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अभियंताओं को नॉन टेक्निकल कार्यों से मुक्त रखने की मांग, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने लिखा पत्र

लोक निर्माण विभाग के डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए अभियंताओं को गैर तकनीकी ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग की है. संघ ने पीडब्लूडी के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर संबंधित अपनी मांगों से अवगत कराया है.

अभियन्ताओं को गैर तकनीकी कार्यों से मुक्त रखने की रखी मांग
अभियन्ताओं को गैर तकनीकी कार्यों से मुक्त रखने की रखी मांग
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Published : Jun 4, 2021, 9:57 AM IST

लखनऊ: डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग (Public Works Department Uttar Pradesh) ने चीफ सेक्रेटरी को पत्र भेजकर एक विशेष विषम परिस्थिति की तरफ की ध्यान आकर्षित कराते हुए अभियंताओं को गैर तकनीकी कार्यों से मुक्त रखने की मांग की है. डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने कहा कि पंचायत चुनाव (panchayat election) में अवर अभियंताओं ने ड्यूटी निभाई. इस दौरान कोरोना संक्रमण (Corona infection) की चपेट में आए कई अभियंताओं की मृत्यु गई. अब जनपदों में मुख्य सचिव ने 23 अप्रैल 2020 के आदेश की अवहेलना करते हुए कोविड निगरानी समितियों (Covid monitoring committees) के तहत सेक्टर मजिस्ट्रेट के काम पर लगा दिया.


प्रभावित हो रहे विभागीय काम
एनडी द्विवेदी ने कहा कि अभियंताओं की डयूटी अन्य कार्य क्षेत्रों में लगने के कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मार्च और अप्रैल में प्रदेश भर में रिफाइनरी से 40 प्रतिशत विटूमिन (डामर) उठाया जाता था, लेकिन अब तक मात्र दस प्रतिशत विटुमिन उठा पाया है. यानि पंचायत चुनाव के चलते 30 प्रतिशत काम पिछड़ चुका है. अब बरसात के दिन नजदीक हैं. लिहाजा, सड़क निर्माण व मरम्मत का काम लगभग ठप रहेगा. यानि न सड़के बनेंगी और न ही मरम्मत का कार्य होगा. ऐसी स्थिति में अगले साल सड़क निर्माण का कार्य दोगुना हो जाएगा. उनका कहना है कि विटुमिन और सीसी कार्य के दौरान अवर अभियंता और सहायक अभियंता की उपस्थिति अनिवार्य है.


विभागाध्यक्ष ने भी शासन को भेजा पत्र
एनडी द्विवेदी ने कहा ऐसे गैर तकनीकि कार्यों में लगे अभियंताओं की अनुपस्थिति में होने वाले कार्य की जिम्मेदारी कौन लेगा. डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के पत्र के सापेक्ष इन्हीं तथ्यों और विकास कार्यों की प्रभावित होने का उल्लेख करते हुए लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष इं. प्रदीप कुमार सक्सेना ने भी प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है. एनडी द्विवेदी ने विभागाध्यक्ष और शासन को लिखे पत्र में कहा है कि पहले भी अवर अभियंताओं को कोविड-19 ड्यूटी से कार्य मुक्त किए जाने के संबंध में संघ ने प्रमुख अभियंता को पत्र लिखा था. संघ के प्रतिनिधि मण्डल की प्रमुख अभियंता से बातचीत में सहमति व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया.


पिछले साल चीफ सेक्रेटरी ने जारी किया था आदेश, लेकिन मान नहीं रहे हैं अफसर
एनडी द्विवेदी ने बताया कि मुख्य सचिव ने विगत वर्ष भी लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंताओं को कोविड-19 से जुड़े कार्यों से मुक्त किए जाने के संबंध में शासनादेश जारी किया था, जो अभी भी प्रभावी है. लेकिन, अधिकांश जिलाधिकारी मुख्य सचिव के शासनादेश को नहीं मान रहे हैं. मुख्य सचिव के शासनादेश का अनुपालन न किए जाने के कारण प्रदेशभर के अवर अभियंताओं में आक्रोश व्याप्त है.

इसे भी पढ़ें-शुक्रवार की सुबह मिले 418 नए मरीज, चार ने तोड़ा दम


बारिश की वजह से भी प्रभावित होते हैं काम
प्रत्येक वर्ष के कार्य अवधि में 3 माह वर्षा ऋतु एवं दो माह शीत ऋतु के कारण विटुमिन से संबंधित कार्य नहीं हो सकते हैं. इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में मात्र 7 माह कार्य के अनुकूल होते हैं. वर्तमान वित्तीय वर्ष के दो माह अप्रैल एवं मई (कार्य के अनुकूल माह) व्यतीत हो जाने के बाद रिफाइनरी से मात्र 10 प्रतिशत विटुमिन उठाए गया है. इससे स्पष्ट है की इन 2 माह में लगभग 40 फीसदी प्रगति आनी चाहिए थी. लेकिन मात्र 10 प्रतिशत प्रगति है. अतः ऐसी स्थिति में प्रदेश के पिछड़ते विकास कार्यों, सड़क व पुलिया के निर्माण और मरम्मत के लिए तत्काल प्रभाव से अभियंताओं को गैर तकनीकी ड्युटी से मुक्त रखा जाए.

लखनऊ: डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग (Public Works Department Uttar Pradesh) ने चीफ सेक्रेटरी को पत्र भेजकर एक विशेष विषम परिस्थिति की तरफ की ध्यान आकर्षित कराते हुए अभियंताओं को गैर तकनीकी कार्यों से मुक्त रखने की मांग की है. डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने कहा कि पंचायत चुनाव (panchayat election) में अवर अभियंताओं ने ड्यूटी निभाई. इस दौरान कोरोना संक्रमण (Corona infection) की चपेट में आए कई अभियंताओं की मृत्यु गई. अब जनपदों में मुख्य सचिव ने 23 अप्रैल 2020 के आदेश की अवहेलना करते हुए कोविड निगरानी समितियों (Covid monitoring committees) के तहत सेक्टर मजिस्ट्रेट के काम पर लगा दिया.


प्रभावित हो रहे विभागीय काम
एनडी द्विवेदी ने कहा कि अभियंताओं की डयूटी अन्य कार्य क्षेत्रों में लगने के कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मार्च और अप्रैल में प्रदेश भर में रिफाइनरी से 40 प्रतिशत विटूमिन (डामर) उठाया जाता था, लेकिन अब तक मात्र दस प्रतिशत विटुमिन उठा पाया है. यानि पंचायत चुनाव के चलते 30 प्रतिशत काम पिछड़ चुका है. अब बरसात के दिन नजदीक हैं. लिहाजा, सड़क निर्माण व मरम्मत का काम लगभग ठप रहेगा. यानि न सड़के बनेंगी और न ही मरम्मत का कार्य होगा. ऐसी स्थिति में अगले साल सड़क निर्माण का कार्य दोगुना हो जाएगा. उनका कहना है कि विटुमिन और सीसी कार्य के दौरान अवर अभियंता और सहायक अभियंता की उपस्थिति अनिवार्य है.


विभागाध्यक्ष ने भी शासन को भेजा पत्र
एनडी द्विवेदी ने कहा ऐसे गैर तकनीकि कार्यों में लगे अभियंताओं की अनुपस्थिति में होने वाले कार्य की जिम्मेदारी कौन लेगा. डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के पत्र के सापेक्ष इन्हीं तथ्यों और विकास कार्यों की प्रभावित होने का उल्लेख करते हुए लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष इं. प्रदीप कुमार सक्सेना ने भी प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है. एनडी द्विवेदी ने विभागाध्यक्ष और शासन को लिखे पत्र में कहा है कि पहले भी अवर अभियंताओं को कोविड-19 ड्यूटी से कार्य मुक्त किए जाने के संबंध में संघ ने प्रमुख अभियंता को पत्र लिखा था. संघ के प्रतिनिधि मण्डल की प्रमुख अभियंता से बातचीत में सहमति व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया.


पिछले साल चीफ सेक्रेटरी ने जारी किया था आदेश, लेकिन मान नहीं रहे हैं अफसर
एनडी द्विवेदी ने बताया कि मुख्य सचिव ने विगत वर्ष भी लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंताओं को कोविड-19 से जुड़े कार्यों से मुक्त किए जाने के संबंध में शासनादेश जारी किया था, जो अभी भी प्रभावी है. लेकिन, अधिकांश जिलाधिकारी मुख्य सचिव के शासनादेश को नहीं मान रहे हैं. मुख्य सचिव के शासनादेश का अनुपालन न किए जाने के कारण प्रदेशभर के अवर अभियंताओं में आक्रोश व्याप्त है.

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बारिश की वजह से भी प्रभावित होते हैं काम
प्रत्येक वर्ष के कार्य अवधि में 3 माह वर्षा ऋतु एवं दो माह शीत ऋतु के कारण विटुमिन से संबंधित कार्य नहीं हो सकते हैं. इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में मात्र 7 माह कार्य के अनुकूल होते हैं. वर्तमान वित्तीय वर्ष के दो माह अप्रैल एवं मई (कार्य के अनुकूल माह) व्यतीत हो जाने के बाद रिफाइनरी से मात्र 10 प्रतिशत विटुमिन उठाए गया है. इससे स्पष्ट है की इन 2 माह में लगभग 40 फीसदी प्रगति आनी चाहिए थी. लेकिन मात्र 10 प्रतिशत प्रगति है. अतः ऐसी स्थिति में प्रदेश के पिछड़ते विकास कार्यों, सड़क व पुलिया के निर्माण और मरम्मत के लिए तत्काल प्रभाव से अभियंताओं को गैर तकनीकी ड्युटी से मुक्त रखा जाए.

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