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लखनऊ: जल्द सुधरेगी ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था, आरटीओ कार्यालय पर ही मिलेंगे डीएल - सुधारी जाएगी इविंग लाइसेंस की व्यवस्था

राजधानी लखनऊ में ड्राइविंग लाइसेंस समय पर न मिलने की समस्या अब दूर होने वाली है. डीएल मुख्यालय पर पहुंचने के बजाय अब आरटीओ कार्यालयों से प्राप्त किया जाएगा , जिसके लिए परिवहन विभाग के तरफ से शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है.

सुधारी जाएगी ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था
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Published : Sep 26, 2019, 4:42 PM IST

लखनऊ: ड्राइविंग लाइसेंस के सही समय पर घर न पहुंचने से परेशान आवेदकों की शिकायत अब दूर होने वाली हैं. आवेदकों के घर लाइसेंस न पहुंचने की बढ़ती परेशानियों पर अब परिवहन विभाग गंभीरता दिखा रहा है. घर के पते पर पहुंचने के बजाय मुख्यालय पर डीएल वापस लौट रहे हैं. मुख्यालय पर यह संख्या हजारों में पहुंच चुकी है, ऐसे में अब परिवहन विभाग वापसी वाले लाइसेंस को मुख्यालय के बजाय सम्बन्धित आरटीओ कार्यालय को भेज देगा और आवेदक वहीं से लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए परिवहन विभाग की तरफ से शासन को व्यवस्था में बदलाव के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है. मुहर लगते ही यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी जिससे आवेदकों को राहत जरूर मिलेगी.

सुधारी जाएगी ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था.

प्राइवेट फर्म नहीं निभा पाई अपनी जिम्मेदारी
अप्रैल माह से ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंटिंग और घर के पते पर भेजने की व्यवस्था परिवहन विभाग ने आरटीओ कार्यालयों से छीनकर मुख्यालय पर सेंट्रलाइज्ड कर दी थी. यह ठेका एक प्राइवेट फर्म को दिया गया था, लेकिन यह व्यवस्था पूरी तरह से चौपट ही होती चली गई. समय पर लाइसेंस घर पहुंचना तो दूर, घर से घर के दर तक जाकर वापस मुख्यालय लौटने लगे. छह माह में तकरीबन 50,000 लाइसेंस मुख्यालय पर वापस लौट चुके हैं. ऐसे में आवेदकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश भर से तमाम आवेदक मुख्यालय पर हर रोज शिकायत लेकर पहुंचते हैं. आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस की फीस का पैसा भरते ही हैं और मुख्यालय के चक्कर लगाने में जो पैसा खर्च होता है सो अलग.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: IG, SSP ने पुलिस टीम के साथ की पैदल गश्त, सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा

अब आरटीओ कार्यालय से प्राप्त किए जाएंगे डीएल

प्रदेश भर के विभिन्न जनपदों से हर रोज कई लोग अपना किराया खर्च कर लखनऊ स्थित परिवहन आयुक्त कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचते हैं और उनकी शिकायत का निराकरण भी नहीं होता है. अब लोगों की शिकायत से आजिज आकर परिवहन विभाग मुख्यालय पर वापस होने वाले लाइसेंस फिर से संबंधित आरटीओ कार्यालय से ही आवेदक प्राप्त कर सकेंगे. विभाग ने व्यवस्था में बदलाव के लिए शासन को प्रस्ताव भेजकर अनुरोध किया है कि मुख्यालय पर हजारों की संख्या में लाइसेंस वापस लौट रहे हैं. दोबारा यहां से भेज पाना संबंधित फर्म को मुश्किल हो रहा है ऐसे में सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के तहत लाइसेंस प्रिंट होने के बाद एक बार आवेदक के घर भेजा जाएगा. यदि वहां से फिर से मुख्यालय वापस आता है तो ऐसे लाइसेंसों को संबंधित आरटीओ कार्यालयों को भेज दिया जाएगा जिससे आवेदक वहीं से अपना लाइसेंस प्राप्त कर सकेगें. इससे आवेदक को सहूलियत मिलेगी, वहीं लाइसेंस न पहुंचने की शिकायत भी खत्म हो जाएगी. अब विभाग को इंतजार है कि शासन में भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगने का जैसे ही शासन से स्वीकृति मिलेगी यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी.

परिवहन विभाग नहीं ले सकते अभी कुछ भी निर्णय..
वापस होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजने की बात तो परिवहन विभाग के अधिकारी स्वीकारते हैं, लेकिन इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि अभी विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है जब तक शासन की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक कुछ भी बोलना ठीक नहीं है. हालांकि अधिकारी यह मानते हैं कि अगर इस प्रस्ताव पर शासन की मुहर लग जाती है तो आवेदकों की शिकायतों का समाधान हो जाएगा और कम से कम उनका लाइसेंस उन्हें मिल तो सकेगा.

लखनऊ: ड्राइविंग लाइसेंस के सही समय पर घर न पहुंचने से परेशान आवेदकों की शिकायत अब दूर होने वाली हैं. आवेदकों के घर लाइसेंस न पहुंचने की बढ़ती परेशानियों पर अब परिवहन विभाग गंभीरता दिखा रहा है. घर के पते पर पहुंचने के बजाय मुख्यालय पर डीएल वापस लौट रहे हैं. मुख्यालय पर यह संख्या हजारों में पहुंच चुकी है, ऐसे में अब परिवहन विभाग वापसी वाले लाइसेंस को मुख्यालय के बजाय सम्बन्धित आरटीओ कार्यालय को भेज देगा और आवेदक वहीं से लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए परिवहन विभाग की तरफ से शासन को व्यवस्था में बदलाव के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है. मुहर लगते ही यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी जिससे आवेदकों को राहत जरूर मिलेगी.

सुधारी जाएगी ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था.

प्राइवेट फर्म नहीं निभा पाई अपनी जिम्मेदारी
अप्रैल माह से ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंटिंग और घर के पते पर भेजने की व्यवस्था परिवहन विभाग ने आरटीओ कार्यालयों से छीनकर मुख्यालय पर सेंट्रलाइज्ड कर दी थी. यह ठेका एक प्राइवेट फर्म को दिया गया था, लेकिन यह व्यवस्था पूरी तरह से चौपट ही होती चली गई. समय पर लाइसेंस घर पहुंचना तो दूर, घर से घर के दर तक जाकर वापस मुख्यालय लौटने लगे. छह माह में तकरीबन 50,000 लाइसेंस मुख्यालय पर वापस लौट चुके हैं. ऐसे में आवेदकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश भर से तमाम आवेदक मुख्यालय पर हर रोज शिकायत लेकर पहुंचते हैं. आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस की फीस का पैसा भरते ही हैं और मुख्यालय के चक्कर लगाने में जो पैसा खर्च होता है सो अलग.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: IG, SSP ने पुलिस टीम के साथ की पैदल गश्त, सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा

अब आरटीओ कार्यालय से प्राप्त किए जाएंगे डीएल

प्रदेश भर के विभिन्न जनपदों से हर रोज कई लोग अपना किराया खर्च कर लखनऊ स्थित परिवहन आयुक्त कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचते हैं और उनकी शिकायत का निराकरण भी नहीं होता है. अब लोगों की शिकायत से आजिज आकर परिवहन विभाग मुख्यालय पर वापस होने वाले लाइसेंस फिर से संबंधित आरटीओ कार्यालय से ही आवेदक प्राप्त कर सकेंगे. विभाग ने व्यवस्था में बदलाव के लिए शासन को प्रस्ताव भेजकर अनुरोध किया है कि मुख्यालय पर हजारों की संख्या में लाइसेंस वापस लौट रहे हैं. दोबारा यहां से भेज पाना संबंधित फर्म को मुश्किल हो रहा है ऐसे में सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के तहत लाइसेंस प्रिंट होने के बाद एक बार आवेदक के घर भेजा जाएगा. यदि वहां से फिर से मुख्यालय वापस आता है तो ऐसे लाइसेंसों को संबंधित आरटीओ कार्यालयों को भेज दिया जाएगा जिससे आवेदक वहीं से अपना लाइसेंस प्राप्त कर सकेगें. इससे आवेदक को सहूलियत मिलेगी, वहीं लाइसेंस न पहुंचने की शिकायत भी खत्म हो जाएगी. अब विभाग को इंतजार है कि शासन में भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगने का जैसे ही शासन से स्वीकृति मिलेगी यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी.

परिवहन विभाग नहीं ले सकते अभी कुछ भी निर्णय..
वापस होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजने की बात तो परिवहन विभाग के अधिकारी स्वीकारते हैं, लेकिन इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि अभी विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है जब तक शासन की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक कुछ भी बोलना ठीक नहीं है. हालांकि अधिकारी यह मानते हैं कि अगर इस प्रस्ताव पर शासन की मुहर लग जाती है तो आवेदकों की शिकायतों का समाधान हो जाएगा और कम से कम उनका लाइसेंस उन्हें मिल तो सकेगा.

Intro:सुधरेगी ड्राइविंग लाइसेंस की चौपट हुई व्यवस्था, आरटीओ कार्यालय पर ही मिलेंगे मुख्यालय वापस हुए लाइसेंस

लखनऊ। ड्राइविंग लाइसेंस के सही समय पर घर न पहुंचने से परेशान आवेदकों की शिकायत अब दूर होने वाली हैं। आवेदकों के घर लाइसेंस न पहुंचने की बढ़ती परेशानियों पर अब परिवहन विभाग गंभीरता दिखा रहा है। घर के पते पर पहुंचने के बजाय मुख्यालय पर डीएल वापस लौट रहे हैं। मुख्यालय पर यह संख्या हजारों में पहुंच चुकी है। ऐसे में अब परिवहन विभाग वापसी वाले लाइसेंस को मुख्यालय के बजाय सम्बन्धित आरटीओ कार्यालय को भेज देगा और आवेदक वहीं से लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए परिवहन विभाग की तरफ से शासन को व्यवस्था में बदलाव के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। मुहर लगते ही यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी जिससे आवेदकों को राहत जरूर मिलेगी।


Body:इसी साल अप्रैल माह से ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंटिंग और घर के पते पर भेजने की व्यवस्था परिवहन विभाग ने आरटीओ कार्यालयों से छीनकर मुख्यालय पर सेंट्रलाइज्ड कर दी थी। एक प्राइवेट फर्म को इसका ठेका दिया गया था। लेकिन यह व्यवस्था पूरी तरह से चौपट ही होती गई। समय पर लाइसेंस घर पहुंचना तो दूर घर से घर के दर तक जाकर वापस मुख्यालय लौटने लगे। 6 माह में तकरीबन 50,000 लाइसेंस मुख्यालय पर वापस लौट चुके हैं। ऐसे में आवेदकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश भर से तमाम आवेदक मुख्यालय पर हर रोज शिकायत लेकर पहुंचते हैं। आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस की फीस का पैसा भरते ही हैं मुख्यालय के चक्कर लगाने में जो पैसा खर्च होता है सो अलग। प्रदेश भर के विभिन्न जनपदों से हर रोज कई दर्जन लोग अपना किराया खर्च कर लखनऊ स्थित परिवहन आयुक्त कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचते हैं और उनकी शिकायत का निराकरण भी नहीं होता है। अब लोगों की शिकायत से आजिज आकर परिवहन विभाग मुख्यालय पर वापस होने वाले लाइसेंस फिर से संबंधित आरटीओ कार्यालय से ही आवेदक प्राप्त कर सकें इसकी व्यवस्था में जुट गया है। विभाग ने व्यवस्था में बदलाव के लिए शासन को प्रस्ताव भेजकर अनुरोध किया है कि मुख्यालय पर हजारों की संख्या में लाइसेंस वापस लौट रहे हैं। दोबारा यहां से भेज पाना संबंधित फर्म को मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के तहत लाइसेंस प्रिंट होने के बाद एक बार आवेदक के घर भेजा जाएगा अगर वहां से फिर से मुख्यालय वापस आता है तो ऐसे लाइसेंसों को संबंधित आरटीओ कार्यालयों को भेज दिया जाए जिससे आवेदक वहीं से अपना लाइसेंस प्राप्त कर सके। इससे आवेदक को सहूलियत मिलेगी, वहीं लाइसेंस न पहुंचने की शिकायत भी खत्म हो जाएगी। अब विभाग को इंतजार है शासन में भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगने का। जैसे ही शासन से स्वीकृति मिलेगी यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।


Conclusion:वापस होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजने की बात तो परिवहन विभाग के अधिकारी स्वीकारते हैं लेकिन इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है जब तक शासन की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक कुछ भी बोलना ठीक नहीं है। हालांकि अधिकारी यह मानते हैं कि अगर इस प्रस्ताव पर शासन की मुहर लग जाती है तो आवेदकों की शिकायतों का समाधान हो जाएगा। कम से कम उनका लाइसेंस उन्हें मिल तो सकेगा।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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