लखनऊः अस्पतालों में मरीजों के इलाज में लापरवाही के मामले अक्सर सामने आते हैं, लेकिन यह मामला इसके उलट है. बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर मजदूर को नया जीवन दिया. डॉक्टरों के सफल ऑपरेशन के बाद अब मरीज आसानी से चल फिर सकेगा.
मरीज को मिला नया जीवन
- कशीद बरेली से लखनऊ में आकर मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहा था.
- इस दौरान एक निजी अस्पताल में निर्माण कार्य के दौरान तीसरी मंजिल से गिर गया था और उसकी गर्दन में चोट लग गई थी.
- आनन-फानन में कसीद को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक दिन बाद उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया.
- बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन और सीएमएस डॉ ऋषि सक्सेना ने इस मरीज को इमरजेंसी में भर्ती कराया.
- बताया जा रहा था कि उस समय मजदूर के हाथ पैरों में जान नहीं थी.
- ऑपरेशन के बारे में डॉक्टर ने बताया कि फ्रैक्चर होने के बाद गर्दन के सामने के हिस्से में करीब 5 सेंटीमीटर का चीरा लगाकर टूटी हुई हड्डी के टुकड़े को बाहर निकाला गया.
- फिर टाइटेनियम के प्लेट और जाली प्रत्यारोपित की गई.
- डॉ राजीव लोचन ने बताया की कुछ समय बाद हड्डी आकार लेगी और उसको आपस में जोड़ने में मदद मिलेगी.
डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर मजदूर को नया जीवन दिया. सफल ऑपरेशन के बाद अब मरीज आसानी से चल फिर सकेगा.
-डॉ राजीव लोचन, निदेशक, बलरामपुर अस्पताल