लखनऊः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. यूपी कैबिनेट से गंगा एक्सप्रेस-वे को हरी झंडी मिल चुकी है. यह एक्सप्रेस-वे प्रयागराज से मेरठ के बीच बनाया जा रहा है. जो कि लखनऊ की सीमा को नहीं छुएगा, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की राजधानी को इस एक्सप्रेस-वे से बहुत लाभ मिलेगा.
उन्नाव के पास लखनऊ आगरा-एक्सप्रेस वे से नया एक्सप्रेस-वे लिंक करेगा. ऐसे में करीब 450 किमी का सफर करके आसानी से मेरठ पहुंचा जा सकेगा. फिलहाल लखनऊ से मेरठ का सफर आगरा और यमुना एक्सप्रेस वे से होकर 572 किमी का है. 120 किमी प्रति घंटा की मानक गति का दावा सरकार कर रही है. ऐसे में मेरठ तक का सफर पांच से छह घंटे में आसानी से पूरा हो जाएगा.
594 किमी का है गंगा एक्सप्रेस-वे
इस एक्सप्रेस-वे से कुल 12 जिले मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जुड़ेंगे. एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लम्बाई 594 किमी है. एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज के जुडापुर दांदू ग्राम तक जाएगा. इतना ही नहीं 519 गांवों से होकर एक्सप्रेस वे गुजरेगा. इसकी कुल लागत 36,230 करोड़ रुपये है. मेरठ में 15 किमी, हापुड़ में 33, बुलंदशहर में 11, अमरोहा में 26, संभल में 39, बदायूं में 92, शाहजहांपुर में 40, हरदोई में 99, उन्नाव में 105, रायबरेली में 77, प्रतापगढ़ में 41 व प्रयागराज में 16 किमी एक्सप्रेस का सफर होगा. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे को यह उन्नाव के नजदीक जोड़ेगा.
आठ लेन तक चौड़ा किया जा सकेगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण छह लेन (8 लेन में विस्तार संभव) में प्रस्तावित किया गया है. इसकी चौड़ाई 120 मीटर होगी. डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रति घंटा, जन सुविधा परिसर नौ, मुख्य टोल प्लाजा दो मेरठ एवं प्रयागराज, रैम्प टोल प्लाजा 15 प्रस्तावित किए गए हैं.
नदियों पर बनेंगे दो बड़े पुल
गंगा पर लगभग 960 मीटर एवं रामगंगा पर लगभग 720 मीटर लंबाई के पुल बनाए जाएंगे. शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी भी प्रस्तावित की गई है. इस परियोजना के अंतर्गत 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 929 कलवर्ट्स, सात आरओबी, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 154 एसवीयूपी, 28 फ्लाईओवर्स, दो ट्रम्पेट, सात डबल ट्रम्पेट, 08 डायमण्ड इंटरचेन्ज, 9 वे साइड एमेनिटीज तथा 17 नोड डेवलपमेन्ट प्रस्तावित किए गए हैं.
निर्माण लागत टोल वसूली से निकालेगी सरकार
यूपीडा के सीईओ और अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी बताते हैं कि पीपीपी (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट एण्ड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) पद्धति पर आमंत्रित ईओआई में 11 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित निवेशकों ने प्रतिभाग किया है. निर्माण 12 पैकेज को चार ग्रुप में (1ग्रुप में 3 पैकेज) विभाजित करते हुए पीपीपी मोड पर किया जाएगा. तय एलाइनमेंट के मुताबिक उन्नाव के पास लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे से यह नया एक्सप्रेस-वे जुड़ेगा.
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