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कोरोना का नया स्ट्रेन आंखें कर रहा खराब, सुनने की क्षमता पर भी डाल रहा असर

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Published : Apr 15, 2021, 4:22 PM IST

देश सहित प्रदेश भर में कोरोना वायरस संक्रमण का कहर है. साल 2020 के मुकाबले 2021 में कोरोना की लहर ज्यादा खतरनाक है. डॉक्‍टर्स के अनुसार इस बार कोरोना वायरस का संक्रमण कान और आंख पर सीधा अटैक कर रहा है. कोरोना का नया स्ट्रेन इस बार वायरल बुखार, पेट दर्द, डायरिया, अपच, गैस, उल्‍टी-दस्‍त, भूख न लगना, बदन दर्द और एसिडिटी जैसे लक्षणों के साथ आया था, लेकिन संक्रमण बढ़ने के बाद अब कोरोना के कुछ और लक्षण भी सामने आ गए हैं.

कॉन्सेप्ट इमेज.
कॉन्सेप्ट इमेज.

लखनऊ: कोरोना अपने अलग-अलग अवतार से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. कोरोना का नया स्ट्रेन मरीज के शरीर के अंगों पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है. कोरोना के नए लक्षणों से कानों से सुनने की शक्ति कम होने की भी बात सामने आ रही है. साथ ही गम्भीर रूप से संक्रमित रोगियों के तो आंखों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है. अब तक नए स्ट्रेन के पहचान बदलने के रूप में मुख्य रूप से वायरल बुखार के साथ डायरिया, पेट दर्द, उल्टी-दस्त, अपच, गैस, एसिडिटी, भूख न लगना एवं बदन दर्द जैसे लक्षण ही सामने आए थे, लेकिन जैसे-जैसे यह नया स्ट्रेन तेजी से फैलता जा रहा है, उसके कुछ और नए लक्ष्ण सामने आते जा रहे हैं.

अस्पतालों में आए ऐसे मरीज, जिन्हें सुनने में होने लगी दिक्कत
राजधानी के केजीएमयू व एसजीपीजीआई समेत कई अन्य कोविड अस्पतालों में भर्ती गंभीर कोविड मरीजों को सुनने में परेशानी हो रही है. इन चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे ज्यादातर कोरोना मरीजों की शिकायत है कि उन्हें उनके दोनों कानों से सुनाई नहीं दे रहा. इनमें से कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जो केवल एक कान से ही सुन पा रहे हैं. इस तरह की शिकायतें भी खूब आ रही हैं. इसके अतिरिक्त कुछ कोरोना संक्रमित मरीजों की ओर से दिखाई कम देने की भी शिकायतें सामने आई हैं. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि गम्भीर होने की अवस्था में शरीर के कई अंग प्रभावित होने लगते हैं. लिहाजा कई अंगों पर इसका सीधा असर पड़ता दिख रहा है.

इसे भी पढ़ें:- कोरोना का खौफ: CM ने टीम-11 के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, दिये दिशा-निर्देश

कहीं और घातक सिद्ध न हो नया स्ट्रेन
ऐसे में अपनी पहचान बदलकर कहीं अधिक घातक रूप में आए कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों की भी चिन्ताएं काफी बढ़ गई हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अब हर व्यक्ति को इस संक्रमण से बचने के जतन करने होंगे. लापरवाही छोड़कर कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना ही इसका मात्र उपाय है. विदित हो कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षणों में जो अब तक वायरल बुखार के साथ डायरिया, पेट दर्द, उल्टी-दस्त, अपच, गैस, एसिडिटी, भूख न लगना एवं बदन दर्द जैसे लक्षण की ही पहचान की गई थी, अब उसमें सुनने व दिखाई न देने में आ रही समस्या भी शामिल हो गई है. हालांकि नए वैरिएंट के मामले में राहत देने वाली बात यह है कि नया स्ट्रेन अगर रोगी की प्रतिरोधक क्षमता ठीक है तो अधिक समय तक परेशान नहीं करता और अधिकतम पांच से छह दिनों में सामान्य भी होने लगता है.

कोरोना के दूसरे स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों में से ज्यादातर की उ‌ल्टी-दस्त, अपच, गैस, एसिडिटी के अलावा बदन दर्द और मांसपेशियों में अकड़न और सुनने में परेशानी की शिकायत सुनने को मिल रही है.
डॉ. सुधीर सिंह, केजीएमयू प्रवक्ता

लखनऊ: कोरोना अपने अलग-अलग अवतार से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. कोरोना का नया स्ट्रेन मरीज के शरीर के अंगों पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है. कोरोना के नए लक्षणों से कानों से सुनने की शक्ति कम होने की भी बात सामने आ रही है. साथ ही गम्भीर रूप से संक्रमित रोगियों के तो आंखों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है. अब तक नए स्ट्रेन के पहचान बदलने के रूप में मुख्य रूप से वायरल बुखार के साथ डायरिया, पेट दर्द, उल्टी-दस्त, अपच, गैस, एसिडिटी, भूख न लगना एवं बदन दर्द जैसे लक्षण ही सामने आए थे, लेकिन जैसे-जैसे यह नया स्ट्रेन तेजी से फैलता जा रहा है, उसके कुछ और नए लक्ष्ण सामने आते जा रहे हैं.

अस्पतालों में आए ऐसे मरीज, जिन्हें सुनने में होने लगी दिक्कत
राजधानी के केजीएमयू व एसजीपीजीआई समेत कई अन्य कोविड अस्पतालों में भर्ती गंभीर कोविड मरीजों को सुनने में परेशानी हो रही है. इन चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे ज्यादातर कोरोना मरीजों की शिकायत है कि उन्हें उनके दोनों कानों से सुनाई नहीं दे रहा. इनमें से कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जो केवल एक कान से ही सुन पा रहे हैं. इस तरह की शिकायतें भी खूब आ रही हैं. इसके अतिरिक्त कुछ कोरोना संक्रमित मरीजों की ओर से दिखाई कम देने की भी शिकायतें सामने आई हैं. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि गम्भीर होने की अवस्था में शरीर के कई अंग प्रभावित होने लगते हैं. लिहाजा कई अंगों पर इसका सीधा असर पड़ता दिख रहा है.

इसे भी पढ़ें:- कोरोना का खौफ: CM ने टीम-11 के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, दिये दिशा-निर्देश

कहीं और घातक सिद्ध न हो नया स्ट्रेन
ऐसे में अपनी पहचान बदलकर कहीं अधिक घातक रूप में आए कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों की भी चिन्ताएं काफी बढ़ गई हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अब हर व्यक्ति को इस संक्रमण से बचने के जतन करने होंगे. लापरवाही छोड़कर कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना ही इसका मात्र उपाय है. विदित हो कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षणों में जो अब तक वायरल बुखार के साथ डायरिया, पेट दर्द, उल्टी-दस्त, अपच, गैस, एसिडिटी, भूख न लगना एवं बदन दर्द जैसे लक्षण की ही पहचान की गई थी, अब उसमें सुनने व दिखाई न देने में आ रही समस्या भी शामिल हो गई है. हालांकि नए वैरिएंट के मामले में राहत देने वाली बात यह है कि नया स्ट्रेन अगर रोगी की प्रतिरोधक क्षमता ठीक है तो अधिक समय तक परेशान नहीं करता और अधिकतम पांच से छह दिनों में सामान्य भी होने लगता है.

कोरोना के दूसरे स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों में से ज्यादातर की उ‌ल्टी-दस्त, अपच, गैस, एसिडिटी के अलावा बदन दर्द और मांसपेशियों में अकड़न और सुनने में परेशानी की शिकायत सुनने को मिल रही है.
डॉ. सुधीर सिंह, केजीएमयू प्रवक्ता

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