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लखनऊ: डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, लेकिन दिनभर परेशान रहे मरीज

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Published : Jun 18, 2019, 1:13 AM IST

डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल खत्म हो गई है, लेकिन यूपी के विभिन्न जिलों में हड़ताल से मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा. हड़ताल के दौरान डॉक्टरों ने ओपीडी बंद कर दी थी. इस वजह से मरीज डॉक्टरों से नहीं मिल पाए.

हड़ताल करते डॉक्टर.

लखनऊ: कोलकाता में डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद देशभर में माहौल खराब हो गया था. घटना के बाद देशभर में डॉक्टरों ने कई तरह से विरोध प्रदर्शन किया. आईएमए के हड़ताल घोषित करने के बाद सारे डॉक्टरों ने अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रखीं और ओपीडी बंद रहीं. सोमवार शाम को हड़ताल खत्म कर दी गई, लेकिन इससे पहले प्रदेश के तमाम जिलों में मरीजों को खासी परेशनी हुई.

हड़ताल करते डॉक्टर.

राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुबह 6:00 बजे से ही प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान ओपीडी में नए पर्चे नहीं बने. डॉक्टरों की हड़ताल का असर बाराबंकी जिले में भी दिखाई दिया. यहां प्राइवेट डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक और नर्सिंग होम बंद रखे. इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं अलीगढ़ में मेडिकल कॉलेज में डाक्टरों ने मरीजों को वापस लौटा दिया. अंबेडकर नगर जिले के महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार की वजह से ओपीडी का कार्य प्रभावित रहा.

कानपुर में तीमारदारों ने किया बवाल

कानपुर के हैलट अस्पताल में सीनियर और जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी बंद कर दी थी, जिससे दूर दराज से आए मरीजों का हाल बुरा हो गया. इलाज न मिलने से आक्रोशित तीमारदारों ने एलएलआर चिकित्सालय के बाहर रोड जाम कर बवाल करना शुरु कर दिया. हालांकि समय रहते पुलिस फोर्स ने हालात को काबू में कर लिया.

बलरामपुर जिले के जिला मेमोरियल चिकित्सालय, संयुक्त जिला चिकित्सालय और जिला महिला चिकित्सालय में ओपीडी में बैठे डॉक्टरों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन किया. वहीं ललितपुर जिले में शहर के सभी डॉक्टरों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

अस्पताल में डॉक्टरों ने लगाया हेलमेट

बलिया के जिला अस्पताल में प्रशासन ने अस्पताल में मौजूद सभी चिकित्सकों को ओपीडी और इमरजेंसी में हेलमेट पहनकर मरीजों को देखने के निर्देश दिए. इसके बाद सभी चिकित्सक अपने-अपने कक्ष में हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज करते दिखे.

बदायूं में डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक बंद रखे और जिलाधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. हड़ताल का असर भदोही जिले में भी देखने को मिला. यहां अस्पतालों में मरीजों की भीड़ रही, लेकिन डाक्टरों के काम न करने की वजह से मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा.

ममता बनर्जी का फूंका पुतला

बरेली में प्राइवेट डॉक्टरों ने आईएमए भवन से चौकी चौराहे तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान डॉक्टरों ने माथे पर सफेद मेडिकल पट्टी बांध रखी थी. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला भी फूंका.

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सर सुंदरलाल चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

लखनऊ: कोलकाता में डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद देशभर में माहौल खराब हो गया था. घटना के बाद देशभर में डॉक्टरों ने कई तरह से विरोध प्रदर्शन किया. आईएमए के हड़ताल घोषित करने के बाद सारे डॉक्टरों ने अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रखीं और ओपीडी बंद रहीं. सोमवार शाम को हड़ताल खत्म कर दी गई, लेकिन इससे पहले प्रदेश के तमाम जिलों में मरीजों को खासी परेशनी हुई.

हड़ताल करते डॉक्टर.

राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुबह 6:00 बजे से ही प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान ओपीडी में नए पर्चे नहीं बने. डॉक्टरों की हड़ताल का असर बाराबंकी जिले में भी दिखाई दिया. यहां प्राइवेट डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक और नर्सिंग होम बंद रखे. इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं अलीगढ़ में मेडिकल कॉलेज में डाक्टरों ने मरीजों को वापस लौटा दिया. अंबेडकर नगर जिले के महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार की वजह से ओपीडी का कार्य प्रभावित रहा.

कानपुर में तीमारदारों ने किया बवाल

कानपुर के हैलट अस्पताल में सीनियर और जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी बंद कर दी थी, जिससे दूर दराज से आए मरीजों का हाल बुरा हो गया. इलाज न मिलने से आक्रोशित तीमारदारों ने एलएलआर चिकित्सालय के बाहर रोड जाम कर बवाल करना शुरु कर दिया. हालांकि समय रहते पुलिस फोर्स ने हालात को काबू में कर लिया.

बलरामपुर जिले के जिला मेमोरियल चिकित्सालय, संयुक्त जिला चिकित्सालय और जिला महिला चिकित्सालय में ओपीडी में बैठे डॉक्टरों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन किया. वहीं ललितपुर जिले में शहर के सभी डॉक्टरों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

अस्पताल में डॉक्टरों ने लगाया हेलमेट

बलिया के जिला अस्पताल में प्रशासन ने अस्पताल में मौजूद सभी चिकित्सकों को ओपीडी और इमरजेंसी में हेलमेट पहनकर मरीजों को देखने के निर्देश दिए. इसके बाद सभी चिकित्सक अपने-अपने कक्ष में हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज करते दिखे.

बदायूं में डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक बंद रखे और जिलाधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. हड़ताल का असर भदोही जिले में भी देखने को मिला. यहां अस्पतालों में मरीजों की भीड़ रही, लेकिन डाक्टरों के काम न करने की वजह से मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा.

ममता बनर्जी का फूंका पुतला

बरेली में प्राइवेट डॉक्टरों ने आईएमए भवन से चौकी चौराहे तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान डॉक्टरों ने माथे पर सफेद मेडिकल पट्टी बांध रखी थी. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला भी फूंका.

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सर सुंदरलाल चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

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