लखनऊ: गोमतीनगर विस्तार में सीवरेज का गंदा पानी सीधे गोमती में फेंका जा रहा है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पानी नहीं जा पा रहा है. जिसकी वजह से परेशानियां हो रही हैं. इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई है.
गोमती नगर विस्तार में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण खुलेआम खुले में नालियों के माध्यम से गोमती नदी में सीवरेज का गंदा पानी जाने दे रहा है. लखनऊ जनकल्याण महासमिति की ओर से इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई है.
अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि गोमती नगर विस्तार सेक्टर 4 में सीवर नाले की सफाई के लिए लगभग 53 लाख रुपये से अधिक का ठेका है. गोमती नगर विस्तार सेक्टर-1 में सीवर सफाई की व्यवस्था के लिए लगभग 30 लाख रुपये का ठेका दिया गया है. लेकिन सफाई होती नहीं है.
कल्पतरु अपार्टमेंट के निवासी दीपावली के पहले से इसका शिकार हैं. कोई सुनवाई नहीं है. गोमती नगर विस्तार में सीवरेज पंपिंग स्टेशन है. जिसमे सात पंप की व्यवस्था है, लेकिन कभी भी 3 से 4 पंप से अधिक काम नहीं करते हैं. वह भी पम्प ऑपरेटर की कृपा पर हैं. जब पम्प ऑपरेटर कुछ दिनों के लिए बाहर चला जाता तो उस हालात में भी सभी पम्प बंद रहते हैं. जिसका परिणाम है कि दीपावली से पूरे विस्तार में सीवरेज की समस्या बनी हुई है.
उमाशंकर दुबे ने बताया कि इतना ही नहीं सीवरेज सिस्टम जबसे बना है, आजतक उसकी सफाई नहीं हुई है. जमीनी स्तर से सफाई करना इसलिए सम्भव नहीं है क्योकि वहां एक ही एसपीएस है. और सफाई करने के लिए आजतक दूसरा एसपीएस बना ही नहीं, क्योंकि एसपीएस की सफाई तब तक संभव नहीं है. जब तक उसमे सप्लाई बंद न किया जाए.
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ऐसे में एक एसपीएस होने के कारण जमीजी स्तर पर सफाई संभव नही है. परिस्थितियों को देखने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि करोड़ों रुपये के ठेका देने के बावजूद खुले में सीवर डाला जा रहा है. गोमती नगर विस्तार का सीवर नाले के माध्यम से गोमती नदी में डाला जा रहा है, जो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट 2016 का खुला उल्लंघन है.
नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन ने बताया कि गोमती को स्वच्छ रखने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं. जिसको लेकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बन रहे हैं. पुराने दुरस्त किये जा रहे हैं. गोमतीनगर विस्तार की परेशानी को भी दूर किया जाएगा.
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