लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक तरफ तो 'मिशन शक्ति' अभियान चल रहा है. इस अभियान के तहत महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देने की बात कही जा रही है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों में कामकाजी महिलाएं, उच्च अधिकारियों के उत्पीड़न का शिकार भी हो रही हैं. अपने खिलाफ उत्पीड़न की आवाज उठाने वाली महिलाओं को अधिकारियों की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है. ऐसा ही मामला राज्य नियोजन संस्थान के मूल्यांकन प्रभाग का है, जहां एक महिला प्रथम श्रेणी पद पर तैनात है. आरोप के है कि इसी विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ सत्यवीर सिंह ने महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया. लेकिन जब वह सफल नहीं हुए तो महिला का उत्पीड़न करने लगे. इसके खिलाफ महिला ने खुद शिकायत दर्ज कराई है. वहीं पिता ने भी हर स्तर पर अपनी बेटी को न्याय दिलाने की कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं इसी बीच 31 दिसंबर 2020 को डॉक्टर सत्यवीर सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
राज्य नियोजन संस्थान में तैनात प्रथम श्रेणी की महिला अधिकारी बेटी जहां संयुक्त निदेशक डॉ सत्यवीर सिंह की उत्पीड़न का शिकार है. अधिकारी के कारनामों की शिकायत राज्य महिला आयोग से लेकर मुख्यमंत्री तक की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक कि महिला के खिलाफ अधिकारी ने कागजी कार्रवाई में मानसिक उत्पीड़न किया है. पिता बेटी को न्याय दिलाने के लिए हर अधिकारी के दरवाजे पर दस्तक दे चुका है लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला.
सरकारी विभागों में 'मिशन शक्ति' की हकीकत
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित 'मिशन शक्ति' के तहत जहां महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर तत्काल न्याय दिलाने व कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है. लेकिन जमीनी हकीकत इसके परे भी है. सरकारी विभागों में महिला अधिकारी भी उच्च अधिकारियों के उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं, लेकिन उनके खिलाफ शिकायत होने पर इस अभियान के तहत कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है. राज्य नियोजन संस्थान में तैनात महिला अधिकारी की शिकायत के बावजूद खुद संयुक्त निदेशक पर धमकाने का भी आरोप है.
बेटी को न्याय दिलाने के लिए पिता राज्य महिला आयोग पहुंचा. वहीं पिता मोतीलाल बिंद ने बताया कि उनकी बेटी राज्य नियोजन संस्थान के मूल्यांकन प्रभाग में जस्ट मूल्यांकन अधिकारी के पद पर तैनात है. वहीं विभाग में तैनात रहे डॉ सत्यवीर सिंह संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात थे. उन्होंने बेटी का यौन उत्पीड़न करने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए. तो वहीं बेटी का मानसिक उत्पीड़न करना शुरू किया. अभी तक वह हर जगह पर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.