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लखनऊ: हज पर लगी रोक से आवेदकों में मायूसी, इस बार बेहद खास था हज - उत्तर प्रदेश समाचार

हज यात्रा कैंसिल होने से लखनऊ से हज पर जाने वाले लोगों में मायूसी है. हालांकि उन्होंने संक्रमण को देखते हुए सऊदी हुकूमत के इस फैसले का स्वागत किया है.

लखनऊ के हज यात्री.
लखनऊ के हज यात्री.
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Published : Jun 24, 2020, 4:31 AM IST

लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते पवित्र यात्रा हज पर बाहरी देशों से आने वाले हज यात्रियों पर रोक लगा दी गई है. सऊदी अरब में रह रहे लोगों को ही इस साल हज करने का मौका मिलेगा. भारत से हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाले आजमीन इस साल हज यात्रा कैंसल होने के चलते भले ही मायूस हों, लेकिन वह संक्रमण को देखते हुए सऊदी हुकूमत के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं.

हज 2020 के सफर को लेकर दुनिया भर के मुसलमानों में लंबे वक्त से असमंजस की स्तिथि बनी हुई थी. सोमवार देर रात सऊदी सरकार की ओर से लिये गए फैसले के बाद हज आवेदकों में मायूसी देखी जा रही है. हज के मामलों के जानकार बताते हैं कि हज 2020 बेहद खास था क्योंकि इस वर्ष यौमे अरफा जुमे (शुक्रवार) को पड़ रहा था, जिसको अकबरी हज कहा जाता है.

बढ़ जाते हैं दुनियाभर के मुसलमानों के आवेदन
हज एक्सपर्ट मिर्जा मोहम्मद हलीम के अनुसार अकबरी हज के लिए दुनिया भर से मुसलमानों के आवेदन बढ़ जाते हैं. इस हज की फजीलत भी ज्यादा मानी जाती है. इस वर्ष बाहरी लोगों के लिए हज कैंसल होने के चलते दुनियाभर के मुसलमानों में मायूसी है. हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सऊदी अरब सरकार ने सही फैसला लिया है.

हज के लिए यूपी से आवेदन करने वाले सय्यद आदिल ने कहा कि इस वर्ष हज पर नहीं जा सकने के कारण उन्हें बेहद अफसोस हो रहा है. वह कोविड-19 जैसी महामारी के चलते सऊदी अरब सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. वह अगले वर्ष हज के लिए फिर से आवेदन करेंगे.

कोरोना संक्रमण के चलते सउदी ने बाहरी देशों के हज यात्रियों पर लगाई रोक.

वहीं लखनऊ से हज के सफर के लिए आवेदन करने वाले मोहम्मद उबैद कहते हैं कि उनकी तैयारी पूरी हो गई थी. वह पवित्र सफर के लिए काफी लंबे वक्त से इंतजार कर रहे थे, लेकिन कोरोना के चलते हज यात्रा रद्द होने की खबर से मायूस हैं. मोहम्मद उबैद कहते हैं कि उन्होंने इस वर्ष अकबरी हज के चलते आवेदन किया था, जिसके रद्द होने पर बेहद मायूस हैं.

सऊदी अरब में रहने वाले 10 हजार हाजी कर सकेंगे हज
हज मामलों के एक्सपर्ट मिर्जा मोहम्मद हलीम ने बताया कि सऊदी सरकार ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस वर्ष हज के लिए केवल 10 हजार लोगों की संख्या तय की है. सऊदी में पहले से रह रहे दूसरे देशों के लोग और सऊदी नागरिक ही हज अदा कर पाएंगे. सऊदी हुकूमत ने कई पाबंदियां भी लगाई हैं. मिर्जा मोहम्मद हलीम ने बताया कि 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों पर रोक रहेगी. इसके साथ ही बीमारी से ग्रसित लोग भी हज अदा नहीं कर सकेंगे.

बिना महरम महिलाओं का अगले साल होगा सीधा चयन
भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बिना महरम हज के लिए जाने वाली महिलाओं के लिए बड़ा एलान किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि इस साल आवेदन करने वाली बिना महरम महिलाओं को अगले वर्ष फिर से फार्म नहीं भरना पड़ेगा. सरकार उनको सीधे हज के सफर के लिए चुन लेगी.

गौरतलब है दुनियाभर से 20 से 25 लाख हज यात्री हज करने जाते हैं, लेकिन कोरोना वायरस को देखते हुए इस वर्ष कई पाबंदियों के साथ संख्या सीमित कर दी गई है. हज इस्लाम धर्म में उसको अदा करने की हैसियत रखने वाले पर फर्ज (ज़रूरी) करार दिया गया है. यह इस्लाम के 5 मूल स्तंभ में से एक माना जाता है. हर मुसलमान की ख्वाहिश होती है कि जिंदगी में एक बार वह हज पर जा सकें.

ये भी पढ़ें: लखनऊ: प्रवासी मजदूरों ने सरकार से लगाई रोजगार देने की गुहार

लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते पवित्र यात्रा हज पर बाहरी देशों से आने वाले हज यात्रियों पर रोक लगा दी गई है. सऊदी अरब में रह रहे लोगों को ही इस साल हज करने का मौका मिलेगा. भारत से हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाले आजमीन इस साल हज यात्रा कैंसल होने के चलते भले ही मायूस हों, लेकिन वह संक्रमण को देखते हुए सऊदी हुकूमत के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं.

हज 2020 के सफर को लेकर दुनिया भर के मुसलमानों में लंबे वक्त से असमंजस की स्तिथि बनी हुई थी. सोमवार देर रात सऊदी सरकार की ओर से लिये गए फैसले के बाद हज आवेदकों में मायूसी देखी जा रही है. हज के मामलों के जानकार बताते हैं कि हज 2020 बेहद खास था क्योंकि इस वर्ष यौमे अरफा जुमे (शुक्रवार) को पड़ रहा था, जिसको अकबरी हज कहा जाता है.

बढ़ जाते हैं दुनियाभर के मुसलमानों के आवेदन
हज एक्सपर्ट मिर्जा मोहम्मद हलीम के अनुसार अकबरी हज के लिए दुनिया भर से मुसलमानों के आवेदन बढ़ जाते हैं. इस हज की फजीलत भी ज्यादा मानी जाती है. इस वर्ष बाहरी लोगों के लिए हज कैंसल होने के चलते दुनियाभर के मुसलमानों में मायूसी है. हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सऊदी अरब सरकार ने सही फैसला लिया है.

हज के लिए यूपी से आवेदन करने वाले सय्यद आदिल ने कहा कि इस वर्ष हज पर नहीं जा सकने के कारण उन्हें बेहद अफसोस हो रहा है. वह कोविड-19 जैसी महामारी के चलते सऊदी अरब सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. वह अगले वर्ष हज के लिए फिर से आवेदन करेंगे.

कोरोना संक्रमण के चलते सउदी ने बाहरी देशों के हज यात्रियों पर लगाई रोक.

वहीं लखनऊ से हज के सफर के लिए आवेदन करने वाले मोहम्मद उबैद कहते हैं कि उनकी तैयारी पूरी हो गई थी. वह पवित्र सफर के लिए काफी लंबे वक्त से इंतजार कर रहे थे, लेकिन कोरोना के चलते हज यात्रा रद्द होने की खबर से मायूस हैं. मोहम्मद उबैद कहते हैं कि उन्होंने इस वर्ष अकबरी हज के चलते आवेदन किया था, जिसके रद्द होने पर बेहद मायूस हैं.

सऊदी अरब में रहने वाले 10 हजार हाजी कर सकेंगे हज
हज मामलों के एक्सपर्ट मिर्जा मोहम्मद हलीम ने बताया कि सऊदी सरकार ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस वर्ष हज के लिए केवल 10 हजार लोगों की संख्या तय की है. सऊदी में पहले से रह रहे दूसरे देशों के लोग और सऊदी नागरिक ही हज अदा कर पाएंगे. सऊदी हुकूमत ने कई पाबंदियां भी लगाई हैं. मिर्जा मोहम्मद हलीम ने बताया कि 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों पर रोक रहेगी. इसके साथ ही बीमारी से ग्रसित लोग भी हज अदा नहीं कर सकेंगे.

बिना महरम महिलाओं का अगले साल होगा सीधा चयन
भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बिना महरम हज के लिए जाने वाली महिलाओं के लिए बड़ा एलान किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि इस साल आवेदन करने वाली बिना महरम महिलाओं को अगले वर्ष फिर से फार्म नहीं भरना पड़ेगा. सरकार उनको सीधे हज के सफर के लिए चुन लेगी.

गौरतलब है दुनियाभर से 20 से 25 लाख हज यात्री हज करने जाते हैं, लेकिन कोरोना वायरस को देखते हुए इस वर्ष कई पाबंदियों के साथ संख्या सीमित कर दी गई है. हज इस्लाम धर्म में उसको अदा करने की हैसियत रखने वाले पर फर्ज (ज़रूरी) करार दिया गया है. यह इस्लाम के 5 मूल स्तंभ में से एक माना जाता है. हर मुसलमान की ख्वाहिश होती है कि जिंदगी में एक बार वह हज पर जा सकें.

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