमेंट कमेटी में भेजे जाएंगे DGP की नियुक्ति के लिए नाम
11 मई दिन बुधवार की रात को यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटा दिया गया. मुकुल गोयल के पद से हटने के बाद राज्य के नए पुलिस मुखिया के नामों पर चर्चा तेज हो गई थी. चर्चा में सबसे आगे 1998 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डीएस चौहान का ही नाम चल रहा था. डीएस चौहान को केंद्र से उनके मूल कैडर यूपी सरकार के अनुरोध के बाद ही भेजा गया था. वहीं अब डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. स्थायी पुलिस मुखिया की नियुक्ति के लिए इम्पैनलमेंट कमेटी के पास सरकार आईपीएस अधिकारियों की सूची भेजेगी.
इम्पैनलमेंट कमेटी की लिस्ट में भेजे जाएंगे इन अधिकारियों के नाम
पुलिस मुखिया की नियुक्ति के लिए इम्पैनलमेंट कमेटी के पास सरकार आईपीएस अधिकारियों की सूची भेजेगी. डीजीपी के चयन के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कमेटी के पास उन आईपीएस अधिकारियों के नाम भेजे जाएंगे, जो डीजीपी के पद रिक्त होने की तारीख से आईपीएस सेवा के 30 साल पूरे कर चुके हो. इसके अलावा वह ऐसा अधिकारी हो, जो भारत सरकार में किसी भी यूनिट का हेड रह चुका हो. उस आईपीएस अधिकारी का नाम डीजीपी के चयन के लिए कमेटी को सरकार द्वारा भेजा जाएगा.
कमेटी हर अफसर की सर्विस बुक का पुनर्मूल्यांकन करेगी.
सर्विस बुक के पुनर्मूल्यांकन में संबंधित अधिकारियों के रिटायमेंट का समय, अधिकारी के खिलाफ कितनी जांच हुईं, जांच कब खत्म हुई, कहां-कहां तैनाती हुई, कितने मेडल मिले और क्या उपलब्धियां हैं आदि बिंदुओं को शामिल किया जाएगा. इसके बाद इन सभी नामों पर चर्चा करने के बाद सरकार 3 या 5 नाम की लिस्ट भेजेगी. इस प्रक्रिया के बाद सरकार उनमें से किसी भी एक को डीजीपी पद के लिए चुन सकेगी.
कौन-कौन होता है कमेटी के सदस्य ?
यूपीएससी के चैयरमैन या यूपीएससी का सदस्य इम्पैनलमेंट कमेटी के अध्यक्ष होते है. उनके अलावा भारत सरकार के गृह सचिव या विशेष सचिव, राज्य के मुख्यसचिव, वर्तमान डीजीपी व केंद्रीय बल का कोई एक चीफ शामिल होते हैं.
डीएस चौहान का DGP बनना तय
31 जनवरी 2020 को ओम प्रकाश सिंह डीजीपी के पद से रिटायर हुए थे, इसके बाद हितेश चंद्र अवस्थी को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था. इम्पैनलमेंट कमेटी को भेजे गए नामों में हितेश चंद्र अवस्थी का भी नाम शामिल था. एक महीने बाद ही हितेश चंद्र अवस्थी स्थायी डीजीपी बनाए गए थे. डीएस चौहान को भी कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने के पीछे भी सरकार के यही मंशा है. कमेटी को भेजे जाने वालों नामों में डीएस चौहान का भी नाम है और वह टॉप-4 की लिस्ट में शामिल हैं. कमेटी 5 नाम का पैनल सरकार को देगी. जिसमें 1988 बैच के डीएस चौहान का डीजीपी बनना तय माना जा रहा है. इनका रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है.
इसे पढ़ें- "ताजमहल पर एमए करो, पीएचडी करो रिसर्च करो", HC की याचिकाकर्ता को फटकार, PIL ख़ारिज