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योगी सरकार में वसीम रिज़वी के चेयरमैन बनने की राह मुश्किल!, कांग्रेस और बीजेपी के चेहरे आमने-सामने

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Published : Oct 25, 2021, 8:14 PM IST

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्यों का ऐलान कर दिया है. इस बार शिया वक्फ बोर्ड में तीन सदस्य निर्वाचित होकर और पांच सदस्य नामित होकर वक्फ बोर्ड में पहुंचे हैं.

वसीम रिज़वी के चेयरमैन बनने की राह मुश्किल!
वसीम रिज़वी के चेयरमैन बनने की राह मुश्किल!

लखनऊः यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड के सदस्यों के बीच चेयरमैन पद का चुनाव होना है. जिसकी अधिसूचना जल्द ही जारी हो सकती है. इस चुनाव को बेहद दिलचस्प इसलिए भी माना जा रहा है, क्यों कि योगी सरकार में पहली बार शिया वक्फ बोर्ड का निर्वाचन होना है. विवादों में रहने वाले वसीम रिज़वी से लेकर कांग्रेस और बीजेपी के चेहरे इस चुनाव में शामिल है.

चार बार उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की कुर्सी पर काबिज रह चुके वसीम रिज़वी की इस बार राह आसान नहीं होने वाली है. अपने बयानों और वक्फ के खुर्द-बुर्द के साथ कई आरोपों में घिरे चल रहे वसीम रिज़वी की दावेदारी कमजोर हो गई. साफ-सुथरी छवि बताने वाली योगी सरकार भी विवादित चेहरे से दूरी बनाए हुए है. वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद समेत कई मौलाना भी खुलकर वसीम रिज़वी के विरोध में हैं. जिससे कोई भी वसीम रिज़वी का समर्थन करता नहीं दिखाई दे रहा है.

वसीम रिज़वी के चेयरमैन बनने की राह मुश्किल!

जानकारों के मुताबिक पूर्व की सपा और बसपा सरकार में वसीम रिज़वी आसानी से चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज हुए थे. वहीं योगी सरकार ने ऐसे चेहरे नामित कर सदस्य बनाये है जो रिज़वी के विरोधी हैं. जिससे वसीम रिज़वी का फिर से चेयरमैन बनने का सपना अधूरा रहने वाला है. यूपी में होने वाले 2022 विधानसभा चुनाव से पहले शिया वक्फ बोर्ड के सदस्यों की घोषणा कर दी गई है और माना जा रहा है कि यूपी चुनाव से पहले यूपी शिया वक्फ बोर्ड का चुनाव कराकर सरकार शियों को अपने पाले में लाने की जुगत में है.

इसे भी पढ़ें- सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, मनोज वाजपेयी, धनुष और कंगना को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

शिया वक्फ बोर्ड के आठ सदस्यों में जहां ज़्यादातर गैर राजनीतिक सदस्य हैं. वहीं सांसद कोटे से निर्विरोध सदस्य बनी कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो भी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन की कुर्सी के लिए एक दावेदार हो सकती है हालांकि जानकारों की माने तो योगी सरकार में होने वाले इस चुनाव में बीजेपी नेता और मुतवल्ली कोटे से जीतकर आये सय्यद फै़ज़ी भी चेयरमैन की रेस में हैं. सय्यद फ़ैज़ी लंबे समय से बीजेपी में सक्रिय हैं और योगी सरकार में निर्वाचित होकर हाल ही में शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य बने हैं. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन चेयरमैन की कुर्सी पर बैठता है.

लखनऊः यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड के सदस्यों के बीच चेयरमैन पद का चुनाव होना है. जिसकी अधिसूचना जल्द ही जारी हो सकती है. इस चुनाव को बेहद दिलचस्प इसलिए भी माना जा रहा है, क्यों कि योगी सरकार में पहली बार शिया वक्फ बोर्ड का निर्वाचन होना है. विवादों में रहने वाले वसीम रिज़वी से लेकर कांग्रेस और बीजेपी के चेहरे इस चुनाव में शामिल है.

चार बार उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की कुर्सी पर काबिज रह चुके वसीम रिज़वी की इस बार राह आसान नहीं होने वाली है. अपने बयानों और वक्फ के खुर्द-बुर्द के साथ कई आरोपों में घिरे चल रहे वसीम रिज़वी की दावेदारी कमजोर हो गई. साफ-सुथरी छवि बताने वाली योगी सरकार भी विवादित चेहरे से दूरी बनाए हुए है. वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद समेत कई मौलाना भी खुलकर वसीम रिज़वी के विरोध में हैं. जिससे कोई भी वसीम रिज़वी का समर्थन करता नहीं दिखाई दे रहा है.

वसीम रिज़वी के चेयरमैन बनने की राह मुश्किल!

जानकारों के मुताबिक पूर्व की सपा और बसपा सरकार में वसीम रिज़वी आसानी से चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज हुए थे. वहीं योगी सरकार ने ऐसे चेहरे नामित कर सदस्य बनाये है जो रिज़वी के विरोधी हैं. जिससे वसीम रिज़वी का फिर से चेयरमैन बनने का सपना अधूरा रहने वाला है. यूपी में होने वाले 2022 विधानसभा चुनाव से पहले शिया वक्फ बोर्ड के सदस्यों की घोषणा कर दी गई है और माना जा रहा है कि यूपी चुनाव से पहले यूपी शिया वक्फ बोर्ड का चुनाव कराकर सरकार शियों को अपने पाले में लाने की जुगत में है.

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शिया वक्फ बोर्ड के आठ सदस्यों में जहां ज़्यादातर गैर राजनीतिक सदस्य हैं. वहीं सांसद कोटे से निर्विरोध सदस्य बनी कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो भी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन की कुर्सी के लिए एक दावेदार हो सकती है हालांकि जानकारों की माने तो योगी सरकार में होने वाले इस चुनाव में बीजेपी नेता और मुतवल्ली कोटे से जीतकर आये सय्यद फै़ज़ी भी चेयरमैन की रेस में हैं. सय्यद फ़ैज़ी लंबे समय से बीजेपी में सक्रिय हैं और योगी सरकार में निर्वाचित होकर हाल ही में शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य बने हैं. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन चेयरमैन की कुर्सी पर बैठता है.

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