लखनऊ: बारिश के मौसम में दूषित पानी और खाने से लोगों में बीमारी का खतरा बना रहता है. राजधानी में कई क्षेत्रों में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है, जिससे करीब एक लाख लोगों पर बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. जल संस्थान और जिला स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सर्वे में शहर के अलग-अलग जगहों से 60 सैंपल लिए गए थे, जिसमें से कुछ सैंपलों में क्लोरीन मात्रा नहीं पाई गई. इसकी जानकारी जल कल विभाग के अधिकारियों से मांगने पर आला अधिकारी सफाई देते नजर आए.
- राजधानी में कई क्षेत्रों में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है, जिससे लोगों पर कई संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है.
- सर्वे में महानगर, चिनहट, बादशाह नगर, खदरा, आलमबाग, निशातगंज व एलडीए कॉलोनी से जल के 60 नमूने लिए गए थे.
- जांच की रिपोर्ट में कई सैंपलों में क्लोरीन की मात्रा नहीं पाई गई.
- दूषित जल से डेंगू, वायरल, फ्लू, कालरा, टाइफाइड और पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं.
जल कल विभाग के जीएम एसके वर्मा ने दी सफाई
- किसी भी जगह लीकेज होने पर हम लोग उसे तुरंत सही करा देते हैं.
- लोगों का ऐसा कहना बिल्कुल गलत है कि जल में क्लोरीन नहीं डाली जाती है.
- जीएम ने कहा कि हो सकता ब्लीचिंग पाउडर कम मात्रा में डाली गई हो या काफी समय बाद सैंपल लिया गया हो.
गंदा पानी पीने से बैक्टीरिया इन्फेक्शन हो सकता है, जिसकी वजह से हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं. इसके अलावा गंदा पानी पीने से वायरल इंफेक्शन भी हो सकता है. वायरल इंफेक्शन के कारण हेपेटाइटिस ए, फ्लू, कालरा, टाइफाइड और पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं
-दिनेश माथुर, डॉक्टर, जिला अस्पताल