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लखनऊ: बीस साल बाद स्पोर्ट्स ट्रैक पर फिर से वापसी, यूपी को दिए सात मेडल - नेशनल विमेंस मास्टर एथलेटिक्स

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में फिर से अपनी एक नई पहचान बनाने के लिए मास्टर एथलेटिक्स 20 वर्ष बाद स्पोर्ट्स के ट्रैक पर वापस लौटी हैं. उन्होंने यूपी के लिए 7 मेडल जीत लिए हैं और अपने देश का नाम भी रोशन कर रही हैं.

मास्टर एथलेटिक्स तृप्ति सिंह.
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Published : Aug 2, 2019, 11:40 PM IST

लखनऊ: लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्तियां डॉ. तृप्ति सिंह पर सटीक बैठती हैं. गाजीपुर की रहने वाली डॉ. तृप्ति सिंह वर्तमान समय में लखनऊ में रह रही हैं. स्पोर्ट्स के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने वाली और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली तृप्ति सिंह करीब 20 वर्ष बाद स्पोर्ट्स के ट्रैक पर वापस लौटी है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए 7 मैडल जीत लिए हैं.

एथलेटिक्स ने दी यूपी को दिए सात मेडल.

पूरा होता मैरीकॉम का सपना-

  • डॉ. तृप्ति सिंह ने नेशनल विमेंस मास्टर एथलेटिक्स मीट में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए मेडल जीतें हैं.
  • देहरादून में हुए राष्ट्रीय मास्टर मिनट में भी उन्होंने 4 मेडल जीते जिनमें एक गोल्ड मेडल भी शामिल था.
  • राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीतकर उन्होंने उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है.
  • उन्होंने बताया कि बचपन से लेकर आगे की पढ़ाई की फिर स्पोर्ट्स में कदम रखा.
  • घरवालों की इच्छा के चलते खेल नहीं पाई और स्पोर्टस को अलविदा कहना पड़ा था.
  • वर्ष 2000 में उन्होंने खेल छोड़ दिया और पढ़ाई में लग गई थी.
  • उन्होंने शारीरिक शिक्षा में स्नातक परास्नातक और एचडी तक कि इसके अलावा कई इंटरनेशनल पेपर्स भी लिखे हैं.

उनका विवाह 2011 हुआ था-

  • 2019 में फिर अपने स्पोर्ट्स में वापसी की और देश के लिए उन्होंने 7 मेडल मेडल जीत लिए हैं.
  • उनका विवाह 2011 हुआ था और 2014 में उन्हें एक बेटी हुई इसके बाद उन्होंने 2019 में अपने स्पोर्ट्स को आगे बढ़ाने का काम किया.
  • देहरादून में हुए राष्ट्रीय मास्टर मीट में यूपी के लिए सर्वाधिक चार राष्ट्रीय मेडल जीते.
  • 100 मीटर के बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक और लंबी कूद में रजत पदक जीते.
  • चार गुणे 100 मीटर में कांस्य पदक चार गुणे 400 मीटर में कांस्य पदक प्राप्त किया हैं.
  • तृप्ति कहती है कि आने वाले समय में कुछ और एथलेटिक्स चैंपियनशिप होने वाली है.
  • ईश्वर के आशीर्वाद से उस चैंपियनशिप में भी प्रदेश और देश के लिए मेडल जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत करेंगी.

लखनऊ: लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्तियां डॉ. तृप्ति सिंह पर सटीक बैठती हैं. गाजीपुर की रहने वाली डॉ. तृप्ति सिंह वर्तमान समय में लखनऊ में रह रही हैं. स्पोर्ट्स के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने वाली और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली तृप्ति सिंह करीब 20 वर्ष बाद स्पोर्ट्स के ट्रैक पर वापस लौटी है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए 7 मैडल जीत लिए हैं.

एथलेटिक्स ने दी यूपी को दिए सात मेडल.

पूरा होता मैरीकॉम का सपना-

  • डॉ. तृप्ति सिंह ने नेशनल विमेंस मास्टर एथलेटिक्स मीट में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए मेडल जीतें हैं.
  • देहरादून में हुए राष्ट्रीय मास्टर मिनट में भी उन्होंने 4 मेडल जीते जिनमें एक गोल्ड मेडल भी शामिल था.
  • राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीतकर उन्होंने उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है.
  • उन्होंने बताया कि बचपन से लेकर आगे की पढ़ाई की फिर स्पोर्ट्स में कदम रखा.
  • घरवालों की इच्छा के चलते खेल नहीं पाई और स्पोर्टस को अलविदा कहना पड़ा था.
  • वर्ष 2000 में उन्होंने खेल छोड़ दिया और पढ़ाई में लग गई थी.
  • उन्होंने शारीरिक शिक्षा में स्नातक परास्नातक और एचडी तक कि इसके अलावा कई इंटरनेशनल पेपर्स भी लिखे हैं.

उनका विवाह 2011 हुआ था-

  • 2019 में फिर अपने स्पोर्ट्स में वापसी की और देश के लिए उन्होंने 7 मेडल मेडल जीत लिए हैं.
  • उनका विवाह 2011 हुआ था और 2014 में उन्हें एक बेटी हुई इसके बाद उन्होंने 2019 में अपने स्पोर्ट्स को आगे बढ़ाने का काम किया.
  • देहरादून में हुए राष्ट्रीय मास्टर मीट में यूपी के लिए सर्वाधिक चार राष्ट्रीय मेडल जीते.
  • 100 मीटर के बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक और लंबी कूद में रजत पदक जीते.
  • चार गुणे 100 मीटर में कांस्य पदक चार गुणे 400 मीटर में कांस्य पदक प्राप्त किया हैं.
  • तृप्ति कहती है कि आने वाले समय में कुछ और एथलेटिक्स चैंपियनशिप होने वाली है.
  • ईश्वर के आशीर्वाद से उस चैंपियनशिप में भी प्रदेश और देश के लिए मेडल जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत करेंगी.
Intro:एंकर लखनऊ। लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्तियां डॉ तृप्ति सिंह पर सटीक बैठती हैं। मूल रूप से गाजीपुर की रहने वाली वर्तमान समय में लखनऊ में रहता है स्पोर्ट्स के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने वाली और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली तृप्ति सिंह करीब 20 वर्ष बाद जब स्पोर्ट्स के ट्रैक पर वापसी की तो उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए 7 मैडल जीत लिए। उत्तर प्रदेश के लिए वह भुवनेश्वर की रहने वाली दुती चंद के नाम से भी पहचान बना रही हैं दुती चंद किसी परिचय का मोहताज नहीं है उन्होंने क्षेत्र में देश के लिए कई पदक जीते हैं।


Body:वीओ अभी पिछले दिनों तृप्ति सिंह ने नेशनल विमेंस मास्टर एथलेटिक्स मीट में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए मेडल जीतें देहरादून में हुए राष्ट्रीय मास्टर मिनट में भी उन्होंने 4 मेडल जीते जिनमें एक गोल्ड मेडल भी शामिल था राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीतकर उन्होंने उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है। बाईट डॉ तृप्ति सिंह, खिलाड़ी उन्होंने बताया कि बचपन से लेकर आगे की पढ़ाई की फिर स्पोर्ट्स में कदम रखा लेकिन घरवालों की इच्छा के चलते खेल नहीं पाई स्पॉट को अलविदा कहना पड़ा वर्ष 2000 में उन्होंने खेल छोड़ दिया और पढ़ाई में लग गई इस दौरान उन्होंने शारीरिक शिक्षा में स्नातक परास्नातक और एचडी तक कि इसके अलावा कई इंटरनेशनल पेपर्स भी लिखे और 2019 में वह फिर अपने स्पोर्ट्स में वापसी की और देश के लिए उन्होंने कई 7 मेडल मेडल जीत लिए।


Conclusion:पृथ्वी के मुताबिक 2011 में उनका विवाह हुआ और 2014 में उन्हें एक बेटी पैदा हुई इसके बाद उन्होंने 2019 में अपने स्पोर्ट्स को आगे बढ़ाने का काम किया देहरादून में हुए राष्ट्रीय मास्टर मीट में उत्तर प्रदेश के लिए सर्वाधिक चार राष्ट्रीय मेडल जीते 100 मीटर के बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक लंबी कूद में रजत चार गुणे 100 मीटर में कांस्य पदक चार गुणे 400 मीटर में कांस्य पदक प्राप्त किया। तपती कहती है कि आने वाले समय में कुछ और एथलेटिक्स चैंपियनशिप होने वाली है उनमें भी ईश्वर के आशीर्वाद से प्रदेश और देश के लिए मेडल जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत करेंगे। जिससे देश और प्रदेश का नाम रोशन हो।
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