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Illegal Mining in UP : वसूली करने वालों को डीजीपी ने दी चेतावनी, अवैध खनन को लेकर दिए ये निर्देश

अवैध खनन को लेकर पुलिस के हस्तक्षेप को लेकर डीजीपी ने नाराजगी जाहिर की है. इसके साथ ही डीजीपी ने अवैध खनन (Illegal Mining in UP) में वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी है.

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Published : Jan 25, 2023, 7:29 PM IST

लखनऊ : बीते सात वर्षों से खनन के मामलों में स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप करने पर डीजीपी की नाराजगी दिखाने के बाद भी आदेश का पालन न होने पर डीजीपी डीएस चौहान ने एक बार फिर चेताते हुए निर्देश दिए हैं कि 'अवैध खनन होने पर थानाध्यक्ष या यूपी 112 कार्रवाई न करते हुए सीओ या एसडीएम को सूचना दें, जिसके बाद अवैध खनन के लिए बनाई गई टास्क फोर्स आगे की कार्रवाई करेगी.' डीजीपी ने खनन करने वालों से वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों को भी चेतावनी दी है.


डीजीपी डीएस चौहान ने सूबे के सभी पुलिस कप्तानों व कमिश्नर को निर्देश देते हुए कहा है कि 'स्थानीय पुलिस व यूपी 112 के पुलिसकर्मी मिट्टी व बालू के किसी अवैध खनन या परिवहन की जांच व चेकिंग खुद नहीं करेगी. अवैध खनन की सूचना मिलने पर क्षेत्राधिकारी को सूचना दी जाए. जिसके बाद क्षेत्राधिकारी अवैध खनन को रोकने के लिए गठित टास्क फोर्स के संज्ञान में लाते हुए इस पर प्रभावी जांच व कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे.

वसूली हुई तो होगी कार्रवाई : डीजीपी ने कहा है कि 'चेकिंग बैरियर पर खनन करने वाली गाड़ियों से यदि अवैध वसूली की शिकायत मिले तो पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी या उनसे उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी सीधे कार्यवाही करते हुए इसकी रिपोर्ट तत्काल एसपी को दें, जिससे उन वसूली करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

अवैध खनन हुआ तो थानेदार होंगे जिम्मेदार : डीएस चौहान ने निर्देश देते हुए कहा है कि 'जिले के सभी थाना प्रभारी को खनन अधिकारी वैध खनन पट्टों की जानकारी पहले से ही दे देंगे. इसके बाद यदि कहीं भी अवैध खनन होता है और उसकी जानकारी थाना प्रभारी एसपी या सीओ को नहीं देते हैं तो यह माना जाएगा कि अवैध खनन थाना के पुलिस कर्मियों की जानकारी में किया जा रहा है.'

पुलिसकर्मियों की होगी गुप्त जांच : डीजीपी चौहान ने जोन व कमिश्नरेट मुख्यालय स्तर पर एक टीम के गठन करने के निर्देश दिए हैं. जहां-जहां पर सरकारी कार्य चल रहे हैं, वहां पर गोपनीय जांच करें कि खनन के किसी भी कार्य में कोई पुलिसकर्मी संलिप्त तो नहीं है, यदि कोई कर्मी इस कार्य में लिप्त है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए.



दो DGP दे चुके हैं चेतावनी : दरअसल, सूबे भर में खनन व्यापारियों ने कई बार अलग-अलग डीजीपी से मिलकर स्थानीय पुलिस द्वारा वसूली को लेकर शिकायतें की हैं. डीजीपी रहे सुलखान सिंह व ओपी सिंह ने भी पुलिसकर्मियों को खनन व अवैध खनन पर सीधे कार्रवाई न करने को लेकर कई बार निर्देश जारी किए थे. बावजूद इसके लगातार पुलिस द्वारा वसूली की शिकायतें आ रही थीं, जिसे लेकर एक बार फिर डीजीपी ने निर्देश जारी किए हैं.

यह भी पढ़ें : Badshah Nagar Railway Station In Lucknow : बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पर सूझबूझ से बची यात्री की जान, देखिए Video

लखनऊ : बीते सात वर्षों से खनन के मामलों में स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप करने पर डीजीपी की नाराजगी दिखाने के बाद भी आदेश का पालन न होने पर डीजीपी डीएस चौहान ने एक बार फिर चेताते हुए निर्देश दिए हैं कि 'अवैध खनन होने पर थानाध्यक्ष या यूपी 112 कार्रवाई न करते हुए सीओ या एसडीएम को सूचना दें, जिसके बाद अवैध खनन के लिए बनाई गई टास्क फोर्स आगे की कार्रवाई करेगी.' डीजीपी ने खनन करने वालों से वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों को भी चेतावनी दी है.


डीजीपी डीएस चौहान ने सूबे के सभी पुलिस कप्तानों व कमिश्नर को निर्देश देते हुए कहा है कि 'स्थानीय पुलिस व यूपी 112 के पुलिसकर्मी मिट्टी व बालू के किसी अवैध खनन या परिवहन की जांच व चेकिंग खुद नहीं करेगी. अवैध खनन की सूचना मिलने पर क्षेत्राधिकारी को सूचना दी जाए. जिसके बाद क्षेत्राधिकारी अवैध खनन को रोकने के लिए गठित टास्क फोर्स के संज्ञान में लाते हुए इस पर प्रभावी जांच व कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे.

वसूली हुई तो होगी कार्रवाई : डीजीपी ने कहा है कि 'चेकिंग बैरियर पर खनन करने वाली गाड़ियों से यदि अवैध वसूली की शिकायत मिले तो पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी या उनसे उच्च स्तर के पुलिस अधिकारी सीधे कार्यवाही करते हुए इसकी रिपोर्ट तत्काल एसपी को दें, जिससे उन वसूली करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

अवैध खनन हुआ तो थानेदार होंगे जिम्मेदार : डीएस चौहान ने निर्देश देते हुए कहा है कि 'जिले के सभी थाना प्रभारी को खनन अधिकारी वैध खनन पट्टों की जानकारी पहले से ही दे देंगे. इसके बाद यदि कहीं भी अवैध खनन होता है और उसकी जानकारी थाना प्रभारी एसपी या सीओ को नहीं देते हैं तो यह माना जाएगा कि अवैध खनन थाना के पुलिस कर्मियों की जानकारी में किया जा रहा है.'

पुलिसकर्मियों की होगी गुप्त जांच : डीजीपी चौहान ने जोन व कमिश्नरेट मुख्यालय स्तर पर एक टीम के गठन करने के निर्देश दिए हैं. जहां-जहां पर सरकारी कार्य चल रहे हैं, वहां पर गोपनीय जांच करें कि खनन के किसी भी कार्य में कोई पुलिसकर्मी संलिप्त तो नहीं है, यदि कोई कर्मी इस कार्य में लिप्त है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए.



दो DGP दे चुके हैं चेतावनी : दरअसल, सूबे भर में खनन व्यापारियों ने कई बार अलग-अलग डीजीपी से मिलकर स्थानीय पुलिस द्वारा वसूली को लेकर शिकायतें की हैं. डीजीपी रहे सुलखान सिंह व ओपी सिंह ने भी पुलिसकर्मियों को खनन व अवैध खनन पर सीधे कार्रवाई न करने को लेकर कई बार निर्देश जारी किए थे. बावजूद इसके लगातार पुलिस द्वारा वसूली की शिकायतें आ रही थीं, जिसे लेकर एक बार फिर डीजीपी ने निर्देश जारी किए हैं.

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