लखनऊ: कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को नवीन विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में की गई. जिलाधिकारी ने बैठक में अनुपस्थित होने वाले अधिकारियों का स्पष्टीकरण व वेतन बाधित करने के निर्देश दिए. बैठक में जिलाधिकारी ने विकास कार्यों की भी गहन समीक्षा की.
निवेश मित्र पोर्टल व झटपट पोर्टल पर लंबित विद्युत प्रकरणों की समीक्षा
इस दौरान जिलाधिकारी ने निवेश मित्र पोर्टल और झटपट पोर्टल पर लंबित विद्युत विभाग के प्रकरणों की समीक्षा की, जिसके सम्बंध में जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया कि तत्काल सभी प्रकरणों को निस्तारित किया जाए. सम्बंधित नोडल अधिकारियों जिनके कारण प्रकरण लम्बित है, उनका स्पष्टीकरण जारी करते हुए उनका वेतन बाधित किया जाए.
गोवंश की इयर टैगिंग की स्थिति की भी समीक्षा की
बैठक में जिलाधिकारी ने गोवंश की इयर टैगिंग की स्थिति की भी समीक्षा की. रिपोर्ट के अनुसार इयर टैगिंग की स्थिति अच्छी नहीं पाई गई, जिसके लिए जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को स्पष्टीकरण और पशु चिकित्सा अधिकारियों का वेतन बाधित करने के निर्देश दिए.
लाभार्थियों का गोल्डन कॉर्ड बनवाने के दिए निर्देश
इस दौरान जिलाधिकारी ने आयुषमान भारत गोल्डन कार्ड योजना की भी समीक्षा की. रिपोर्ट के अनुसार, गोल्डन कार्ड बनवाने की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई, जिसके लिए जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए और अभियान चला कर पात्र लाभार्थियों का गोल्डन कॉर्ड बनवाने के निर्देश दिए.
सामुदायिक शौचालय निर्माण की स्थिति की भी समीक्षा की
बैठक में जिलाधिकारी ने सामुदायिक शौचालय निर्माण की स्थिति की भी समीक्षा की. विभाग द्वारा बताया गया कि कुल 494 शौचालय का निर्माण कराने का लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष 406 शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है, अवशेष का कार्य चल रहा है. जल्दी ही शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति कर ली जाएगी. निर्मित किये गए सभी 406 शौचालयों की जियो टैगिंग भी की जा चुकी है, जिसके पश्चात जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों के निर्माण की स्थित की भी समीक्षा की. 89 ग्राम पंचायत जो कि भवन विहीन है के सापेक्ष 17 का निर्माण करा दिया गया है बाकी का कार्य चल रहा है, जिसके लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि निर्माण कार्य मे तेज़ी लाते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की जाए और निर्मित पंचायत भवनों और समुदायिक शौचालयों की गुणवत्ता की जांच करना सुनिश्चित कराया जाए.