लखनऊ : गोमतीनगर के विभूति खंड में 55 भूखंडों की फाइलें गायब की गईं. मौके पर इन (Drone survey of 55 plots) भूखंडों पर अवैध कब्जे कराए गए. ड्रोन कैमरे के सर्वे के बाद इसका सच सामने आया है. इस संबंध में अब लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जांच शुरू की है. निकट भविष्य में दोषियों की तलाश कर कार्रवाई होगी. माना जा रहा है कि यह करीब 200 करोड़ रुपए का घोटाला है, जिसमें कई बड़े पूर्व अफसर की गर्दन भी फंस सकती है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने हाल ही मे गोमतीनगर के विभूतिखंड में ड्रोन सर्वे करवाया था. इस सर्वे में 52 खाली भूखंड सामने आए हैं. ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया गया कि सर्वे में करोड़ों रुपये कीमत के ऐसे 52 व्यावसायिक भूखंड की पहचान की गई है. जिनकी फाइल रिकाॅर्ड अनुभाग में उपलब्ध नहीं हैं. इनमें से अधिकांश भूखंड खाली पड़े हैं, जबकि कुछ भूखंडों पर झुग्गी-झोपड़ी आदि अस्थाई निर्माण हैं.
उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'अधिकारियों को आदेश दिया गया कि बल्क सेल व अभियंत्रण अनुभाग में भी इन भूखंडों से सम्बंधित पत्रावलियों की तलाश की जाए. साथ ही अर्जन व अभियंत्रण अनुभाग की संयुक्त टीम मौके की वास्तविक रिपोर्ट पेश की जाएगी. रिमोट सेंसिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकीपुरम व अलीगंज योजना के सर्वे की प्रगति के सम्बंध में रिपोर्ट भी पेश की गई है. अलीगंज योजना के अंतर्गत दो गांवों की डिटेल अभी तक नहीं मिल सकी है.'
उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'विभूतिखंड की इस जांच में कई पुराने कर्मचारी और अफसर जद में आ सकते हैं और सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा शहर की कुछ अन्य कॉलोनियों में भी हम भविष्य में ड्रोन सर्वे करेंगे और ड्रोन सर्वे के जरिए अवैध कब्जों और लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्लाटों के अवैध आवंटन के राज खुलेंगे.'