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लखनऊ: नदियों में गंदगी का अंबार देख कार्तिक पूर्णिमा पर बिना स्नान किए वापस लौटे श्रद्धालु

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बिना स्नान किए हुए श्रद्धालु वापस लौट गए. नदियों में गंदगी का अंबार देख श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर प्रशासन को कोसते हुए सिर्फ नदी के जल का आचमन किया और वापस लौट गए.

नदियों में गंदगी का अंबार बिना स्नान के वापस लौटे श्रद्धालु
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Published : Nov 12, 2019, 11:20 PM IST

लखनऊ: मुरादाबाद और बरेली जिले में कार्तिक पूर्णिमा पर नदी में गंदगी का अंबार देखकर हजारों श्रद्धालु वापस लौटे गए. स्नान करने से बीमारियों के खतरे के अंदेशे से भक्तों ने नदी में डुबकी नहीं लगाई. साथ ही प्रशासन की नाकामी को कोसते हुए श्रद्धालुओं ने सिर्फ जल का आचमन की किया और वापस लौट गए.

नदियों में गंदगी का अंबार बिना स्नान के वापस लौटे श्रद्धालु

मुरादाबाद में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के लिए सुबह से ही लोगों का तांता नदियों के किनारे लगा रहा. पीतलनगरी मुरादाबाद में कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों का प्रदूषण हावी रहा और नदियों में गंदगी देख लोग बिना स्नान किये ही वापस लौटते नजर आए.

जानें क्यों मनाते हैं कार्तिक पूर्णिमा

  • भगवान विष्णु को प्रिय है कार्तिक मास की पूर्णिमा इसलिए पुण्य मास माना जाता है.
  • इस दिन कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान का खास महत्व है.
  • पूरे प्रदेश में कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों में स्नान करने की परम्परा है.

क्या है नदियों का हाल

  • प्रदूषित पानी के चलते श्रद्धालु बिना स्नान किए वापस लौट गए.
  • प्रदेश के कई जिलों की नदियों का पानी बहुत अधिक प्रदूषित हो गया है.
  • श्रद्धालुओं ने प्रशासन पर नदियों की अनदेखी का आरोप भी लगाया.
  • बरेली में नदियों का पानी प्रदूषित देख भक्त बिना स्नान किए वापस लौट गए.

लखनऊ: मुरादाबाद और बरेली जिले में कार्तिक पूर्णिमा पर नदी में गंदगी का अंबार देखकर हजारों श्रद्धालु वापस लौटे गए. स्नान करने से बीमारियों के खतरे के अंदेशे से भक्तों ने नदी में डुबकी नहीं लगाई. साथ ही प्रशासन की नाकामी को कोसते हुए श्रद्धालुओं ने सिर्फ जल का आचमन की किया और वापस लौट गए.

नदियों में गंदगी का अंबार बिना स्नान के वापस लौटे श्रद्धालु

मुरादाबाद में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के लिए सुबह से ही लोगों का तांता नदियों के किनारे लगा रहा. पीतलनगरी मुरादाबाद में कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों का प्रदूषण हावी रहा और नदियों में गंदगी देख लोग बिना स्नान किये ही वापस लौटते नजर आए.

जानें क्यों मनाते हैं कार्तिक पूर्णिमा

  • भगवान विष्णु को प्रिय है कार्तिक मास की पूर्णिमा इसलिए पुण्य मास माना जाता है.
  • इस दिन कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान का खास महत्व है.
  • पूरे प्रदेश में कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों में स्नान करने की परम्परा है.

क्या है नदियों का हाल

  • प्रदूषित पानी के चलते श्रद्धालु बिना स्नान किए वापस लौट गए.
  • प्रदेश के कई जिलों की नदियों का पानी बहुत अधिक प्रदूषित हो गया है.
  • श्रद्धालुओं ने प्रशासन पर नदियों की अनदेखी का आरोप भी लगाया.
  • बरेली में नदियों का पानी प्रदूषित देख भक्त बिना स्नान किए वापस लौट गए.
Intro:एंकर: मुरादाबाद: कार्तिक पूर्णिमा के दिन आज गंगा स्नान के लिए सुबह से ही लोगों का तांता नदियों के किनारे लगा हुआ है. पीतलनगरी मुरादाबाद में कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों का प्रदूषण हावी रहा और नदियों में गंदगी देख लोग बिना स्नान किये ही वापस लौटते नजर आए. कूड़े और गंदगी के अंबार के बीच स्नान की लालसा लिए पहुंचे श्रद्धालु प्रदूषण के चलते नदी का काला हुआ पानी देख कर हैरान हो गए और प्रशासन को कोसते नजर आए. गागन नदी पर जमा श्रद्धालु गंदगी देखने के बाद जहां स्नान करने का इरादा छोड़कर वापस लौट गए वहीं श्रद्धालुओ के मुताबिक प्रदूषण के चलते नदी का पानी आचमन के लायक भी नही रह गया है.


Body:वीओ वन: मुरादाबाद शहर से होकर बहने वाली गागन नदी में आज कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे थे. सुबह होते ही लोग अपने छोटे बच्चों को आज के दिन मुंडन के लिए भी नदी किनारे लेकर आये थे. गागन नदी किनारे पहुंचे श्रद्धालु उस वक्त हैरान रह गए जब प्रदूषण के चलते नदी में गंदगी और कूड़े का ढेर लगा नजर आया. प्रदूषण के चलते नदी एक नाले में सिमट कर रह गई है और नदी के पानी का रंग काला पड़ गया है. नदी की हालत देख कर श्रद्धालु जहां निराश नजर आए वहीं स्थानीय प्रशासन को भी कोसते नजर आए. नदी किनारे बड़ी संख्या में मासूम बच्चों को लेकर पहुंची महिलाएं भी सिर्फ पूजा कर वापस लौट आई.
बाईट: सोमपाल: श्रद्धालु
बाईट: सोनू: श्रद्धालु
वीओ टू: मुरादाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने से जहां वायु प्रदूषण बढ़ा है वहीं नदियों की हालत भी बद से बदतर हुई है. पीतल भट्टियों से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी के चलते नदियों में जलीय जीव समाप्त हो चुके है और नदी गंदगी के चलते एक नाले में तब्दील हो चुकी है. स्थानीय प्रशासन नदियों की हालत सुधारने के लिए जहां लगातार सफाई अभियान और सख्ती करने का दावा करता है वहीं गागन नदी की ये तस्वीर प्रशासन के दावों की पोल खोलती नजर आती है. पर्यावरण विशेषज्ञ भी मानते है कि मुरादाबाद में प्रदूषण के चलते नदियों का अस्तित्व संकट में है.
बाईट: अनामिका त्रिपाठी: प्रोफेसर हिन्दू कालेज


Conclusion:वीओ तीन: कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान किये बिना वापस लौटे श्रद्धालु जहां निराश दिखें वही लोगों का कहना था कि पर्व से पहले प्रशासन को सफाई व्यवस्था करनी चाहिए थी. प्रशासन के अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है लेकिन हैरानी की बात यह कि एनजीटी के आदेशों के बाद भी प्रदूषण की मार कम होने का नाम नही ले रही है.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
9634544417
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