लखनऊः स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने पर मरीजों को डिस्चार्ज करने संबंधी नई गाइडलाइन जारी की है. इसमें स्वच्छता पर ज्यादा जोर दिया गया है. मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज करते समय उनके कपड़ों के अलावा मोबाइल फोन, जूते-चप्पल और अन्य सामान को अल्कोहल से बने सैनिटाइजर या हाइड्रोजन पैरॉक्साइड से विसंक्रमित किया जाएगा. इसी के साथ स्वस्थ होने वाले मरीजों को यह भी समझाया जाएगा कि वह घर में किस तरह से स्वच्छता का ध्यान रखें.
स्थिति के अनुसार भर्ती होंगे मरीज
रविवार को लखनऊ में बैठक में नई गाइडलाइन तय की गईं. इस बैठक में मुख्य अपर सचिव नवनीत सहगल ने तमाम निर्देश दिए. बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के होम आइसोलेट होने की स्थिति नहीं है तो उसे लेवल-वन के अस्पताल में भर्ती किया जाए. भर्ती होने के बाद ऐसे मरीजों का तापमान, सांस की गति और ऑक्सीजन सेचुरेशन बढ़ता है तो उसे जरूरत के हिसाब से लेवल-टू और थ्री अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा. वहीं जिन मरीजों में लोअर रेस्पिरेटरी टैक्ट इंफेक्शन के लक्षण होंगे, खांसी-बुखार होगा या सांस लेने में परेशानी होगी, उन्हें डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भेजा जाएगा. अस्पताल में भर्ती होने के बाद जब मरीज की स्थिति नियंत्रित हो जाए तो उसे होम आइसोलेशन के लिए डिस्चार्ज किया जा सकेगा.
गंभीर श्रेणी में ये मरीज होंगे शामिल
राजधानी के अस्पतालों में जिन मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के बाद भी इसका सैचुरेशन मेंटेन नहीं होगा और वेंटिलेटर की आवश्यकता होगी तो उसे गंभीर रोगी की श्रेणी में माना जाएगा. वहीं कैंसर, एचआईवी और अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों को हर हाल में लेवल-टू या थ्री अस्पताल में भर्ती किया जाएगा. ऐसे मरीजों को आईसीयू में रखा जाएगा.
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रैपिड रिस्पांस टीम जाएगी डोर-टू-डोर
नई गाइडलाइन में रैपिड रिस्पांस टीम को घर-घर जाकर होम आइसोलेशन वाले मरीजों की स्थिति का आंकलन करने का निर्देश दिया गया है. जिन जिलों में सबसे कम मरीज होंगे, वहां तीसरे व सातवें दिन दोबारा टीम घर जाकर संबंधित मरीज के बारे में जानकारी लेगी. वहीं, जिन जिलों में 100 से 200 नए केस मिल रहे हैं, वहां होम आइसोलेशन के तीसरे दिन रोगी की स्थिति का आंकलन किया जाएगा. 200 से अधिक केस वाले जिलों में होम आइसोलेशन शुरू होने से दसवें दिन तक लगातार इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से फोन के जरिए मरीज की स्थिति का आंकलन किया जाएगा. यदि 10 दिन तक मरीज में किसी तरह का लक्ष्मण नहीं पाया गया तो उसे रिकवर्ड श्रेणी में माना जाएगा.