लखनऊः प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय लखनऊ में पीएफआई को लेकर प्रेस वार्ती की. प्रेस वार्ता के दौरान डीजीपी ने बताया कि 4 दिनों में प्रदेश भर से पीएफआई के 108 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं. दिसंबर माह में सीएए के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के दौरान प्रदेश भर से 25 लोग गिरफ्तार किए गए थे.
सिमी के प्रतिबंध के बाद सक्रिय हुआ पीएफआई
2001 में सिमी के प्रतिबंध के बाद 2006 में पीएफआई केरल में बना. डीजीपी ने कहा कि पीएफआई ने यूपी में अपना विस्तार कर लिया है. शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, वाराणसी, आजमगढ़, गाजियाबाद और सीतापुर में पीएफआई काफी सक्रिय है. बीते 4 दिनों में 108 पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है.
पीएफआई पर लगातार कसा जाएगा शिकंजा
प्रेस वार्ता के दौरान डीजीपी ने यह भी कहा कि पुलिस लगातार पीएफआई पर शिकंजा कस रही है और आगे भी इन पर लगातार कार्रवाई जारी रहेगी. डीजीपी ने बताया कि लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर समेत कई जगहों से बड़ी संख्या में पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है और आगे भी इन पर पुलिस सक्रियता से कार्रवाई करेगी.
इन शहरों से हुई है गिरफ्तारी
बता दें कि पीएफआई पर शिकंजा कसने के अभियान के दौरान लखनऊ से 14, सीतापुर से 3, मेरठ से 21, गाजियाबाद से 9, मुजफ्फरनगर से छह, शामली से 7, बिजनौर से 4, वाराणसी से 20, कानपुर से 5, गोंडा से एक, बहराइच से 16, हापुड़ से 1 और जौनपुर से 1 पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.