लखनऊ : डायबिटीज को अगर हम इलाज द्वारा नियंत्रित नहीं करें तो इसका असर हमारे शरीर के अन्य भागों जैसे किडनी (गुर्दा), आंख, फेफड़ा, ह्रदय और ब्लड प्रेशर पर पड़ता है. जब हमारे शरीर के हार्मोन इंसुलिन हमारे शरीर के साथ सही तालमेल नहीं बिठा पाता है, तब यह बीमारी होती है. यह बातें डॉ. अनिल भंसाली, निदेशक (गिनी हेल्य, मोहाली, पंजाब पूर्व प्रोफेसर एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट, एंडोक्रिनोलॉजी पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़) ने कहीं.
दरअसल, बुधवार को लोकभवन में मधुमेह एवं रक्तचाप से बचाव एवं प्राथमिक चिकित्सा कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा रहे. इस जागरूकता कार्यक्रम में ऑडियंस के द्वारा डॉ. अनिल भंसाली से प्रश्नोत्तर राउंड भी हुआ, जिसमें ऑडियंस ने अपने कंफ्यूजन को दूर किया. लोगों ने इंसुलिन के बारे में समझा. अपने शरीर के अनुसार क्या डाइट होनी चाहिए इस बारे में भी प्रश्न किया. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि पांच चीजें बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं लंबाई, वजन, बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल. 35 साल की उम्र के बाद इन पांचों चीजों की जांच अनिवार्य रूप से कराएं. कम उम्र के युवा व्यक्ति भी अब डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं.
डॉ. अनिल भंसाली ने बताया कि हमेशा से यह भ्रांतियां चली आ रही हैं कि खाली पेट फल खाना चाहिए, लेकिन अगर सही तरीका बताएं तो खाने के तुरंत बाद अगर कोई व्यक्ति फल का सेवन करता है तो फलों में जो फाइबर होता है वह तेजी से व्यक्ति के शरीर में एक्टिव रहता है. खाने के बाद फल खाने का एक यह भी कारण है कि फल हमेशा खाने को डाइजेस्ट करने में सहायक होता है. इसलिए कोशिश यही होनी चाहिए कि खाना खाने के तुरंत बाद आप कोई भी एक फल जरूर खाएं. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति शुद्ध शाकाहारी खाना खाता है, उसकी उम्र मांसाहारी खाना खाने वाले से पांच साल अधिक होती है.
इस दौरान मुख्य अतिथि उप्र मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने कहा कि कुछ ही दिनों में साल 2023 शुरू होने वाला है. ऐसे में आप सभी को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और साथ ही यह साल आपके लिए अच्छे दिन लेकर आए. आप स्वस्थ रहें इसी की कामना करते हैं. मधुमेह व ब्लड प्रेशर किसी भी व्यक्ति को हो सकता है. हो सकता है किसी को कम उम्र में हो या हो सकता है किसी को 50 साल उम्र बिताने के बाद हो. उन्होंने कहा कि खुद भी जागरूक रहें और अपने परिजनों को भी जागरूक करें.