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बदले परिपेक्ष्य में हम भी देखते हैं गूगल में पांचांग : ज्योतिषाचार्य बिंदु प्रकाश - भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ

भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ के कलामंडपम ऑडिटोरियम में आयोजित इंटरनेशनल सनातन धर्म एंड एस्ट्रोलॉजिकल समिट 2023 में देश के साथ हॉलैंड यूरोप, नेपाल तथा बांग्लादेश से आए विद्वानों, प्रख्यात धर्माचार्यों एवं ज्योतिषाचार्यों ने बदलते परिपेक्ष्य में ज्योतिष की प्रासंगिकता पर चर्चा की.

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Published : Apr 24, 2023, 2:54 PM IST

लखनऊ : सदियों से धर्म को नीचा गिरा कर विज्ञान को ऊंचा उठाने की दिशा में काम हुआ है. आजादी के समय से ही धर्म को नीचे दबाने की पुरजोर कोशिश की गई. ज्योतिष विज्ञान वह क्षेत्र है, जिसमें आज युवा पीढ़ी भी इंटरेस्ट ले रही है. इसमें युवाओं में काफी भाग लिया है. युवाओं को ज्योतिषशास्त्र पर विश्वास भी है. यह कहना उचित नहीं होगा की युवा पीढ़ी ज्योतिष शास्त्र को समझती हैं. मौजूदा समय में हम भी कई बार गूगल से चीजों को देखते हैं. हर समय पांचांग लेकर नहीं चलते तो गूगल पर ही दिखते हैं.

यह बातें आचार्य बिंदु प्रकाश ने रविवार को ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहीं. राष्ट्रीय ज्योतिष एवं रुद्राक्ष अनुसंधान संस्थान की ओर से रविवार को लखनऊ के भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के कलामंडपम ऑडिटोरियम में "इंटरनेशनल सनातन धर्म एंड एस्ट्रोलॉजिकल समिट 2023" का भव्य आयोजन किया गया. इसमें सम्पूर्ण भारत के अतिरिक्त हॉलैंड यूरोप, नेपाल तथा बांग्लादेश से उद्भट विद्वानों, प्रख्यात धर्माचार्यों एवं ज्योतिषाचार्यों का आगमन हो रहा है. इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी शामिल हुए.



डिप्टी सीएम ने कहा कि मौजूदा समय में समय बदल रहा है. बदलते समय के अनुकूल चीजें भी परिवर्तित हो रही हैं. आज के दौर में हम पंचांग खोलकर नहीं देखते हैं कि हमें कुंडली देखनी है तो हम पंचांग खोल कर बैठें. डिजिटल जमाना है चीजें ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं. मौजूदा समय में बहुत से लोग ज्योतिष शास्त्र में रुचि ले रहे हैं और युवा पीढ़ी के लोग भी इसमें शामिल हैं. वह भी यह शिक्षा ग्रहण करना चाह रहे हैं, उनके अंदर जो जिज्ञासा है. उस जिज्ञासा के तहत सारी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. आज शिक्षा क्षेत्र में भी इस विषय पर बकायदा क्लास चलती है.



ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पंडित पद्मेश ने कहा कि ज्योतिष पर विश्वास आम जनता का हमेशा से रहा है. समाज में बहुत सारे अराजक तत्व हैं जो ज्योतिष विद्या के साथ खिलवाड़ करते हैं और लोग आसानी से उनके ऊपर भरोसा भी कर लेते हैं. सोशल मीडिया पर भी बहुत सारे एप्लीकेशन आ गए हैं, लेकिन यह निर्भर करता है कि आपका क्या दायित्व है. किसी भी प्रकार की चीज को तुरंत देख लेना या तुरंत उस पर भरोसा कर लेना, कितना उचित है. आज ज्योतिष विषय से बहुत से लोग पढ़ाई करते हैं. इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहना चाहिए. इस कार्यक्रम के दौरान 50 से अधिक लोगों ने अपने बेहतर भविष्य के बारे में अंबाला के अंक ज्योतिषशास्त्री डॉ. राज एम. लूथरा और अलीगढ़ के ज्योतिषशास्त्री डॉ. अनूप राघव से जानकारी दी. इस दौरान बहुत से लोगों ने अपने जीवन में चल रहे उथल-पुथल के बारे में भी ज्योतिषशास्त्रियों से बातचीत की और इसके निवारण के लिए सलाह भी ली.



आयोजक संस्था के चेयरमैन आचार्य पंकज त्रिवेदी उपमन्यु ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और स्वस्ति वाचन के साथ किया गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन में प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पंडित केए दुबे पद्मेश, आचार्य इंदु प्रकाश, द हेग नीदरलैंड्स से बी. रगोएनाथ, नेपाल से आचार्य महेंद्र मूंधड़ा, आरके चतुर्वेदी आईपीएस, उज्जैन से महामंडलेश्वर व्यासाचार्य, महामंडलेश्वर कमल किशोर, हॉलैंड से आशा रामकरन, अरुण चतुर्वेदी के साथ साथ अन्य लभभग 350 अध्यात्म तथा ज्योतिष क्षेत्र के विद्वान सम्मिलित हुए.

यह भी पढ़ें : Municipal Elections 2023 : बीएसपी महापौर प्रत्याशी हशमत मलिक बोले, जनता ने दिया मौका तो शहर के हर वार्ड को चमन बना देंगे

लखनऊ : सदियों से धर्म को नीचा गिरा कर विज्ञान को ऊंचा उठाने की दिशा में काम हुआ है. आजादी के समय से ही धर्म को नीचे दबाने की पुरजोर कोशिश की गई. ज्योतिष विज्ञान वह क्षेत्र है, जिसमें आज युवा पीढ़ी भी इंटरेस्ट ले रही है. इसमें युवाओं में काफी भाग लिया है. युवाओं को ज्योतिषशास्त्र पर विश्वास भी है. यह कहना उचित नहीं होगा की युवा पीढ़ी ज्योतिष शास्त्र को समझती हैं. मौजूदा समय में हम भी कई बार गूगल से चीजों को देखते हैं. हर समय पांचांग लेकर नहीं चलते तो गूगल पर ही दिखते हैं.

यह बातें आचार्य बिंदु प्रकाश ने रविवार को ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहीं. राष्ट्रीय ज्योतिष एवं रुद्राक्ष अनुसंधान संस्थान की ओर से रविवार को लखनऊ के भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के कलामंडपम ऑडिटोरियम में "इंटरनेशनल सनातन धर्म एंड एस्ट्रोलॉजिकल समिट 2023" का भव्य आयोजन किया गया. इसमें सम्पूर्ण भारत के अतिरिक्त हॉलैंड यूरोप, नेपाल तथा बांग्लादेश से उद्भट विद्वानों, प्रख्यात धर्माचार्यों एवं ज्योतिषाचार्यों का आगमन हो रहा है. इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी शामिल हुए.



डिप्टी सीएम ने कहा कि मौजूदा समय में समय बदल रहा है. बदलते समय के अनुकूल चीजें भी परिवर्तित हो रही हैं. आज के दौर में हम पंचांग खोलकर नहीं देखते हैं कि हमें कुंडली देखनी है तो हम पंचांग खोल कर बैठें. डिजिटल जमाना है चीजें ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं. मौजूदा समय में बहुत से लोग ज्योतिष शास्त्र में रुचि ले रहे हैं और युवा पीढ़ी के लोग भी इसमें शामिल हैं. वह भी यह शिक्षा ग्रहण करना चाह रहे हैं, उनके अंदर जो जिज्ञासा है. उस जिज्ञासा के तहत सारी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. आज शिक्षा क्षेत्र में भी इस विषय पर बकायदा क्लास चलती है.



ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पंडित पद्मेश ने कहा कि ज्योतिष पर विश्वास आम जनता का हमेशा से रहा है. समाज में बहुत सारे अराजक तत्व हैं जो ज्योतिष विद्या के साथ खिलवाड़ करते हैं और लोग आसानी से उनके ऊपर भरोसा भी कर लेते हैं. सोशल मीडिया पर भी बहुत सारे एप्लीकेशन आ गए हैं, लेकिन यह निर्भर करता है कि आपका क्या दायित्व है. किसी भी प्रकार की चीज को तुरंत देख लेना या तुरंत उस पर भरोसा कर लेना, कितना उचित है. आज ज्योतिष विषय से बहुत से लोग पढ़ाई करते हैं. इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहना चाहिए. इस कार्यक्रम के दौरान 50 से अधिक लोगों ने अपने बेहतर भविष्य के बारे में अंबाला के अंक ज्योतिषशास्त्री डॉ. राज एम. लूथरा और अलीगढ़ के ज्योतिषशास्त्री डॉ. अनूप राघव से जानकारी दी. इस दौरान बहुत से लोगों ने अपने जीवन में चल रहे उथल-पुथल के बारे में भी ज्योतिषशास्त्रियों से बातचीत की और इसके निवारण के लिए सलाह भी ली.



आयोजक संस्था के चेयरमैन आचार्य पंकज त्रिवेदी उपमन्यु ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और स्वस्ति वाचन के साथ किया गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन में प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पंडित केए दुबे पद्मेश, आचार्य इंदु प्रकाश, द हेग नीदरलैंड्स से बी. रगोएनाथ, नेपाल से आचार्य महेंद्र मूंधड़ा, आरके चतुर्वेदी आईपीएस, उज्जैन से महामंडलेश्वर व्यासाचार्य, महामंडलेश्वर कमल किशोर, हॉलैंड से आशा रामकरन, अरुण चतुर्वेदी के साथ साथ अन्य लभभग 350 अध्यात्म तथा ज्योतिष क्षेत्र के विद्वान सम्मिलित हुए.

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