लखनऊः डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बुधवार को लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव के प्रस्ताव पर उनसे लखनऊ में बस उपलब्ध कराने को कहा गया. इस पर उन्होंने असमर्थता जताई फिर उनकी मांग के अनुरूप नोएडा, गाजियाबाद में बस उपलब्ध कराने को कहा गया. सूची का परीक्षण किया गया तो सूची की 460 बसें फर्जी निकली. वहीं 297 बसें कबाड़ हैं. किसी का फिटनेस नहीं है. साथ ही इन बसों में 98 ऑटो, बिना कागज के 68 वाहन शामिल हैं.
गहलोत सरकार के बस उपलब्ध कराने के सवाल पर दिनेश शर्मा ने कहा कि हम किसी सरकार की बस नहीं लेंगे, क्योंकि यूपी में 27 हजार बसें श्रमिकों को घर पहुंचाने में लगी हैं. अगर गहलोत सरकार को बसें हमारे श्रमिकों को घर तक पहुंचाने के लिए भेजनी है तो उन्हें महाराष्ट्र और पंजाब भेजना चाहिए. दिनेश शर्मा ने सवाल किया कि जब यूपी के बच्चे कोटा में बिलख रहे थे तब गहलोत सरकार की बसें कहां थी, क्योंकि उस समय योगी सरकार ने ही 630 बसें भेजकर बच्चों को वापस बुलवाया गया.
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दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर उन्हें मदद ही करनी है तो पंजाब और महाराष्ट्र में इन बसों को भेजकर हमारे श्रमिकों की मदद करनी चाहिए. यहां कांग्रेस साढ़े आठ सौ बस भेजने की बात कर रही हैं. यहां एक हजार ट्रेन आ गई हैं और हमारी सरकार की तरफ से 27 हजार बसें लगी हैं. हकीकत में उन्हें उन राज्यों में बसें भेजनी चाहिए, जहां बस की व्यवस्था नहीं है. फर्जी सूची देकर श्रमिकों के साथ धोखा किया जा रहा है. कांग्रेस को इसके लिए श्रमिकों और देश की जनता से मांफी मांगनी चाहिए.