ETV Bharat / state

कोरोना में अपनाएं ये टिप्स, ऑक्सीजन सिलेंडर से मिलेगी छुट्टी - how to avoid corona

पूरे देश सहित प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय अपना रहे हैं. कोई योगा कर रहा है तो कोई काढ़ा पी रहा है. ऐसे में लखनऊ स्थित केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश ने कोरोना से बचने और शरीर में ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने के लिए कई अहम सुझाव दिए हैं.

कोरोना में अपनाएं ये टिप्स
कोरोना में अपनाएं ये टिप्स
author img

By

Published : Apr 22, 2021, 8:06 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 8:18 PM IST

लखनऊ: कोरोना काल में देशभर में ऑक्सीजन को लेकर मारामारी है. कई गुना कीमत पर लोग ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने को मजबूर हैं. इसके बावजूद मरीजों की जिंदगी दांव पर है. उनकी हालत बिगड़ती जा रही है. ऐसे में कोरोना के लक्षण दिखने पर शुरुआती दिनों में ध्यान देने से न सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद से छुट्टी मिल सकती है, बल्कि अस्पताल के बजाय घर पर ही वायरस को मात दी जा सकती है. इस घातक वायरस से निजात पाने के लिए केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश ने अहम सुझाव दिए हैं.

जानकारी देते डॉ वेद प्रकाश.

लक्षण दिखे तो लें दवा, सातवें दिन कराएं सीटी स्कैन
डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक, कोरोना के कोई भी लक्षण होने पर खुद को तत्काल आइसोलेट कर लें. सरकार द्वारा तय की गई होम आइसोलेशन की दवाओं को तत्काल शुरू कर दें. रिपोर्ट का इंतजार कर वायरस को पनपने का मौका न दें. इसकी गाइडलाइन भी स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर दी है. डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि पहले सप्ताह वायरस तेजी से शरीर में बढ़ता है. दूसरे सप्ताह में निमोनिया शुरू होता है, ऐसे में 7 से 9 दिन पर सीटी स्कैन कराकर फेफड़े में शुरुआती दौर में संक्रमण को पकड़ें. यदि सांस पहले ही फूलने लगो तो पूर्व में भी सीटी स्कैन करा सकते हैं. ऐसा करने पर ऑक्सीजन सपोर्ट के खतरे को टाला जा सकता है.

डॉ वेद प्रकाश.
डॉ वेद प्रकाश.

डाउन ऑक्सीजन ऐसे करें अप
डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक, होम आइसोलेशन के मरीज ऑक्सीजन लेवल मापते रहें. जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 94 और उसके ऊपर है, उन्हें होम आइसोलेशन की तय दवा में आइवरमेक्टिन और डॉक्सीसाइक्लिन की भी डोज दी जाए. वहीं ऐसे मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 और 90 के बीच है, वे आइवरमेक्टिन और डॉक्सीसाइक्लिन के साथ स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन, मिथाइल प्रेडनीसोलोन में से कोई डॉक्टर की सलाह लेकर घर पर ही हाई डोज ले. ऐसा करने पर निमोनिया के प्रकोप को रोका जा सकता है. लिहाजा मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट का सहारा नहीं लेना होगा.

ऑक्सीजन 90 से नीचे, भर्ती नहीं, तो प्रोन वेंटिलेशन करें
डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक, 90 से नीचे ऑक्सीजन लेवल आने पर अस्पताल में मरीज को भर्ती कराएं. इस बीच तत्काल बेड न मिलने पर हिम्मत न हारें. ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट दें. दवा के साथ-साथ मरीज को प्रोन वेंटिलेशन (पेट के बल लिटाकर) पर रखें. मरीज सीने के पास तकिया लगाकर लेटे हुए सांस ले और फिर छोड़े. वहीं ऑक्सीजन लेवल जब 90 के ऊपर स्थिर हो जाए तो ऑक्सीजन सपोर्ट धीरे-धीरे कम करें.

एआरडीएस से गड़बड़ा जाती है श्वसन प्रक्रिया
डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि एक्यूट रेस्परेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) की समस्या होने से फेफड़े के निचले हिस्से में पानी आ जाता है. पीठ के बल मरीज के लेटे रहने से फेफड़े के निचले हिस्से की एल्वियोलाइ में रक्त तो पहुंचता है, मगर पानी होने की वजह से ऑक्सीजन और कॉर्बन डाइऑक्साइड को निकालने की प्रक्रिया बाधित रहती है. ऐसे में मरीज और गंभीर होने लगता है. वहीं मरीज को पीठ के बल लिटाने से फेफड़े में संकुचन कम हो जाता है. पीठ वाला प्रेशर हल्का हो जाता है और पूरे फेफड़े में रक्त का संचार अच्छे से होने लगता है. कॉर्बन डाइऑक्साइड के निकलने और ऑक्सीजनेशन की प्रक्रिया में सुधार आता है. इससे मरीज की स्थिति पांचवें दिन से बेहतर होने लगती है.

इसे भी पढ़ें-ऑक्सीजन बिना हो रही मौतों से डॉक्टर भी विचलित, बेबसी में आंखों से छलके आंसू


ऑक्सीजन मेंटेन में यह भी उपाय हैं कारगर

  • पेट के बल लेट कर गहरी सांस लें, इससे फेफड़े अच्छी तरह से काम करते हैं.
  • बाईं ओर करवट लेकर 30 मिनट तक लेटे रहें, इससे ऑक्सीजन लेवल सुधारने में मदद मिलती है.
  • 30 मिनट तक रोगी टेक लगाकर बेड पर सीधे बैठ जाएं, इससे भी फायदा मिलता है.
  • 30 मिनट तक रोगी दाईं करवट करके लेटे और सांस लेते रहें.
  • इसके बाद रोगी फिर पहली वाली पोजीशन यानी कि पेट के बल लेट जाए.
  • रोगी जल्दी-जल्दी सांस लेने के बजाय गहरी सांस लें, यह प्रक्रिया ऑक्सीजन लेवल सुधारती है.
  • कोरोना में मुंह को सूखने ना दें, समय-समय पर पानी पीते रहें. प्यास लगने का इंतजार न करें.
  • रोगी कमरे की खिड़कियां खोल लें और ताजी हवा आने दें .
  • आयरन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें. ऑक्सीजन को शरीर के अंगों में ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं को आयरन की जरूरत होती है.

ऑक्सीजन सिलिंडर ऑपरेट करने पर दें ध्यान
डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक, ऑक्सीजन सिलेंडर को ऑपरेट करना एक सामान्य प्रक्रिया है. मगर, ऑक्सीजन कितने प्रेशर में देना है, इसका ध्यान रखना जरूरी है. अधिकतर लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, नतीजतन कई बार मरीज का ऑक्सीजन लेवल ज्यादा हो जाता है और कई बार मरीज को ऑक्सीजन लेवल पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है. ऐसे में पहले मरीज का ऑक्सीजन लेवल चेक करें, अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल-94 से कम है, तो ऑक्सीजन रिलीज करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की नॉब को सिलेंडर के साथ में लगे वाटर बॉटल (फ़्यूमिडीफायर) के एक नंबर से तीन नंबर (लीटर) प्रेशर से ऑक्सीजन रिलीज करें.


मरीज की उंगली में लगा हो ऑक्सीमीटर
डॉ वेद प्रकाश ने कहा, ऑक्सीजन देने से पहले मरीज का ऑक्सीजन लेवल ऑक्सीमीटर में जांच लें. जैसे ही ऑक्सीजन मरीज के मास्क से शरीर में जानी शुरू होगी, ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता जाएगा. ऑक्सीजन देने के साथ ऑक्सीमीटर में जैसे ही ऑक्सीजन की मात्रा 94 पर पहुंचती है. ऐसे में चेक करें कि कितने प्रेशर से ऑक्सीजन रिलीज करने पर लेवल 94 पर पहुंचा है. यदि ऑक्सीजन लेवल 94 पर पहुंचा है, तो दस मिनट बाद ऑक्सीजन प्रेशर आधा से एक प्वाइंट तक कम करके ऑक्सीजन का लेवल 94 पर चेक करें. ऐसे ही ऑक्सीजन प्रेशर से ऑक्सीजन लेवल को चेक करते रहें.

लखनऊ: कोरोना काल में देशभर में ऑक्सीजन को लेकर मारामारी है. कई गुना कीमत पर लोग ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने को मजबूर हैं. इसके बावजूद मरीजों की जिंदगी दांव पर है. उनकी हालत बिगड़ती जा रही है. ऐसे में कोरोना के लक्षण दिखने पर शुरुआती दिनों में ध्यान देने से न सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद से छुट्टी मिल सकती है, बल्कि अस्पताल के बजाय घर पर ही वायरस को मात दी जा सकती है. इस घातक वायरस से निजात पाने के लिए केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश ने अहम सुझाव दिए हैं.

जानकारी देते डॉ वेद प्रकाश.

लक्षण दिखे तो लें दवा, सातवें दिन कराएं सीटी स्कैन
डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक, कोरोना के कोई भी लक्षण होने पर खुद को तत्काल आइसोलेट कर लें. सरकार द्वारा तय की गई होम आइसोलेशन की दवाओं को तत्काल शुरू कर दें. रिपोर्ट का इंतजार कर वायरस को पनपने का मौका न दें. इसकी गाइडलाइन भी स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर दी है. डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि पहले सप्ताह वायरस तेजी से शरीर में बढ़ता है. दूसरे सप्ताह में निमोनिया शुरू होता है, ऐसे में 7 से 9 दिन पर सीटी स्कैन कराकर फेफड़े में शुरुआती दौर में संक्रमण को पकड़ें. यदि सांस पहले ही फूलने लगो तो पूर्व में भी सीटी स्कैन करा सकते हैं. ऐसा करने पर ऑक्सीजन सपोर्ट के खतरे को टाला जा सकता है.

डॉ वेद प्रकाश.
डॉ वेद प्रकाश.

डाउन ऑक्सीजन ऐसे करें अप
डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक, होम आइसोलेशन के मरीज ऑक्सीजन लेवल मापते रहें. जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 94 और उसके ऊपर है, उन्हें होम आइसोलेशन की तय दवा में आइवरमेक्टिन और डॉक्सीसाइक्लिन की भी डोज दी जाए. वहीं ऐसे मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 और 90 के बीच है, वे आइवरमेक्टिन और डॉक्सीसाइक्लिन के साथ स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन, मिथाइल प्रेडनीसोलोन में से कोई डॉक्टर की सलाह लेकर घर पर ही हाई डोज ले. ऐसा करने पर निमोनिया के प्रकोप को रोका जा सकता है. लिहाजा मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट का सहारा नहीं लेना होगा.

ऑक्सीजन 90 से नीचे, भर्ती नहीं, तो प्रोन वेंटिलेशन करें
डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक, 90 से नीचे ऑक्सीजन लेवल आने पर अस्पताल में मरीज को भर्ती कराएं. इस बीच तत्काल बेड न मिलने पर हिम्मत न हारें. ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट दें. दवा के साथ-साथ मरीज को प्रोन वेंटिलेशन (पेट के बल लिटाकर) पर रखें. मरीज सीने के पास तकिया लगाकर लेटे हुए सांस ले और फिर छोड़े. वहीं ऑक्सीजन लेवल जब 90 के ऊपर स्थिर हो जाए तो ऑक्सीजन सपोर्ट धीरे-धीरे कम करें.

एआरडीएस से गड़बड़ा जाती है श्वसन प्रक्रिया
डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि एक्यूट रेस्परेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) की समस्या होने से फेफड़े के निचले हिस्से में पानी आ जाता है. पीठ के बल मरीज के लेटे रहने से फेफड़े के निचले हिस्से की एल्वियोलाइ में रक्त तो पहुंचता है, मगर पानी होने की वजह से ऑक्सीजन और कॉर्बन डाइऑक्साइड को निकालने की प्रक्रिया बाधित रहती है. ऐसे में मरीज और गंभीर होने लगता है. वहीं मरीज को पीठ के बल लिटाने से फेफड़े में संकुचन कम हो जाता है. पीठ वाला प्रेशर हल्का हो जाता है और पूरे फेफड़े में रक्त का संचार अच्छे से होने लगता है. कॉर्बन डाइऑक्साइड के निकलने और ऑक्सीजनेशन की प्रक्रिया में सुधार आता है. इससे मरीज की स्थिति पांचवें दिन से बेहतर होने लगती है.

इसे भी पढ़ें-ऑक्सीजन बिना हो रही मौतों से डॉक्टर भी विचलित, बेबसी में आंखों से छलके आंसू


ऑक्सीजन मेंटेन में यह भी उपाय हैं कारगर

  • पेट के बल लेट कर गहरी सांस लें, इससे फेफड़े अच्छी तरह से काम करते हैं.
  • बाईं ओर करवट लेकर 30 मिनट तक लेटे रहें, इससे ऑक्सीजन लेवल सुधारने में मदद मिलती है.
  • 30 मिनट तक रोगी टेक लगाकर बेड पर सीधे बैठ जाएं, इससे भी फायदा मिलता है.
  • 30 मिनट तक रोगी दाईं करवट करके लेटे और सांस लेते रहें.
  • इसके बाद रोगी फिर पहली वाली पोजीशन यानी कि पेट के बल लेट जाए.
  • रोगी जल्दी-जल्दी सांस लेने के बजाय गहरी सांस लें, यह प्रक्रिया ऑक्सीजन लेवल सुधारती है.
  • कोरोना में मुंह को सूखने ना दें, समय-समय पर पानी पीते रहें. प्यास लगने का इंतजार न करें.
  • रोगी कमरे की खिड़कियां खोल लें और ताजी हवा आने दें .
  • आयरन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें. ऑक्सीजन को शरीर के अंगों में ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं को आयरन की जरूरत होती है.

ऑक्सीजन सिलिंडर ऑपरेट करने पर दें ध्यान
डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक, ऑक्सीजन सिलेंडर को ऑपरेट करना एक सामान्य प्रक्रिया है. मगर, ऑक्सीजन कितने प्रेशर में देना है, इसका ध्यान रखना जरूरी है. अधिकतर लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, नतीजतन कई बार मरीज का ऑक्सीजन लेवल ज्यादा हो जाता है और कई बार मरीज को ऑक्सीजन लेवल पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है. ऐसे में पहले मरीज का ऑक्सीजन लेवल चेक करें, अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल-94 से कम है, तो ऑक्सीजन रिलीज करने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की नॉब को सिलेंडर के साथ में लगे वाटर बॉटल (फ़्यूमिडीफायर) के एक नंबर से तीन नंबर (लीटर) प्रेशर से ऑक्सीजन रिलीज करें.


मरीज की उंगली में लगा हो ऑक्सीमीटर
डॉ वेद प्रकाश ने कहा, ऑक्सीजन देने से पहले मरीज का ऑक्सीजन लेवल ऑक्सीमीटर में जांच लें. जैसे ही ऑक्सीजन मरीज के मास्क से शरीर में जानी शुरू होगी, ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता जाएगा. ऑक्सीजन देने के साथ ऑक्सीमीटर में जैसे ही ऑक्सीजन की मात्रा 94 पर पहुंचती है. ऐसे में चेक करें कि कितने प्रेशर से ऑक्सीजन रिलीज करने पर लेवल 94 पर पहुंचा है. यदि ऑक्सीजन लेवल 94 पर पहुंचा है, तो दस मिनट बाद ऑक्सीजन प्रेशर आधा से एक प्वाइंट तक कम करके ऑक्सीजन का लेवल 94 पर चेक करें. ऐसे ही ऑक्सीजन प्रेशर से ऑक्सीजन लेवल को चेक करते रहें.

Last Updated : Apr 22, 2021, 8:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.