लखनऊ: प्रदेश में कोरोना बढ़ते मरीजों को लेकर भले ही सरकार चिंतित नजर आ रही हो. लेकिन जिम्मेदार लापरवाही बरतने से बाज नहीं रहे हैं. कोरोना के मरीजों अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा है और न ही उस इलाके को भी सैनेटाइज नहीं किया जा रहा है. ऐसी ही लापरवाही हजरतगंज इलाके में सामने आई है. एक पेट्रोल पंप का कर्मचारी संक्रमित मिलने पर उसके चारों तरफ जिला प्रशासन ने रस्सी से घेराबंदी करते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है.
हजरतगंज चौराहे पर स्थित रंजन पेट्रोल टंकी परिसर में कार के गैराज में काम करने वाले विक्की की तबीयत खराब होने पर जांच कराई तो उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई. इसके बाद गैराज मालिक ने गैराज को बंद कर दिया. जबकि संक्रमित कर्मचारी गैराज पर ही रुक गया और खुले में सोया हुआ है. लेकिन जिला प्रशासन व सीएमओ कार्यालय के लोग मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया बल्कि उसके चारों तरफ रस्सी से घेराबंदी कर दी. मरीज जिस जगह लेटा हुआ है, वहां से दिन भर में सैकड़ों लोग गुजरते हैं. पेट्रोल पंप के बगल में खुले में कोरोना के मरीज को देखते हुए आस-पास काम करने वाले लोगों में दहशत का माहौल हुआ है. मरीज की रिपोर्ट आये हुए तीन दिन बीत गए उसके बावजूद भी उसे अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कोई जिम्मेदार नहीं आया.
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पेट्रोल कर्मचारियों में भय का माहौल
बता दें कि हजरतगंज चौराहे पर ही विधानसभा, लोक भवन व भाजपा कार्यालय हैं. जहां पर हर समय कोई न कोई वीआईपी व्यक्ति आता-जाता रहता है. लेकिन इसके बावजूद किसी ने अभी तक संक्रमित मरीज का संज्ञान नहीं लिया. वहीं, पेट्रोल पंप का काम कर रहे लोगों का कहना है रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी मरीज खुले में घूम रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि जिम्मेदारों को सूचना देने के बाद भी संक्रमित को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया.