लखनऊ : पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह की लखनऊ में वापसी हो गई है. उन्हें मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) की जिम्मेदारी सौंपी गई है. डॉ. मुकेश कुमार सिंह की गिनती शिक्षा विभाग के सबसे ईमानदार, कर्मठ और जुझारू अधिकारी के रूप में की जाती है. सितंबर-2021 तक वह लखनऊ में जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे. वह करीब साढ़े चार साल तक लखनऊ में तैनात रहे. इस दौरान उन्होंने सबसे बड़े नियुक्ति फर्जीवाड़े का खुलासा किया.
पहले तैनाती के दौरान एक ओर जहां उन्होंने लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को व्यवस्थित करने का कार्य किया, वहीं शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे शिक्षा माफियाओं और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की. सितंबर 2021 में उन्हें जिला विद्यालय निरीक्षक बरेली की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 30 जून को माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से जारी की गई ट्रांसफर लिस्ट में डॉ. मुकेश कुमार सिंह को माध्यमिक शिक्षा विभाग से बेसिक शिक्षा विभाग में जाने की अनुमति मिल गई थी. जिसके बाद शनिवार को उन्हें एडी बेसिक लखनऊ मंडल की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
इनको भी दी गई जिम्मेदारी : डॉ. मुकेश कुमार सिंह के साथ ही माध्यमिक शिक्षा विभाग से बेसिक शिक्षा विभाग गए कई अन्य अधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंप दी गई है. राज कुमार को सहायक निदेशक साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा लखनऊ एवं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा सौंपे गए कार्यों का निष्पादन की जिम्मेदारी दी गई है. सुधीर कुमार को वरिष्ठ विशेषज्ञ समग्र शिक्षा, धर्मेंद्र शर्मा को उप प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौतमबुद्ध नगर, राजेश कुमार वर्मा को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक कानपुर और जितेंद्र कुमार मलिक को उप प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हापुड़ की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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सबसे बड़े नियुक्ति फर्जीवाड़े का खुलासा : लखनऊ में अब तक के सबसे बड़े नियुक्ति फर्जीवाड़े का खुलासा भी डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने ही किया. पूर्व में हुए 103 पदों पर फर्जी नियुक्ति जांच की प्रक्रिया शुरू की गई. वहीं मुकेश कुमार सिंह के पद संभालने से पहले राजधानी में कई शिक्षकों को अनियमित भुगतान किए जा रहे थे. इस पर रोक लगाकर सरकार को होने वाले नुकसान पर लगाम लगाई. प्रशासनिक कार्यों पर ही नहीं बल्कि शैक्षिक सुधार के लिए भी उन्हें जाना जाता है.
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