लखनऊ: राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद हो रहे विवाद को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी ओ पी सिंह ने घटना का संज्ञान लिया है. डीजीपी ने कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है. डीजीपी के मुताबिक लोकल पुलिस इसकी जांच कर रही है, साथ ही एसटीएफ को भी जल्द से जल्द खुलासा करने के लिए सक्रिय कर दिया गया है. इस दौरान डीजीपी ने कहा कि घटना के विरोध में कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.
प्रशासन की लापरवाही से हुई कमलेश की हत्या
हिंदू नेता कमलेश तिवारी की मौत में पुलिस प्रशासन की लापरवाही देखी जा रही है, जहां तमाम धमकियां मिलने के बाद भी कमलेश तिवारी की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरती गई. लगातार इस बात की सूचनाएं मिल रही थी कि कमलेश तिवारी की जान को खतरा है, उसके बावजूद भी पुलिस ने कमलेश तिवारी पर हमले की आशंका को नकारा.
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सीएम योगी से की थी उच्च श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था की मांग
कमलेश तिवारी लंबे समय से योगी सरकार से उच्च श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था की मांग कर रहे थे और लगातार अपनी जान को खतरा बता रहे थे, लेकिन उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया. इसका परिणाम यह हुआ कि राजधानी में दिनदहाड़े उनकी हत्या कर दी गई.
पत्नी ने नाका थाने में दर्ज कराई FIR
हत्या के बाद कमलेश तिवारी की पत्नी किरण तिवारी ने नाका थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर दर्ज कराते हुए किरण तिवारी ने फेसबुक पर फतवा जारी करने वाले लोगों को नामजद किया है. वहीं तहरीर में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि मेरे पति का सिर कलम करने के बदले 50 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी, जिसके बाद ही इस हत्या को अंजाम दिया गया है.