लखनऊ : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेदव्रत सिंह के मुताबिक राज्य में कोरोना की दूसरी लहर तक 45 आरटीपीसीआर लैब खुल गई थीं. इसके बाद 30 जिलों में आरटीपीसीआर टेस्ट लैब और खोलने की हरी झंडी मिलीं. इन जिलों में अभी तक सरकारी लैब नहीं थीं. ऐसे में यहां से मरीजों के सैम्पल केजीएमयू, लोहिया संस्थान समेत अन्य मेडिकल कॉलेजों में भेजे जाते हैं. वहीं मुख्यमंत्री ने 21 नवम्बर को बीएसएल-2 लैब का लोकार्पण किया. दिसंबर के पहले सप्ताह में 15 और जिलों में नई लैब खुलने से हर जनपद में जांच की सुविधा हो जाएगी. ऐसे में रोज 30 हजार अधिक कोरोना टेस्ट हो सकेंगे.
अक्टूबर तक 45 जिलों में थीं सरकारी लैब
डॉ. वेदव्रत के मुताबिक अक्टूबर तक राज्य में 130 कोरोना टेस्ट लैब थीं. इसमें 62 सरकारी और 68 प्राइवेट लैब में कोरोना टेस्ट हो रहे थे. वहीं 21 नवम्बर को सरकारी लैब की संख्या बढ़कर 77 हो गई. कोरोना टेस्ट की सुविधा 60 जिलों में हो गई.
लैब के लिए 99.80 करोड़ हुए थे जारी
सरकार ने 30 जिलों के लिए 99 करोड़ 80 लाख रुपए लैब स्थापित करने के लिए जारी किए थे. जिन जिलों में 30 लैब खुलनी थीं. उनके नाम अमरोहा, बाराबंकी, चित्रकूट, फतेहपुर, हाथरस, लखीमपुर खीरी, मैनपुरी, संत रविदास नगर, गाजीपुर, संभल, बागपत , भदोही, एटा, हमीरपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, मुजफ्फरनगर, श्रावस्ती, हापुड़ ,शामली, बलरामपुर, चंदौली ,फर्रुखाबाद, हरदोई ,कौशांबी ,महाराजगंज, पीलीभीत ,उन्नाव, रामपुर ,सुल्तानपुर ,जनपद हैं. इनमें अमरोहा, बागपत, भदोही, चंदौली, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, मुजफ्फरनगर, शामली, सुल्तानपुर, संत कबीर नगर, रामपुर, संभल, पीलीभीत और फर्रुखाबाद में लैब का संचालन शुरू हो गया है.
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समय पर शुरू हो सकेगा इलाज
उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले में कोरोना टेस्ट की सुविधा होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी. उनकी समय पर जांच हो सकेगी. ऐसे में तत्काल इलाज और ऑपरेशन भी हो सकेंगे. वहीं हेल्थ टीम को जांच के लिए सैंपल ले जाने से भी छुटकारा मिलेगा.