लखनऊः प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन ने रोडवेज बसों से डीजल चोरी के मामले में कई चालकों पर अब तक कार्रवाई की है, जिसमें कई ड्राइवरों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. दरअसल इनमें से कई का पिछला रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है. अब रोडवेज अधिकारियों की इस कार्रवाई पर रोडवेज यूनियन के नेताओं ने सवाल खड़े कर दिए हैं और पूरे मामले की दोबारा जांच कराने की मांग की है.
यूनियन के नेताओं का आरोप है कि डीजल चोरी मामले में ऐसे ड्राइवरों के खिलाफ भी कार्रवाई कर दी गई है, जिनका सर्विस रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है. उनका कहना है कि संविदा चालकों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने के मामले में गलत जांच रिपोर्ट का सहारा लिया जा रहा है. रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के कैसरबाग शाखाध्यक्ष रजनीश मिश्रा का कहना है कि संविदा चालक भारत सिंह पर 50 किलोमीटर बस संचालन के बदले 281 लीटर डीजल लिए जाने की बात कही गई है.
दरअसल ड्राइवर भारत सिंह का पुराना रिकॉर्ड काफी बेहतर रहा है. उन्हें बेहतर डीजल औसत मामले में इनाम भी मिल चुका है. यूनियन का दावा है कि व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से दी जा रही जांच रिपोर्ट पूरी तरह गलत है. ऐसे में इस मामले की दोबारा जांच कराई जानी चाहिए. परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर आगामी छह अक्टूबर को राज्य परिवहन प्राधिकरण की होने वाली बैठक टल गई है.
राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव ओपी सिंह ने बताया कि पहली बार वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से होने वाली बैठक अपरिहार्य कारण से स्थगित की गई है. इस बैठक में रोडवेज बसों के चार सौ परमिट समेत प्रदेश भर के वाहन संबंधी अन्य मामलों पर निर्णय लिए जाने की उम्मीद थी. वहीं अब यह बैठक आगामी सूचना तक स्थगित रहेगी.