लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के दलित होने पर डॉक्टर आंबेडकर महासभा के डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि मायावती जिस दलित जाति से संबंध रखती हैं, वह डॉ. आंबेडकर की 1935 में बनाई गई दलितों की सूची में शामिल ही नहीं है. यानी वह मूल दलित जातियों से नहीं आती हैं. ऐसे में उन्हें छद्म दलित कहा जाना चाहिए.
डॉ. निर्मल ने मायावती को बताया छद्म दलित
- अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बसपा प्रमुख मायावती पर करारा हमला बोला है.
- उन्होंने गुरुवार की शाम में पत्रकार वार्ता में बताया कि मायावती जिस जाति समुदाय से संबंध रखती हैं, वह भारत की मूल दलित जातियों में शामिल नहीं है.
- उन्होंने कहा कि इसका प्रमाण डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की उस जातीय सूची से मिलता है, जो उन्होंने 1935 में भारत के दलित जातियों की गणना कर बनाई थी.
- उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के 1936 में जारी शेड्यूल कास्ट सूची में उत्तर प्रदेश की जाटों जाति को दलित जाति की सूची में शामिल नहीं किया गया है.
इससे साफ पता चलता है कि उस दौर में यह जाति अस्पृश्यता की समस्या का उस तरीके से सामना नहीं कर रही थी, जैसा कि दूसरी जातियां कर रही थी. उन्होंने कहा कि दलितों में यह जाति बेहद कम है, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते 1950 के बाद इसे दलितों की सूची में शामिल किया गया. इससे साफ जाहिर है कि मायावती भारत की मूल दलित जाति से नहीं हैं, वह छद्म दलित हैं.
-लालजी प्रसाद निर्मल, अध्यक्ष, अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, यूपी