लखनऊ: गोरखपुर के डॉ. कफील अहमद खान ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज से उनकी सेवाओं को समाप्त करने सम्बंधी आदेश को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है. गुरुवार को न्यायालय ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय सरकार को दिया गया है, व प्रत्युत्तर देने के लिए याची को इसके अगले दो सप्ताह का समय दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय की एकल पीठ ने डॉ. कफील अहमद खान की याचिका पर दिया है. उल्लेखनीय है कि गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2017 में इंसेफ्लाइटिस से संक्रमित बच्चों की मृत्यु के मामले में उन पर कार्रवाई की गई थी. उन पर आरोप लगाया गया कि जब उक्त त्रासदी हुई थी तब वह इंसेफ्लाइटिस वार्ड के प्रभारी थे. उक्त बर्खास्तगी को चुनौती देते हुए उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया.
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कफील खान की ओर से दलील दी गई है कि मामले में कई जांच समितियों से हरी झंडी मिलने के बावजूद उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई. कहा गया है कि सरकार ने आठ आरोपियों में से याची को छोड़कर सभी को बहाल कर दिया. याची का कहना है कि उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन त्रासदी के बाद निलंबित किया गया था. इस त्रासदी में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के बाद कई बच्चों की मृत्यु हो गई थी. कहा गया है कि कई दौर की जांच-पड़ताल से मंजूरी मिलने के बावजूद डॉ. कफील को छोड़कर अन्य सभी आरोपी जिन्हें उनके साथ निलंबित कर दिया गया था, उन सभी को बहाल कर दिया गया.
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