लखनऊः लोहिया की इमरजेंसी सेवाएं बदहाल हैं. हालात यह है कि संस्थान के टेक्नीशियन को भर्ती करने में डॉक्टरों ने आनाकानी की है. इसकी वजह से टेक्नीशियन की मौत हो गई थी. लचर व्यवस्था की वजह से मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ रहा है. निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने इमरजेंसी की व्यवस्था सुधारने की कवायद तेज कर दी है.
डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि इमरजेंसी डे ऑफिसर की तैनाती की गई है. यह तैनाती 24 घंटे के लिए होगी. इसमें ऑफिसर को मरीजों का पूरा ब्यौरा हर छह घंटे पर उपलब्ध कराना होगा. इसमें मरीजों की भर्ती से लेकर रेफर करने की स्थिति का ब्यौरा देना होगा. किन कारणों से मरीज भर्ती नहीं किया गया, इसकी जानकारी भी देनी होगी.
उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी. निरीक्षण के वक्त निदेशक ने मरीजों से इलाज और डॉक्टर तथा कर्मचारियों के व्यवहार के बारे में जानकारी ली. साथ ही इलाज की दुश्वारियों के बारे में जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान करीब दो घंटे निदेशक ने इमरजेंसी में गुजारे.
उन्होंने बताया कि अभी 50 बेड इमरजेंसी में हैं. इसमें और इजाफा किया जाएगा. कोरोना की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाने के निर्देश दिए गए हैं. संक्रमितों को मातृ शिशु रेफरल हॉस्पिटल में शिफ्ट करने में हीलाहवाली बर्दास्त नहीं की जाएगी.