लखनऊः लोगों की शिकायतों का समाधान करने के लिए जिले में लोक मंगल दिवस का आयोजन किया गया, लेकिन अब पीड़ित लोक मंगल दिवस की ही शिकायत कर रहे हैं. लोक मंगल दिवस में पहुंचे कुछ शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जब वह पहुंचे तो अधिकारी नदारद मिले.
कल्याण मंडप में आयोजन
राजधानी की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ नगर निगम की ओर से लोक मंगल दिवस का आयोजन मंगलवार को महानगर के कल्याण मंडप में किया गया. सुबह 10 बजे से 2 बजे तक चलने वाले इस लोक मंगल दिवस का शुभारंभ 11 बजे हुआ. कमाल की बात 12 बजने से पहले ही यह लोक मंगल दिवस समाप्त भी हो गया. समय से पहले समाप्त हो जाने के कारण अपनी शिकायत लेकर आने वाले कई फरियादियों को निराश होकर लौटना पड़ा.
पीड़ितों का दर्द
राजधानी के अलीगंज मोहल्ले के रहने वाले एसके मेहरोत्रा जब अपनी शिकायत लेकर इस लोक मंगल दिवस में पहुंचे तो महापौर संयुक्ता भाटिया सहित नगर निगम के सारे अधिकारी लोक मंगल दिवस की खानापूर्ति कर उठ चुके थे. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एसके मेहरोत्रा ने बताया कि मोहल्ले में साफ सफाई की कई बार शिकायत की गई थी. आसपास जज व बड़े अधिकारी के घरों की सफाई व सीवर की सफाई नगर निगम के कर्मचारी करते हैं पर आम आदमी के घरों के आसपास साफ सफाई नहीं की जाती. कई बार शिकायत के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आज इस लोक मंगल दिवस में शिकायत करने आए.
न पार्षद, न महापौर, न अधिकारी...किससे करूं शिकायत
एसके मेहरोत्रा का कहना है कि सुबह अखबारों में पढ़ा था कि सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक लोक मंगल दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 12 बजने से पहले ही जिस तरह से इस लोक मंगल दिवस का समापन हो गया निश्चित रूप से नगर निगम लोक मंगल दिवस के नाम पर लखनऊ की जनता के साथ मजाक कर रहा है.
2 बजे तक अधिकारियों के बैठने की बात कही थी
लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया भले ही दूसरे कार्यक्रम में शामिल होने चली गईं पर उन्होंने अधिकारियों को दोपहर 2 बजे तक बैठकर जनता की समस्याओं को सुनने व समाधान करने का निर्देश दिया था. महापौर के पीछे उनके सारे अधिकारी भी चले गए, जिससे दूर दराज से अपनी शिकायत लेकर आने वाली जनता को निराश होकर लौटना पड़ा. बताते चलें कि लखनऊ नगर निगम ने जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लोकमंगल दिवस कार्यक्रम आयोजित किया. जिस तरह से इस लोक मंगल दिवस कार्यक्रम में कम शिकायतें आईं और महापौर व सारे अधिकारी 45 मिनट के लिए उपस्थित हुए, उससे यह लोक मंगल दिवस मात्र खानापूर्ति बनकर रह गया.