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MP के जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में उतरे SGPGI के डॉक्टर

यूपी की राजधानी लखनऊ में एसजीपीजीआई के डॉक्टरों ने मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों का समर्थन किया. इस मामले में सीएम योगी से मध्य प्रदेश के डॉक्टरों की मांगों का निस्तारण कराए जाने की मांग की गई.

संजय गांधी अस्पताल.
संजय गांधी अस्पताल.
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Published : Jun 4, 2021, 11:51 PM IST

लखनऊ: संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन किया है. इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उनसे अनुरोध किया है कि वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात कर जूनियर डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने का प्रयास करें.

यूपी के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप का आग्रह
रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आकाश माथुर, महासचिव डॉ. अनिल गंगवार द्वारा भेजे गए पत्र में यूपी के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है. इसमें कहा गया है कि वे व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर मध्य प्रदेश के डॉक्टरों की मांगों का निस्तारण कराएं.

भेजा समर्थन पत्र, किया मांगों का समर्थन
एसजीपीजीआई रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों को पत्र भेजकर उनकी मांगों का समर्थन किया है. इसमें
डॉक्टरों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए निश्चित संख्या में बिस्तरों का आरक्षण, कनिष्ठ निवासियों और एमबीबीएस इंटर्न के लिए क्रमशः वेतन और वजीफा के साथ अन्य राज्यों के बराबर बहाल करना, कोविड वार्ड और आईसीयू में सेवाओं के वितरण के लिए प्रोत्साहन, अस्पतालों के सामने पुलिस चौकी स्थापित कर सुरक्षा प्रदान करने की मांग शामिल है.


मेडिकल स्टाफ के साथ हिंसा करने वालों को दंडित करने की मांग का समर्थन
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डॉक्टरों और ड्यूटी पर मौजूद किसी भी मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हिंसा के लिए उचित और त्वरित दंडात्मक कार्रवाई का समर्थन किया गया है. इसमें पीजी बैच 2018 के कार्यकाल के विस्तार पर वरिष्ठ निवास के तहत विचार करने की बात कही गई है. साथ ही वेतन एसआर पद के बराबर प्रदान करने की बात कही गई है. इसके अलावा पीजी बैच 2018 के छात्रों की एमडी/एमएस परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित करने का जिक्र इसमें किया गया है.

6 महीने से कर रहे मांग
एसजीपीजीआई रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर कम से कम पिछले छह महीनों से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. इससे उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा. पूरे देश के डॉक्टर मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों के साथ हैं. इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप कर इसका हल निकालना चाहिए.

लखनऊ: संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन किया है. इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उनसे अनुरोध किया है कि वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात कर जूनियर डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने का प्रयास करें.

यूपी के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप का आग्रह
रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आकाश माथुर, महासचिव डॉ. अनिल गंगवार द्वारा भेजे गए पत्र में यूपी के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है. इसमें कहा गया है कि वे व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर मध्य प्रदेश के डॉक्टरों की मांगों का निस्तारण कराएं.

भेजा समर्थन पत्र, किया मांगों का समर्थन
एसजीपीजीआई रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों को पत्र भेजकर उनकी मांगों का समर्थन किया है. इसमें
डॉक्टरों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए निश्चित संख्या में बिस्तरों का आरक्षण, कनिष्ठ निवासियों और एमबीबीएस इंटर्न के लिए क्रमशः वेतन और वजीफा के साथ अन्य राज्यों के बराबर बहाल करना, कोविड वार्ड और आईसीयू में सेवाओं के वितरण के लिए प्रोत्साहन, अस्पतालों के सामने पुलिस चौकी स्थापित कर सुरक्षा प्रदान करने की मांग शामिल है.


मेडिकल स्टाफ के साथ हिंसा करने वालों को दंडित करने की मांग का समर्थन
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डॉक्टरों और ड्यूटी पर मौजूद किसी भी मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हिंसा के लिए उचित और त्वरित दंडात्मक कार्रवाई का समर्थन किया गया है. इसमें पीजी बैच 2018 के कार्यकाल के विस्तार पर वरिष्ठ निवास के तहत विचार करने की बात कही गई है. साथ ही वेतन एसआर पद के बराबर प्रदान करने की बात कही गई है. इसके अलावा पीजी बैच 2018 के छात्रों की एमडी/एमएस परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित करने का जिक्र इसमें किया गया है.

6 महीने से कर रहे मांग
एसजीपीजीआई रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर कम से कम पिछले छह महीनों से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. इससे उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा. पूरे देश के डॉक्टर मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों के साथ हैं. इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप कर इसका हल निकालना चाहिए.

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