लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के तकरीबन 20 हजार ड्राइवर और कंडक्टर्स को वर्दी धुलाई भत्ता ही नहीं दिया जा रहा है. नाराज चालक परिचालकों ने मानवाधिकार आयोग के दर पर दस्तक दी है. परिवहन निगम के करीब 32 हजार संविदा चालक परिचालकों ने भी वर्दी धुलाई भत्ता दिए जाने की आवाज उठाई है.
यूपीएसआरटीसी में तकरीबन 52 हजार ड्राइवर, कंडक्टर नौकरी पर तैनात हैं. रेगुलर ड्राइवर और कंडक्टर को वर्दी धुलाई भत्ता के रूप में हर माह 62 रुपये देने का नियम है. संविदा चालक और परिचालकों को यह भत्ता नहीं मिलता है, लागातार वे इसकी मांग कर रहे हैं. रेगुलर चालक परिचालक को भत्ता दिए जाने की घोषणा किए हुए 10 साल से ज्यादा वक्त बीत गया है, लेकिन अभी तक इसका भुगतान नहीं किया गया है. यूपी रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के शाखा अध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है.
उनका कहना है कि जब घोषणा की गई है तो भुगतान किया जाना चाहिए. अगर भुगतान नहीं हुआ तो चालक परिचालक बिना वर्दी पहने ड्यूटी करने जाएंगे. उन्होंने कहा है कि संविदा चालक परिचालकों को भी वर्दी धुलाई भत्ता मिलना चाहिए. बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने चालक परिचालक को सख्त और पर आदेश जारी किया है कि बिना वर्दी के बस पर चालक परिचालक नजर नहीं आएंगे. अगर जांच के दौरान बिना वर्दी पाए जाते हैं तो उनसे जुर्माना वसूला जाएगा. रुपये 50 से लेकर 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान भी परिवहन निगम ने किया है. चालक-परिचालकों का कहना है एक जोड़ी वर्दी है. गंदी हो जाती है धुलाई भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है.
लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर का कहना है कि वर्दी भत्ता से संबंधित मामला आप के माध्यम से संज्ञान में आया है. मामले की जांच कराकर जो भी प्रावधान होगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.