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ड्रग्स माफिया को मिट्टी में मिलाने की मुहिम में जुटा ANTF, सभी रूटों की हुई मैपिंग

यूपी की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने प्रदेश व भारत की सीमा में होने वाली ड्रग्स तस्करी को रोकने की मुहिम चला रखी है. हालांकि ड्रग्स के कारोबार से जुड़े माफिया तक पहुंचना काफी मुश्किल है. इसके बावजूद एएनटीएफ ने कई स्तर पर फील्डिंग लगाई है.

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Published : May 26, 2023, 7:56 PM IST

लखनऊ : ड्रग्स नेपाल से चरस भारत की सीमा में आती है, फिर यूपी होकर पंजाब, दिल्ली, हरियाणा समेत पूरे देश में सप्लाई की जाती है. जिसके बाद इन्हें बेच कर युवाओं को नशे के कुंए में धकेल दिया जाता है. जांच व सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी के बाद भी अवैध ड्रग्स का ये व्यापार दशकों से चल रहा है, लेकिन अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नशे के सौदागरों को मिट्टी में मिलाने की बात कही. ऐसे में यूपी एंट्री नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नेपाल भारत सीमा पर नशे का पूरा नेक्सस बर्बाद करने के लिए तैयारियां पूरी कर कर ली है.

यूपी में अवैध ड्रग्स का कारोबार
यूपी में अवैध ड्रग्स का कारोबार
अवैध ड्रग्स का कारोबार.
अवैध ड्रग्स का कारोबार.


उत्तर प्रदेश में चरस, गांजा, हिरोइन समेत अन्य मादक पदार्थों की सप्लाई कहां कहां से होती है. इसके लिए यूपी की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने बीते कई माह से रूट मैपिंग को है. डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद के मुताबिक भारत में अलग अलग तरह के ड्रग्स अलग अलग देशों से सप्लाई होते हैं. ऐसे में हमने हर देश से उत्तर प्रदेश के अंदर आने ड्रग्स की रूट पर काम किया था. इसके मद्देनजर अब उन रूट्स पर हमारी टीम सक्रिय हो चुकी है. हमारी कोशिश है कि अब उत्तर प्रदेश में एक भी अवैध मादक पदार्थ की खेप न आने पाए.

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की तैयारी.
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की तैयारी.


डीआईजी के मुताबिक हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती नेपाल भारत सीमा है. यूपी का एक बहुत बड़ा हिस्सा नेपाल सीमा से जुड़ता है. जहां से गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, मिरजापुर, संत रविदासनगर, सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, फतेहपुर, काैशांबी, प्रतापगढ़, देवरिया, कुशीनगर व महाराजगंज में अवैध मादक पदार्थों के सप्लाई सबसे अधिक होती है. हमारी टीम ने इन जिलों में सबसे अधिक सक्रिय की गई है. नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के अलावा नाकोर्टिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), डायरेक्ट्रेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ), एसटीएफ, ईडी व अन्य एजेंसियां इन जिलों में अपनी नजर बनाए हुए है.

यूपी में अवैध ड्रग्स का कारोबार.
यूपी में अवैध ड्रग्स का कारोबार
डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद.
डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद.
डीआईजी एएनटीएफ ने बताया कि राज्य में नशे के व्यापार को खत्म करने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण था कि हम पूरी तरह उसकी मैपिंग कर लें. इसके अलावा हमारी टीम उन ड्रग्स की सैटेलाइट मैपिंग भी कर रही हैं, जिन्हें उगाने के लिए लाइसेंस दिया जाता है. बाराबंकी जिले में अफीम को खेती करने के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है. हालांकि इसका अवैध उपयोग भी जम कर होता रहा है. ऐसे में अफीम को खेती की सैटलाइट मैपिंग की जा रही है. इसके लिए एनसीबी ने अडवांस डेटा प्रॉसेसिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के माध्यम से भी मदद का प्रस्ताव भी दिया है. इसके अलावा गोरखपुर में एनसीबी का जोनल सेंटर खुल रहा है. इसके लिए 1.60 एकड़ जमीन भी चिह्नित कर ली गई है. हालांकि तब तक के लिए एनसीबी किराए के मकान में ऑफिस शुरू करने जा रही है. गोरखपुर में एनसीबी का जोनल कार्यालय और एएनटीएफ थाना खुल जाने से नेपाल बॉर्डर के साथ आसपास के जिलों पर नजर रखी जा सकेगी.यह भी पढ़ें : प्रसाद में विषाक्त पदार्थ मिलाकर दुकानदार को दिया, खाने के बाद परिवार के 7 लोगों की हालत गंभीर

लखनऊ : ड्रग्स नेपाल से चरस भारत की सीमा में आती है, फिर यूपी होकर पंजाब, दिल्ली, हरियाणा समेत पूरे देश में सप्लाई की जाती है. जिसके बाद इन्हें बेच कर युवाओं को नशे के कुंए में धकेल दिया जाता है. जांच व सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी के बाद भी अवैध ड्रग्स का ये व्यापार दशकों से चल रहा है, लेकिन अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नशे के सौदागरों को मिट्टी में मिलाने की बात कही. ऐसे में यूपी एंट्री नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नेपाल भारत सीमा पर नशे का पूरा नेक्सस बर्बाद करने के लिए तैयारियां पूरी कर कर ली है.

यूपी में अवैध ड्रग्स का कारोबार
यूपी में अवैध ड्रग्स का कारोबार
अवैध ड्रग्स का कारोबार.
अवैध ड्रग्स का कारोबार.


उत्तर प्रदेश में चरस, गांजा, हिरोइन समेत अन्य मादक पदार्थों की सप्लाई कहां कहां से होती है. इसके लिए यूपी की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने बीते कई माह से रूट मैपिंग को है. डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद के मुताबिक भारत में अलग अलग तरह के ड्रग्स अलग अलग देशों से सप्लाई होते हैं. ऐसे में हमने हर देश से उत्तर प्रदेश के अंदर आने ड्रग्स की रूट पर काम किया था. इसके मद्देनजर अब उन रूट्स पर हमारी टीम सक्रिय हो चुकी है. हमारी कोशिश है कि अब उत्तर प्रदेश में एक भी अवैध मादक पदार्थ की खेप न आने पाए.

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की तैयारी.
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की तैयारी.


डीआईजी के मुताबिक हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती नेपाल भारत सीमा है. यूपी का एक बहुत बड़ा हिस्सा नेपाल सीमा से जुड़ता है. जहां से गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, मिरजापुर, संत रविदासनगर, सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, फतेहपुर, काैशांबी, प्रतापगढ़, देवरिया, कुशीनगर व महाराजगंज में अवैध मादक पदार्थों के सप्लाई सबसे अधिक होती है. हमारी टीम ने इन जिलों में सबसे अधिक सक्रिय की गई है. नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के अलावा नाकोर्टिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), डायरेक्ट्रेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ), एसटीएफ, ईडी व अन्य एजेंसियां इन जिलों में अपनी नजर बनाए हुए है.

यूपी में अवैध ड्रग्स का कारोबार.
यूपी में अवैध ड्रग्स का कारोबार
डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद.
डीआईजी एएनटीएफ अब्दुल हमीद.
डीआईजी एएनटीएफ ने बताया कि राज्य में नशे के व्यापार को खत्म करने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण था कि हम पूरी तरह उसकी मैपिंग कर लें. इसके अलावा हमारी टीम उन ड्रग्स की सैटेलाइट मैपिंग भी कर रही हैं, जिन्हें उगाने के लिए लाइसेंस दिया जाता है. बाराबंकी जिले में अफीम को खेती करने के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है. हालांकि इसका अवैध उपयोग भी जम कर होता रहा है. ऐसे में अफीम को खेती की सैटलाइट मैपिंग की जा रही है. इसके लिए एनसीबी ने अडवांस डेटा प्रॉसेसिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के माध्यम से भी मदद का प्रस्ताव भी दिया है. इसके अलावा गोरखपुर में एनसीबी का जोनल सेंटर खुल रहा है. इसके लिए 1.60 एकड़ जमीन भी चिह्नित कर ली गई है. हालांकि तब तक के लिए एनसीबी किराए के मकान में ऑफिस शुरू करने जा रही है. गोरखपुर में एनसीबी का जोनल कार्यालय और एएनटीएफ थाना खुल जाने से नेपाल बॉर्डर के साथ आसपास के जिलों पर नजर रखी जा सकेगी.यह भी पढ़ें : प्रसाद में विषाक्त पदार्थ मिलाकर दुकानदार को दिया, खाने के बाद परिवार के 7 लोगों की हालत गंभीर
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