लखनऊ: जिले में हैदरगढ़ डिपो के एक बस के चालक-परिचालक के बस से चोरी से डीजल बेचने का मामला सामने आया है. मामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद जांच शुरू हो गई है. हालांकि परिचालक को बचाने के लिए रोडवेज के यूनियन नेता लामबंद हो गए हैं.
हैदरगढ़ डिपो की बस यूपी 33 एटी 4760 का जो वीडियो वायरल हो रहा है. यह शाहजहांपुर के तिलहर के एक अनधिकृत बस अड्डे पर का है. बस पर तैनात संविदा ड्राइवर राजेश यादव, संविदा ड्राइवर सरोज यादव और संविदा कंडक्टर मनोज यादव बस लेकर गए हुए थे. जांच में उन्होंने अधिकारियों को जो सफाई दी है, उसमें कहा है कि ढाबे पर तीनों लोग खाना खाने लगे और यहीं पर कोई बस से डीजल चोरी करने लगा. एक यात्री ने इसका वीडियो बना लिया और परिचालक मनोज यादव को दिया.
FIR क्यों दर्ज नहीं कराई
उनकी यह दलील अधिकारियों को बिल्कुल जायज नहीं लग रही है. वजह है कि जब यात्री ने परिचालक मनोज यादव को वीडियो बना कर दिया था तो वहीं पर ढाबा संचालक के खिलाफ चालक परिचालक ने एफआईआर क्यों दर्ज नहीं कराई थी. मामले की जांच कर रहे उपनगरीय डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक काशी प्रसाद ने बताया कि डिपो के एसएसआई से पूरे मामले की जांच कराई गई है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन अब एआरएम स्तर से इस मामले की जांच की जा रही है.
सभी की लापरवाही उजागर
चालक-परिचालक सफाई दे रहे हैं कि जब तक वे ढाबे पर खाना खाने लगे तब तक किसी व्यक्ति ने बस से डीजल चोरी करना शुरू कर दिया, लेकिन यह बात कहीं से सही नहीं लग रही है. मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच जारी है. सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि वीडियो की गोपनीयता को जांचने के लिए मेरी तरफ से बरेली के आरएम और लखनऊ के आरएम को पत्र भेजा गया था, लेकिन अभी तक वहां से जांच कराई गई या नहीं यह नहीं मालूम है. इस जांच में दोनों ड्राइवरों के अलावा कंडक्टर भी दोषी नजर आ रहा है. सभी की लापरवाही उजागर हो रही है. ऐसे में जल्द तीनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बस से डीजल चोरी का मामला जब सामने आया तो कंडक्टर को बचाने में कर्मचारी नेता लामबंद होने लगे हैं. बताया जा रहा है कि वह अधिकारियों पर ड्राइवरों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं, वहीं कंडक्टर मनोज यादव को बचाने की पुरजोर कोशिश में जुट गए हैं. हालांकि जिम्मेदारों का कहना है कि जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई तीनों के खिलाफ होगी क्योंकि तीनों ही बराबर के दोषी हैं.